देहरादून: सिक्ख समुदाय ने अपने परिश्रम एव साहस से राष्ट्र-निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया है, अत्यन्त शान्तिप्रिय तथा मानवता में विश्वास रखने वाले सिक्ख समुदाय के लोग तथा गुरूओं ने जब भी आवश्यकता पड़ी देश के लिए बलिदान देने में हमेशा आगे रहे। गुरूओं के बलिदान के बिना भारत के इतिहास की कल्पना भी नही जा सकती। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून के पटेल नगर स्थित गुरूद्वारा श्री हरकिशन साहिब जी में गुरूद्वारा सिंह सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने गुरूद्वारे में विधिवत माथा टेका तथा सत्संग में समय व्यतीत किया। उन्होंने प्रार्थना की कि गुरूओं का आर्शीवाद सभी प्रदेशवासियों पर बना रहे तथा उत्तराखण्ड प्रगति तथा विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड साम्प्रदायिक सौहार्द का अत्यन्त सुन्दर उदाहरण है। राज्य में हेमकुंड साहिब तथा रीठा साहिब महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। रीठा साहिब के महत्व पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी देवभूमि की सौभाग्यशाली धरती ही है जहाॅं विश्व में एकमात्र स्थान पर पर मीठा रीठा पाया जाता है । यह उत्तराखण्ड के लिए गर्व और सौभाग्य की बात है कि गुरू नानक देव जी ने अपने शिष्य भाई मरदाना जह के साथ यहाॅ स्वयं भ्रमण पर आये। नौवे सिक्ख गुरू, गुरू गोविन्द सिंह जी को समर्पित चमोली स्थित गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब तीर्थाटन के अतिरिक्त पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यन्त महत्व रखता है। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य सरकार चारधाम तीर्थो के अतिरिक्त हेमुकुंड साहिब, रीठा साहिब तथा पिरान कलियर आदि सभी धार्मिक तीर्थाटनों के विकास के लिए प्रतिबद्व है।
मुख्यमंत्री ने सिक्ख समुदाय के निस्वार्थ मानव सेवा तथा परिश्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य निर्माण तथा व्यापारिक गतिविधियों में उनका महत्वपूर्ण योगदान है तथा राज्य सरकार उनकी सभी समस्याओं का निराकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।