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केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती के साथ नमामि गंगे योजना की समीक्षा बैठक करते हुए: मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जल नदियों के जल संवर्धन के लिए बड़ी संख्या में चाल खाल योजनाओं के साथ ही गंगा व यमुना की सहायक नदियों पर बैराज बनाकर बरसात के पानी को रोकने की योजनाओं पर ध्यान देने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि गंगा में पानी की मात्रा बढने से ही गंगा सफाई योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने जंगलों में भी बड़ी संख्या में वाटर वाड़ी बनाने पर बल दिया है ताकि जंगलों की हरियाली लौट सकें। जंगली जानवरों को पानी व चारा आदि उपलब्ध हो सके।

गुरूवार को सचिवालय में केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती के साथ नमामि गंगे योजना की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि यदि हम प्रदेश की सोग कोसी नयार जैसी नदियों में बैराज बनायंे तथा बड़ी संख्या में चाल खाल का निर्माण करें तो इससे गंगा में 2 से 5 प्रतिशत तक पानी की बढोत्तरी हो सकती है। इसके लिये केन्द्र व राज्य सरकार को आपसी समन्वय के साथ पहल करनी होगी। तथा वाटर रीवर एरिया व मानसून जल संवर्धन जैसी योजनाओं पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से प्रदेश में नमामि गंगे के तहत संचालित सीवरेज योजनाओें के लिए धनराशि उपलब्ध कराने की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि अर्द्धकुम्भ में श्रद्धालुओं  को स्वच्छ गंगाजल उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि त्रिवेणीघाट ऋषिकेश, सराय व अहबवनगर हरिद्वार की सीवरेज योजना अन्तिम चरण में है। जबकि गंगोत्री, तपोवन, बद्रीनाथ, जोशीमठ, गोपेश्वर, देवप्रयाग की सीवरेज योजनाओं पर कार्य चल रहा है। हरिद्वार में ही सीवरेज व रीवर फ्रन्ट डेवलेपमेंट की दो योजनाओं गंगोत्री, देवप्रयाग व उत्तरकाशी की योजनाओं को पूर्व में स्वीकृति प्रदान की गई थी किन्तु इनके लिए मिलने वाली केन्द्रीय सहायता उपलब्ध न होने के कारण निर्माण कार्य बाधित हो रहे है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के अधीन 15 योजनाओं के प्रस्ताव भी स्वीकृति हेतु लम्बित है, जिन पर भी शीघ्रता अपेक्षित है।
उन्होंने पिण्डर नदी के किनारे बसे नारायणबगड, थराली जैसे कस्बों में भी सीवरेज की रोकथाम से संबंधित योजनाओं को इसमें शामिल करने की अपेक्षा की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से अर्द्धकुम्भ मेले के लिए अपेक्षित धनराशि उपलब्ध कराने की भी बात बैठक में रखी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बाढ़ सुरक्षा से संबंधित पूर्व में स्वीकृत योजनाओं को भी मंजूरी देने की मांग की अन्यथा बजट के अभाव में अधूरे निर्माण कार्यों का बरसात में बहने का अंदेशा रहेगा।  उन्होंने छोटे-छोटे सीवरेज ट्रीटमंेट प्लान स्थापित करने पर जोर दिया। इससे कार्य शीघ्रता से हो सकेगा।
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री श्री रावत के प्रस्तावो पर अविलम्ब कार्यवाही के निर्देश अधिकारियो को दिए। उन्होंने नदियों में बेराज बनाने व चाल-चाल योजना को जल क्रान्ति अभियान से जोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही केन्द्रीय तकनीकि दल भी प्रदेश के भ्रमण पर आयेगा। उनका प्रयास होगा कि अर्द्धकुम्भ से पूर्व गंगा की निर्मलता के लिये नमामि गंगे योजना के तहत संचालित योजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध हो जाय। उन्होंने कहा कि गंगा गंगोत्री व बदरीनाथ से ही स्वच्छ हो इसके लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिये जाने की उन्होंने बात कही।
बैठक में सभा सचिव व विधायक गणेश गोदियाल जीत राम, राजेन्द्र भण्डारी, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस.राजू, नमामि गंगे के नेशनल मिशन डायरेक्टर टी.वी.एस.एन प्रसाद, जल संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेन्द्र प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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