35 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कैबिनेट ने बीएसएनएल, एमटीएनएल और बीबीएनएल द्वारा की गई खरीद में मेसर्स आईटीआई लिमिटेड के लिए खरीद कोटे को मंजूरी दी

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बीएसएनएल, एमटीएनएल और बीबीएनएल द्वारा की गई खरीद में मेसर्स आईटीआई लिमिटेड के लिए खरीद कोटे को मंजूरी दे दी है।

      सीसीईए ने आज मेसर्स आईटीआई लिमिटेड के लिए खरीद कोटे को जारी रखने के संबंध में निम्नलिखित प्रस्ताव को मंजूरी दीः

(ए) निम्नलिखित को आरक्षित करते हुए मेसर्स आईटीआई लिमिटेड के लिए आरक्षण कोटा नीति को जारी रखना  1) बीएसएनएल, एमटीएनएल और बीबीएनएल द्वारा दिये गये कुल खरीद आदेशों (ऑर्डर) का 30 प्रतिशत मेसर्स आईटीआई लिमिटेड के लिए आरक्षित रखा जाएगा। यह कोटा संबंधी आरक्षण मेसर्स आईटीआई लिमिटेड द्वारा निर्मित उत्पादों के साथ-साथ आउटसोर्स की गई उन वस्तुओं के लिए भी होगा, जिनमें मेसर्स आईटीआई लिमिटेड द्वारा वर्ष 2018-19 के दौरान न्यूनतम 12 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया गया है और वर्ष 2019-20 में 16 प्रतिशत मूल्यवर्धन तथा वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया जाएगा।  2) तैयारशुदा परियोजनाओं के लिए कुल आदेशों का 20 प्रतिशत आरक्षित रखा जाएगा (जैसे कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के जीएसएम नेटवर्क को शुरू करना, वाई-फाई इत्यादि और बीबीएनएल के भारतनेट परियोजना नेटवर्क को शुरू करना, इत्यादि)।

(बी)  आईटीआई आरक्षण कोटे के तहत ऑर्डर को केवल तभी स्वीकार करेगी जब कीमत के बारे में जानकारी मिल जाएगी और यह कीमत वाणिज्यिक दृष्टि से लाभप्रद होगी।

(सी)  आईटीआई निविदा खुलने के 15 दिनों के भीतर आरक्षण कोटे के तहत अपने विकल्प का इस्तेमाल करेगी।

(डी) उपर्युक्त नीतिगत उपाय सीसीईए की मंजूरी मिलने की तिथि से लेकर अगले तीन वर्षों तक प्रभावी रहेंगे। निर्धारित अवधि के समाप्त होने के बाद आईटीआई की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस नीति की फिर से समीक्षा की जाएगी।

पृष्ठभूमिः

 मेसर्स आईटीआई लिमिटेड संचार मंत्रालय, दूरसंचार विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाला एक सूचीबद्ध अनुसूचित ‘ए’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है। यह कंपनी रक्षा संचार एवं नेटवर्किंग से संबंधित जरूरतों की आपूर्ति करती है और इसके साथ ही यह भारतीय सेना को कूटलेखन (एन्क्रिप्शन) उत्पादों की आपूर्ति करती है। मुख्य ग्राहकों में बीएसएनएल, एमटीएनएल, रक्षा, अर्द्ध-सैन्य बल और राज्य सरकारें शामिल हैं। आईटीआई की छह विनिर्माण इकाइयां (यूनिट) बेंगलुरू (कर्नाटक), रायबरेली, नैनी एवं मनकपुर (सभी उत्तर प्रदेश में), पलक्कड़ (केरल) और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में हैं।

चूंकि यह कंपनी वर्ष 2004 में रुग्ण हो गई थी और इसे बीआईएफआर के सुपुर्द कर दिया गया था, इसलिए जीसीईए ने 12 फरवरी 2014 को आयोजित की गई अपनी बैठक में इसके पुनरुत्थान के लिए 4156.79 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। दूरसंचार निर्माण के प्रतिस्पर्धी माहौल में आईटीआई का अस्तित्व बनाये रखने के लिए बीएसएनएल और एमटीएनएल 30 प्रतिशत का आरक्षण टा आईटीआई लिमिटेड के लिए अलग रखती रही हैं। आईटीआई लिमिटेड को दिये जाने वाले आरक्षण लाभ की वैधता 31 मई, 2018 को समाप्त हो गई है।

बीएसएनएल, एमटीएनएल और बीबीएनएल से आईटीआई लिमिटेड को तीन और वर्षों तक आरक्षण कोटे का लाभ देने का अनुरोध किया जाएगा।

प्रमुख असरः

 (1) बीएसएनएल, एमटीएनएल और बीबीएनएल द्वारा दिये गये कुल खरीद आदेशों (ऑर्डर) का 30 प्रतिशत मेसर्स आईटीआई लिमिटेड के लिए आरक्षित रखा जाएगा। यह कोटा संबंधी आरक्षण मेसर्स आईटीआई लिमिटेड द्वारा निर्मित उत्पादों के साथ-साथ आउटसोर्स की गई उन वस्तुओं के लिए भी होगा, जिनमें मेसर्स आईटीआई लिमिटेड द्वारा वर्ष 2018-19 के दौरान न्यूनतम 12 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया गया है और वर्ष 2019-20 में 16 प्रतिशत मूल्यवर्धन तथा वर्ष 2020-21 में 20 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया जाएगा और (2) तैयारशुदा परियोजनाओं के लिए कुल आदेशों का 20 प्रतिशत आरक्षित रखा जाएगा (जैसे कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के जीएसएम नेटवर्क को शुरू करना, वाई-फाई इत्यादि और बीबीएनएल के भारतनेट परियोजना नेटवर्क को शुरू करना, इत्यादि) जैसे इन दो मामलों में लाभ की अवधि का विस्तार होने से उत्पादन संबंधी गतिविधियों हेतु एफटीएल के लिए पर्याप्त ऑर्डर सुनिश्चित होंगे। बीएसएनएल, एमटीएनएल और बीबीएनएल की ओर से खरीद कोटे का प्रावधान होने से आईटीआई की ऑर्डर-बुक को ज्यादा बढ़ावा मिलेगा तथा इसके साथ ही उसकी वित्तीय स्थिति को बेहतर करने में मदद मिलेगी।

इस निर्णय से आईटीआई लाभान्वित होगी। इससे विशेषकर नई दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में कंपनी में और ज्यादा रोजगार अवसर सृजित करने में भी मदद मिलेगी।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More