40 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भोजन में वसा की मात्रा नियन्त्रित रखकर हृदयरोग से बचें

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: डा0 अमृतराज के अनुसार हृदय रोग से सम्बन्धित व्याधियों में दो प्रमुख व्याधियाॅ हृदयशूल (एनजाइना) और दूसरी दिल का दौरा (हार्ट अटैक) है।

आधुनिक समय में गलत खान-पान, अव्यवस्थित जीवनचर्या, कम शारीरिक परिश्रम, व्यायाम का अभाव, गरिष्ठ वसा युक्त आहार का सेवन अधिक हो रहा है, इसके परिणामस्वरूप होने वाले रोगों में एक घातक रोग हृदय रोग है जो रक्त में कोलेस्ट्राॅल के बढ़े हुए स्तर के कारण होती है।
रक्त की धमनियों में कोलेस्ट्राल का जमाव व ब्लडप्रेशर हृदय रोग का कारण बनता है। कोलेस्ट्राल एक प्रकार के सीमेन्ट की तरह कार्य करता हैं जो रक्तधमनियों में जमा होता जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 20 ग्राम वसा का ही सेवन करना चाहिए। दरअसल रक्त में लिपिड्स (वसा) बढ़ने को हायपर लिपिडीमिया कहा जाता है। और जब रक्त में सामान्य मात्रा से वसा (लिपिड्स) का स्तर ज्यादा हो जाता है, तब एथिरोमा बनने की संभावना भी बढ़ जाती है। चिकित्सक हृदय रोग की आंशका पर प्रत्येक व्यक्ति को लिपिड-प्रोफाइल कराने को कहते हैं, और इसी रिर्पोट के आधार पर व्यक्ति का उपचार करते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन में वसा की मात्रा संतुलित व नियन्त्रित रखना चाहिए, जिससे वह हृदय रोग की चपेट में न आएं।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More