27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही डायल ‘100’ सेवा प्रदेश की कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाने में कारगर साबित होगी: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही डायल ‘100’ सेवा प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने में कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि चैबीसों घण्टे काम करने वाली यह परियोजना अपराधों के नियंत्रण एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में ‘गेम चेंजर’ होगी और दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेगी। पुलिस पर अपराध नियंत्रित करने की बड़ी जिम्मेदारी है, जिसमें डायल ‘100’ परियोजना से बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अच्छी कानून-व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्रति राज्य सरकार की नीयत साफ है, जो इस प्रयास से पूरी तरह स्पष्ट हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर डायल ‘100’ मीडिया प्रेजेंटेशन’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डायल ‘100’ परियोजना को लागू करने के लिए देश-विदेश में संचालित ऐसी परियोजनाओं के अनुभवों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डायल ‘100’ परियोजना संचालित होने से प्रदेश की जनता में सुरक्षा को लेकर भरोसा और बढ़ेगा।
श्री यादव ने कहा कि पुलिस पर बड़ी जिम्मेदारी है। साथ ही, चुनौतियां भी बड़ी हैं। क्योंकि आधुनिक तकनीक और संचार साधनों के चलते अपराध के तरीके भी बदल गए हैं। इसका मुकाबला अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों को अपनाकर ही किया जा सकता है। समाज में सभी लोग चाहते हैं कि अपराध और बुरा काम करने वाले लोग जेल जाएं, इसके लिए पुलिस को उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं पर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विकास योजनाओं जैसे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो रेल, मार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा जनहितकारी योजनाओं जैसे समाजवादी पेंशन योजना इत्यादि के लाभ का प्रभाव तभी दिखायी देगा, जब प्रदेश की कानून-व्यवस्था अच्छी होगी और लोग आसानी से अपने सभी व्यापार, काम तथा उद्योग-धन्धे कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने डायल ‘100’ परियोजना की परिकल्पना के लिए श्री वेंकट चंगावली की प्रशंसा की। उन्होंने इसके क्रियान्वयन से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारियों की भी तारीफ की।
कार्यक्रम को मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है, जो एक साथ पूरे राज्य में लागू होगी। इसका कार्यालय शहीद पथ पर बन रहा है, जो अक्टूबर, 2016 तक आंशिक रूप से क्रियाशील हो जाएगा। प्रदेश के किसी भी स्थान से ‘100’ नम्बर पर काॅल करने पर पुलिस काॅलर तक 10-15 मिनट के अंदर पहुंच जाएगी और उसकी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए इसमें 25,000 कर्मचारी लगाए जाएंगे, जिन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
श्री रंजन ने कहा कि इस सेवा में एस0पी0, एस0एस0पी0 सहित नियमित पुलिसकर्मियों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि पूरी तरह विकसित होने के उपरान्त लागू होने पर यह एक विश्वस्तरीय सेवा होगी।
गृह विभाग के सलाहकार श्री वेंकट चंगावली ने डायल ‘100’ का प्रस्तुतिकरण करते हुए बताया कि इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नगरीय तथा दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले सभी नागरिकों को जन सुरक्षा की आपातकालीन सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को उच्च स्तर की आकस्मिक जन सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध कराना है। यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत आपातकालीन सेवा होगी, जो प्रदेश के 75 जिलों, 689 शहरों व कस्बों और 1,07,452 गांवों में निवास करने वाली 22 करोड़ की जनसंख्या को आच्छादित करेगी।
श्री चंगावली ने कहा कि जन सुरक्षा के दृष्टिकोण से संचालित अन्य सभी सेवाएं जैसे फायर सर्विस, राजमार्ग पुलिस, एकीकृत यातायात प्रबन्ध, स्मार्ट सिटी सर्विलांस, महिला पावर लाइन जैसी योजनाओं को भी इसी केन्द्र से एकीकृत किया जाएगा। इसके अंतर्गत पुलिस बल के रिस्पाॅन्स टाइम को भी निर्धारित किया गया है। शहरी क्षेत्रों के लिए दुपहिया वाहन द्वारा रिस्पाॅन्स टाइम 10 मिनट, शहरी क्षेत्र में चार पहिया वाहन द्वारा रिस्पाॅन्स टाइम 15 मिनट तथा ग्रामीण क्षेत्रों में चार पहिया वाहन के लिए 20 मिनट निर्धारित किया गया है।
श्री चंगावली ने बताया कि ‘राउण्ड द क्लाॅक’ काम करने वाला यह केन्द्र एक वृहद ‘काॅन्टैक्ट सेण्टर’ के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से नागरिक अपनी समस्याएं न केवल टेलीफोन के माध्यम से, बल्कि किसी भी अन्य संचार माध्यम जैसे एस0एम0एस0, ई-मेल, सोशल मीडिया इत्यादि से दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकों की काॅल्स को महिला काॅल आॅफिसर्स द्वारा रिसीव किया जाएगा, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों से पूरी संवेदनशीलता के साथ वार्ता कर उचित सहायता प्रदान की जा सके। नागरिक प्रदेश में बोली जाने वाली सभी आंचलिक भाषाओं, हिन्दी, अंग्रेजी तथा चिन्हित भाषाओं में वार्तालाप कर सकेंगे। दिव्यांगजन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी, ताकि वे अपनी समस्याएं सहज रूप से व्यक्त कर सकें।
गृह विभाग के सलाहकार ने कहा कि इस केन्द्र में आने वाली सभी काॅल्स की रिकाॅर्डिंग की जाएगी। आकस्मिक सहायता के लिए अनुभवी पुलिस अधिकारियों को प्रेषण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। विशेष आकस्मिकताओं के लिए मुख्य प्रेषण अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत पीड़ित किसी भी घटना की तस्वीरें तथा वीडियो अपलोड कर सकेंगे। स्थानीय थाने द्वारा इन अभिलेखों के आधार पर आवश्यक न्यायोचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पीड़ित व्यक्ति की मदद के उपरान्त काॅल सेण्टर द्वारा उसकी प्रतिक्रिया भी प्राप्त की जाएगी। उसके संतुष्ट होने के उपरान्त ही केन्द्र द्वारा प्रकरण को बंद किया जाएगा। इस केन्द्र में संकलित सूचनाओं/आंकड़ों का वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण भी किया जाएगा।
श्री चंगावली ने कहा कि इस केन्द्र की स्थापना से नागरिकों का सशक्तिकरण भी होगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति की समस्या को दर्ज किए जाने के संदर्भ में थाने के विवेकाधिकार की समाप्ति होगी और स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बिना घटना दर्ज होगी। इसके अंतर्गत नागरिकों द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य का पुलिस द्वारा संज्ञान लिया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More