23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नये एमबीबीएस स्‍नातकों को पहला प्रमोशन देने से पहले ग्रामीण इलाकों में उनकी तैनाती अनिवार्य बनाई जाए: वेंकैया नायडू

देश-विदेश

नई दिल्लीः उप राष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में डॉक्‍टरों की कमी ही समस्‍या का संभावित समाधान नये एमबीबीएस स्‍नातकों को पहला प्रमोशन देने से पहले ग्रामीण इलाकों में उनकी अनिवार्य तैनाती हो सकता है। उप राष्‍ट्रपति आज यहां ‘हीलींग द हार्ट ऑफ हेल्‍थ केयर-लीवींग नो वन बिहाइन्‍ड विषय पर 15वें विश्‍व ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन्‍स ने किया। इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति मौजूद थे।

      उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि बुनियादी ढांचे और मानव श्रम की कमी के कारण कम आय वाले और विकासशील देशों में प्रभावी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान करने के मामले में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भिन्‍नता देखने को मिलती है। उन्‍होंने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में असमानताएं हैं, जबकि अफ्रीका की 83 प्रतिशत ग्रामीण जनता की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं तक पहुंच नहीं है। आईएलओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर के शहरी इलाकों में 30 लाख स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं की कमी की तुलना में ग्रामीण इलाकों में 70 लाख स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं की कमी है।

      उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि इस स्थिति में सुधार के लिए स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र से जुड़े सभी साझेदारों को मिलकर प्रयास करने चाहिए। एक विस्‍तृत तथा सुव्‍यवस्थित दृष्टिकोण अपनाकर इन असमानताओं को दूर किया जा सकता है और सस्‍ती स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र, एनजीओ और एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियन्‍स ऑफ इंडिया जैसे डॉक्‍टरों के संगठन शहरों और गांवों के बीच भिन्‍नता को समाप्‍त करने में सरकार के प्रयासों में भागीदार बनकर वृहद भूमिका निभा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डॉक्‍टरों की कमी को दूर करने के लिए संभावित समाधान नये एमबीबीएस स्‍नातकों को पहला प्रमोशन देने से पहले उनकी ग्रामीण इलाकों में अनिवार्य तैनाती हो सकता है।

      उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि डॉक्‍टर-मरीज का कम अनुपात, कुशल अर्द्ध चिकित्‍सकों की कमी और खराब बुनियादी ढांचा जैसी प्रमुख कठिनाइयां एक प्रभावी स्‍वास्‍था सेवा प्रणाली देने में   बाधा बनती हैं, जिन्‍हें दूर करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्‍छा शक्ति और गैर-सरकारी संगठनों की सहायता से प्रमुख राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के समर्थन की आवश्‍यकता है।

      फैमिली डॉक्‍टर की अवधारणा को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की आवश्‍यकता को उजागर करते हुए उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि फैमिली डॉक्‍टर समुदायों के भीतर पूरे परिवार की प्राथमिक और निरंतर देखभाल करता है; शा‍रीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्‍याओं का समाधान करता है; और जरूरत पड़ने पर अन्‍य विशेषज्ञों के साथ विस्‍तृत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदान करता है। फैमिली फिजिशियन्‍स घातक, पुरानी बीमारियों के अलावा रोगनिरोधी चिकित्‍सा सेवा देता है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More