39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

‘सदैव अटल’ भारत रत्‍न और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि कल राष्‍ट्र को समर्पित की जायेगी – यह समाधि एक कवि, मानवतावादी राजनेता और एक महान नेता के रूप में उनके व्‍यक्तित्‍व को दर्शाती है

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत रत्‍न, भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि, ‘’सदैव अटल’’ 25 दिसम्‍बर, 2018 को राष्‍ट्र को समर्पित की जायेगी। यह समाधि एक कवि, मानवतावादी राजनेता और एक महान नेता के रूप में उनके व्‍यक्तित्‍व को दर्शाती है। समाधि के केंद्रीय मंच में नौ चौकोर काली पॉलिश वाले ग्रेनाइट के ठोस पत्‍थर के ब्‍लॉक लगे हैं, जिसके केन्‍द्र में एक दीया रखा गया है – यह नौ की संख्‍या नवरासों,नवरात्रों और नवग्रहों का प्रतिनिधित्‍व करती है। नौ चौकोर पत्‍थरों की इस समाधि का मंच एक गोलाकार कमल के आकार में है। नौ चौकोर मंच तक चार प्रमुख दिशाओं से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए सफेद मिश्रित टाइलों से मार्ग बनाये गये हैं ताकि फर्श गर्म न हो।

अटल जी के विचार और दृष्टिकोण देश के लोगों के लिए बड़ी प्रेरणा के स्रोत हैं। लोग एक महान आत्‍मा के प्रति अपना सम्‍मान प्रकट कर सकें इसके लिए अटल स्‍मृति न्‍यास सोसायटी ने इस समाधि को विकसित करने की पहल की थी। यह सोसायटी प्रख्‍यात व्‍यक्तियों द्वारा गठित की गई है, जो 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है। सोसायटी के संस्‍थापक सदस्‍यों में श्रीमती सुमित्रा महाजन, श्रीलाजी टंडन, श्री ओ.पी. कोहली, श्री वजुभाई रूदाभाई वाला, श्री विजय कुमार मल्‍होत्रा, श्री राम लाल जी और श्री राम बहादुर राय शामिल हैं।

समाधि के लिए सरकार ने राजघाट के पास भूमि उपलब्‍ध करवाई गई है, जिसे सोसायटी अपनी लागत से एक सार्वजनिक स्‍थल के रूप में विकसित करेगी और इसकी देख-रेख करेगी। समाधि के लिए निर्धारित यह भूमि सरकार की ही रहेगी।

समाधि के निर्माण में देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से लाये गये पत्‍थरों का उपयोग किया गया है – इस प्रकार विविधता में एकता पर जोर दिया गया है। मुख्‍य समाधि का पत्‍थर खम्‍मम, तेलंगाना की सबसे अच्‍छी खदानों से प्राप्‍त मोनोलिथिक जेड ब्‍लैक पत्‍थर है। परिक्रमा क्षेत्र में सफेद मिश्रित टाइलें लगाई गई हैं, जो धूप में गर्म नहीं होती हैं। समाधि के केंद्र में बनाया गया दीया, खम्‍मम से प्राप्‍त लैदर फिनिश काले ग्रेनाइट पत्‍थर से बना है। दीये की लौ क्रिस्‍टल में बनाई गयी हैं जिसमें एलईडी लाइटें लगी हैं। अंदरूनी पंखुडियाँ और बाहरी पंखुडियॉं और पंखुडियों के बीच का स्‍थान जो बाहरी परिक्रमा का एक हिस्‍सा है, उसे क्रिस्‍टल येलो और नियो कॉपर ग्रेनाइट की रंग संरचना में रखा गया है। इसे आबू रोड़, राजस्‍थान की सर्वश्रेष्‍ठ खदानों से प्राप्‍त किया गया है। रास्‍तों में लैदर फिनिश काला ग्रेनाइट बिछाया गया है। इस समाधि का निर्माण कार्य सीपीडब्‍ल्‍यूडी ने 10.51 करोड़ रूपये की लागत से पूरा किया है। समाधि निर्माण का पूरा खर्च ‘अटल स्‍मृति न्‍यास सोसाइटी’ ने उठाया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More