32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अटल पेंशन योजना की लांचिंग के 3 साल पूरे होने पर इसके सदस्‍यों की संख्‍या ने 1 करोड़ का आंकड़ा पार किया

देश-विदेशव्यापार

नई दिल्ली: अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के 3 साल पूरे होने पर इस स्‍कीम के सदस्‍यों की संख्‍या 1 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। एपीवाई का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 9 मई, 2015 को कोलकाता में आयोजित एक समारोह में किया था। वर्तमान में इस योजना के सदस्‍यों की संख्‍या कुल मिलाकर 1.10 करोड़ है।

भारत सरकार द्वारा देश के नागरिकों के लिए घोषित की गई गारंटीड पेंशन वाली इस स्‍कीम अर्थात अटल पेंशन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों पर फोकस किया जाता है, जिनकी हिस्‍सेदारी कुल श्रम बल में 85 प्रतिशत से भी अधिक है। अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र पूरी होने पर प्रति माह 1000 रुपये या 2000 रुपये अथवा 3000 रुपये या 4000 रुपये अथवा 5000 रुपये की गारंटीड न्‍यूनतम पेंशन मिलेगी जो सदस्‍यों द्वारा किए जाने वाले अंशदान पर निर्भर करेगी। संबंधित सदस्‍य की पत्‍नी/पति भी पेंशन पाने का हकदार है और नामित व्‍यक्ति को संचित पेंशन राशि दी जाएगी।

अटल पेंशन योजना की लांचिंग के तीन साल पूरे होने के अवसर पर पेंशन कोष नियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से देश भर में ‘एपीवाई निर्माण दिवस’  के नाम से एक व्‍यापक पहुंच अभियान आयोजित किया, ताकि बैंकों और डाक विभाग द्वारा एपीवाई में नामांकन में वृद्धि की जा सके।

एपीवाई के तहत ग्राहक आधार कई गुना बढ़कर वर्तमान स्‍तर पर पहुंचा है और एपीवाई की पेशकश सभी बैंकों और डाकघरों द्वारा की जाती है। अब तक अटल पेंशन योजना के तहत 3950 करोड़ रुपये का अंशदान एक‍त्र हुआ है। इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर मार्च 2018 तक लगभग 9.10 प्रतिशत का सीएजीआर सृजित किया है।

एपीवाई के कुल सदस्‍यों की दृष्टि से शीर्ष राज्‍य निम्‍नलिखित हैं:-

क्रम संख्‍या राज्‍य का नाम एपीवाई के सदस्‍यों की संख्‍या
1 उत्तर प्रदेश 1,401,631
2 बिहार 1,061,660
3 तमिलनाडु 814,917
4 महाराष्‍ट्र 758,695
5 कर्नाटक 686,504
6 आंध्र प्रदेश 653,404
7 पश्चिम बंगाल 551,471
8 मध्‍य प्रदेश 498,111
9 राजस्‍थान 497,962
10 गुजरात 486,465

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More