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वर्ष 2015 के अशोका फैलोज से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन

President’s Greetings on the eve of Easter
देश-विदेश

नई दिल्‍ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2015 के अशोका फैलोज से मुलाकात के दौरान कहा कि तत्काल समाजिक समस्याओं के

अभिनव समाधान के लिए अशोका समर्पित उद्यमियों का एक विश्व व्यापी नेटवर्क है। श्री मुखर्जी ने अशोका अन्वेषकों के प्रतिनिधियों और का गर्मजोशी से स्‍वागत करते हुए कहा यह संस्थान कि यह समाजिक उद्यमियों को एक परवर्तित सोच के साथ कार्य करने हेतु एक सशक्त मंच प्रदान करता है। उन्‍होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अपनी स्थापना के पिछले 35 वर्षो में इस संगठन ने 82 देशों में भारत से चयनित 380 फैलोज सहित तीन हजार अशोका फैलोज को अनुभवी परामर्श और समर्थन दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया है कि अपने फैलोज का चयन करने में अशोका एक कड़ी चयन प्रक्रिया अपनाता है। उम्मीदवारों और उनके अन्वेषकों को प्रणाली परिवर्तन विचार, उदयमशीलता के लिए गुणवत्ता, सृजनशीलता और सामाजिक प्रभाव जैसे मानदंडों को पूर्ण करना होता है। श्री मुखर्जी ने कहा कि उन्‍हें यह जानकर बेहद सुखद अनुभव हो रहा है कि कार्यक्रम में उपस्थित वर्ष 2015 के फैलोज ने शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य देखभाल एवं शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में अभिनव समाधान तलाशे हैं।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक, निजी और सिविल सोसाइटी संस्‍थानों की बहुत सी ऐसी सामाजिक आवश्‍यकताएं हैं जिन्‍हें पूरी तरह से हल नहीं किया जाता। जबकि दूसरी ओर लोगों के बीच में बहुत सी ऐसी क्षमताएं और योग्‍यताएं हैं यदि इनका उपयोग किया जाये तो इससे आम पुरूष और महिलाओं की आवश्‍यकताओं का पूरा किया जा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मार्च 2015 में प्रथम बार राष्‍ट्रीय अभिनव फाउंडेशन के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में एक सप्‍ताह के अभिवनव समारोह का आयोजन किया गया। इसमें जमीन स्तर के अन्वेषकों के द्वार तैयार की गई नई तकनीकों और उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। अभिनव समारोह का दूसरा कार्यक्रम इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा। श्री मुखर्जी ने कहा कि इस कार्यक्रम में आप सहभागी होने पर विचार कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में भारत विदेशों से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सभी अन्वेषकों की भागीदारी से एक एक वैश्विक मंच प्रदान किया जाएगा।

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