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पीयूष गोयल के नेतृत्‍व में एक प्रतिनिधिमंडल व्लादिवोस्तोक जाएगा

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल के नेतृत्‍व में राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों और कारोबारी प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल 11 से 13 अगस्‍त, 2019 तक रूस के सुदूर पूर्व में अवस्थित व्लादिवोस्तोक के दौरे पर रहेगा। इस दौरे का मुख्‍य उद्देश्‍य निवेश अवसरों की तलाश करने के साथ-साथ सुदूर पूर्व के प्रांतों के साथ घनिष्‍ठ साझेदारियां सुनिश्चित करना है।

प्रतिनिधिमंडल में गोवा, गुजरात, हरियाणा, महाराष्‍ट्र एवं उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री और असम राज्‍य के एक पदाधिकारी शामिल हैं। राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ कारोबारी शिष्‍टमंडल भी शामिल होंगे जो रूस के सुदूरतम पूर्वी क्षेत्र के प्रांतों के पदाधिकारियों एवं कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री के इस दौरे का आयोजन दरअसल ‘पूर्वी आर्थिक फोरम’ की पांचवीं बैठक में भाग लेने के लिए सितम्‍बर के आरंभ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के व्लादिवोस्तोक दौरे से पहले किया जा रहा है। यह एक अंतर्राष्‍ट्रीय फोरम है जिसकी बैठक हर साल रूस के व्लादिवोस्तोक में की जाती है और जिसका उद्देश्‍य रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहयोग देना और एशिया–प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग का विस्‍तार करना है।

श्री पीयूष गोयल की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती लाने का माहौल बनेगा तथा इसके साथ ही रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र की आर्थिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्‍मक परियोजनाओं पर बड़ी घोषणाएं भी की जाएंगी।

प्राकृतिक संसाधनों के मामले में समृद्ध माने जाने वाले इस क्षेत्र में रूस के निवेश अनुकूल रुख से भारत को काफी लाभ होने की आशा है। निवेश अनुकूल उपायों में दिए गए व्‍यापक प्रोत्‍साहनों के साथ-साथ कर रियायतें भी शामिल हैं जिनके तहत परियोजनाओं में भारतीय निवेश एवं श्रम की अनुमति दी गई है। भारत के कई निकाय विद्युत, कोयला, तेल एंव गैस जैसे महत्‍वपूर्ण सेक्‍टरों में पहले से ही कार्यरत हैं तथा प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री के इस दौरे से उपर्युक्‍त क्षेत्र में भारत की मौजूदगी और ज्‍यादा बढ़ जाएगी।

प्रतिनिधिमंडल में कारोबारी हितधारकों के 125 से भी अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं जो हीरे एवं अन्‍य दुर्लभ धातुओं के खनन एवं प्रोसेसिंग, रेल, कृषि, मत्‍स्‍य पालन एवं खाद्य प्रसंस्‍करण, तेल व गैस, वानिकी तथा इमारती लकड़ी, कोयला एवं विद्युत, सिरामिक्‍स, पर्यटन, जहाज निर्माण, तकनीकी शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा एवं फार्मा और आयुर्वेद के क्षेत्रों में उपलब्‍ध अवसरों पर रूस के समकक्ष हितधारकों के साथ संवाद करेंगे।

 वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री सहयोग के नए क्षेत्रों की भी तलाश करेंगे और इसके साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि पूर्वी आर्थिक फोरम की बैठक में भारत की भागीदारी सार्थक साबित हो।

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