32.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उत्तराखंड: ‘जड़ों’ से दूर 44.57 लाख ने बनाया नया ठौर

44.57 million new shelters made from roots
उत्तराखंड

देहरादून: पलायन के पीछे अपनी-अपनी कहानी लिए 44.57 लाख लोग अपना घर बार छोड़कर उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में नया ठिकाना बनाकर निवास कर रहे हैं। देहरादून, कौन अपने घर-आंगन को अलविदा कहना चाहेगाघ् शायद कोई भी नहींए मगर किसी को अपने सपनों में रंग भरने के लिए अपनों से बिछड़ना पड़ रहा है, तो कोई दो जून की रोटी के लिए अपनी जड़ों से दूर होने को मजबूर है। पलायन के पीछे अपनी.अपनी कहानी लिए 44.57 लाख लोग अपना घर बार छोड़कर उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में नया ठिकाना बनाकर निवास कर रहे हैं। इसमें दूसरे प्रदेशों से उत्तराखंड में आए लोग शामिल हैं और वे लोग भी इसका हिस्सा हैंए जो राज्य के भीतर ही एक जिले से अन्य जिले या एक शहर से दूसरे शहर में रह रहे हैं।

महिलाओं की पलायन दर अधिक सामान्यत:

विवाह के बाद हर महिला का नया आशियाना उसके पति का घर होता है। यही वजह है कि प्रदेश में महिलाओं के पलायन की दर सबसे अधिक 65.37 फीसद है।
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार करीब 30 फीसद लोगों ने कामकाजए व्यापार और शिक्षा की खातिर अपने मूल स्थान से पलायन किया है। वहीं 26.29 फीसद लोगों ने पूरे परिवार के साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों को अपना ठौर बना लिया है।
मनुष्य का मूल स्वभाव है कि एक समय बाद उसे अपने जीवन में स्थायित्व चाहिए होता है। यही वजह है कि अपना मूल स्थान छोड़कर अन्यत्र बसे 27 लाख से अधिक लोगों ने नये स्थान को ही स्थायी ठिकाना बना लिया। ये 27 लाख से अधिक लोग 10 साल से अधिक समय से नये स्थान पर मौजूद पाए गए। जबकि डेढ़ लाख से अधिक ऐसे लोगों के आंकड़े भी जनगणना में एकत्रित किए गए हैंए जिनके हिस्से जन्म के बाद से ही पलायन आ गया था।
कविन्द्र पयाल
ब्यूरो चीफ, उत्तराखण्ड

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More