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30 वुमन इन पॉवर: देयर वॉयस, देयर स्टोरिज पुस्तक में योगदान देने वाली महिलाओं के साथ बैठक में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन

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नई दिल्ली: 30 वुमन इन पॉवर : देयर वॉयस, देयर स्टोरिज पुस्तक में योगदान करने वाली महिलाओं के साथ बैठक के दौरान राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन निम्नानुसार है- मैं उत्कृष्ट बैंकर नैना लाल किदवई द्वारा इन असाधारण महिलाओं की उपलब्धियों को संकलित करने के प्रयासों के लिए सराहना करता हूं। इसके साथ ही मैं विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली इस पुस्तक में उल्लेख हुई प्रख्यात और सशक्त महिलाओं को भी अपनी बधाई देता हूं। सफलता के पथ पर उनकी कहानियां और अनुभव निश्चित रूप से न सिर्फ महिलाओं के लिए प्रेरणा का श्रोत बनेंगे, बल्कि मैं यह कहना चाहूंगा कि यह सभी पुरूषों और महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का श्रोत होगा। चुनौतियों, दृढ़निश्चय, प्रतिबद्धता, लगन और अदम्य साहस की इन कहानियों के बिना कोई भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। यह पुस्तक महिलाओं द्वारा प्रतिदिन सामना की जाने वाली चुनौतियों के प्रति पुरूषों को जागरूक करेगी, जिससे उनके द्वारा लिए हर निर्णय के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित होगा। यह पुस्तक सिर्फ इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि यह महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करती है, बल्कि हमें यह याद दिलाती है कि लड़ाई अभी बाकी है और यह प्रतिदिन लड़ी जा रही है। यह पुस्तक महिलाओं की आंतरिक शक्ति के बारे में भी है, जो बताती है कि उनकी लगन और विश्वास उन्हें कहां तक ले जा सकता है।

एक राष्ट्र के रूप में हमें महिलाओं को समान अवसर और सम्मानित आजीविका अर्जित करने के अधिकार देने का सम्मान करना चाहिए। इस संबंध में पहला चरण संविधान द्वारा सभी को समान मानकर लिया जा चुका है।

अगर महिलाओं को अवसर मिले तो वह प्राकृतिक रूप से कई काम एक साथ करने में सक्षम होने के कारण अपनी पसंद के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं। एक बात जो मुझे सबसे अधिक चिंतित करती है वह है महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती हुई घटनाएं। कोई भी समाज जो महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकता वह उसे सभ्य समाज कहलाने का कोई हक नहीं है। वैदिक युग में महिलाओं को समाज में सर्वोच्च सम्मान और स्वतंत्रता दी जाती थी। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा भी समाज का प्रमुख कार्य था। यह हमारी संस्कृति और विरासत है। हम इसे भूल नहीं सकते। हम सब की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम एक ऐसा समाज बनाएं, जिसमें महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान मिले।

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