लखनऊ: दिनांक 20 फरवरी, 2015, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के आदेशानुसार उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पूरे प्रदेश के न्यायालयों में 22 फरवरी को आयोजित होने वाली प्रथम मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकार्ड वादों का निस्तारण कराने हेतु सुदृढ़ व्यवस्था की गयी है। इस अदालत के माध्यम से वादों का निस्तारण कराने के लिए वादकारियों तथा जन सामान्य को जागरूक करने की सार्थक पहल सुनिश्चित की गयी हैं।
यह जानकारी उ0प्र0 राज्यविधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि दीवानी आपराधिक, राजस्व, चकबंदी, श्रम, जलकर, गृहकर, आबकारी, वन, पारिवारिक/वैवाहिक, चेक अनादर, भूमि अधिग्रहण, खनन, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाओं निगम/नगर निगम, नगर पंचायत/विकास प्राधिकरणों सम्बन्धी चालानी, बैंक वसूली सम्बन्धित तथा इसके अलावा विभिन्न प्रशासनिक विभागों द्वारा उनके समक्ष लम्बित आवेदनों, प्रत्यावेदनों, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से सम्बन्धित प्रकरण, आधार कार्ड, जल एवं बिजली से संबंधित मामले, बी0पी0एल0 कार्ड, जनहित गारन्टी अधिनियम आदि के मामलो का निस्तारण किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि 22 फरवरी, 2015 को आयोजित होने वाली मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक मामले, धारा 138 पराक्रम्य लिखत अधिनियम, वसूली वाद आदि (लम्बित एवं प्री-लिटीगेशन मामले) को वरीयता प्रदान करने के साथ-साथ विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत सुलह योग्य वाद, अंतिम रिपोर्ट, धारा 446 द0प्र0स0 सम्बन्धी मामले, पब्लिक प्रिमिसेज एक्ट सम्बन्धी मामले, उत्तराधिकार सम्बन्धी मामले, आयुध अधिनियम के उपयुक्त प्रकरण, बीमा सम्बन्धी वाद, स्थानीय विधियों के अन्तर्गत शमनीय वाद, सेवा/वेतन संबंधी वाद, सेवा निवृत्तिक परिलाभों से सम्बन्धित प्रकरण, किरायेदारी वाद, वन अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण, पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत चालान, मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत चालान, मनोरंजन कर अधिनियम के अन्तर्गत चालान, बाट तथा माप (प्रचालन) अधिनियम के अन्तर्गत चालान के मामलों का निस्तारण कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश दुकान एवं वाणिज्य अधिनियम के अन्तर्गत चालान, चलचित्र अधिनियम के अन्तर्गत चालन, आबकारी अधिनियम सम्बन्धी वाद, गैम्बलिंग एक्ट के अन्तर्गत चालान, नगर निगम/नगर पालिका के अन्तर्गत चालान, विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत चालान, मेड़बन्दी एवं दाखिल खारिज वाद, मोबाइल फोन एवं केबल नेटवर्क सम्बन्धी प्रकरण, प्रि-लिटीगेशन प्रकरण, मनरेगा प्रकरण, शिक्षा का अधिकार सम्बन्धी प्रकरण, जलकर एवं गृहकर, कैंटोनमेन्ट बोर्ड प्रकरण, रेलवे दावे, आपदा राहत प्रकरण, कराधान प्रकरण, राशन एवं गृहकर, कैंटोनमेन्ट बोर्ड प्रकरण, रेलवे दावे, आपदा राहत प्रकरण, कराधान प्रकरण, राशन कार्ड/बी0पी0एल0 कार्ड/जाति एवं आय प्रमाण पत्र सम्बन्धित प्रकरण, आदि का भी निपटारा आपसी सुलह समझौते के आधार पर कराया जायेगा।
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