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सैनेट्री नैपकिन उत्पादन ईकाई के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः सीएम त्रिवेद्र सिंह रावत

उत्तराखंड

रूद्रपुर: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वेदांता समूह की ईकाई हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड सिडकुल पंतनगर के सीएसआर निधि से स्थापित एवं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के नियंत्रणाधीन उत्तराखण्ड की प्रथम स्पर्श सैनेटरी नेपकिन उत्पादन इकाई, शिमला पिस्तौर प्रथम व द्वितीय में बाल विकास परियोजना रूद्रपुर ग्रामीण व ‘‘वन स्टाॅप सेंटर’’ का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवंेद्र ने कहा कि सैनेटरी नेपकिन के उत्पादन प्रारम्भ हो जाने से यहां की महिलाओं को बहुत कम कीमत पर सैनेटरी नेपकिन मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि माहवारी जैसे विषय पर प्रत्येक परिवार को इस विषय पर अपनी बालिकाओं कोे जानकारी दी जानी चाहिए ताकि बालिकाएं माहवारी के दौरान लिए जाने वाले उचित कदम उठा सके तथा निःसंकोच सेेनेटरी नेपकिन का उपयोग कर सके। उन्होंने कहा कि ये प्रकृति का सिस्टम है, इसके बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए। उन्होंने राज्य में घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभी भी बहुत से जनपदों को इसमें सुधार करते हुए लिंगानुपात को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पिथौरागढ़ में 1000 पर 813 बालिकाएं थी, पिथौरागढ़ प्रशासन द्वारा प्रयास किया गया जो अब बढ़कर 933 आ गई है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर में 1000 पर 1023 व उत्तरकाशी में 1000 पर 1094 बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए उधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून को विशेष प्रयास करने होंगे तथा भ्रूण हत्या को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि रूद्रपुर की तर्ज पर प्रदेश के सभी जनपदों में सेनेटरी नेपकिन यूनिट स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस समय एक नेपकिन की कीमत 03 रूपये रखी गई है। भविष्य में इसकी कीमत और भी कम कराई जायेगी ताकि आसानी से सभी किशोरियां इसका उपयोग कर सके।

इस अवसर पर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक द्वारा यह कार्य प्रदेश के लिए अनुकरणीय उपलब्धि है। इस यूनिट में सीएसआर के माध्यम से महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा सेनेटरी नेपकिन बनाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण विभाग महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने महिलाओं व किशोरियों का आह्वान करते हुए कहा कि माहवारी के समय गन्दे कपड़ों का प्रयोग न करें, क्योंकि गन्दे कपडों के प्रयोग से अनेक प्रकार की बीमारियां होती हैं। उन्होंने कहा कि इस यूनिट के द्वारा प्रति दिन दस हजार सेनेटरी पैड का निर्माण होगा तथा प्रत्येक पैकेट में 07 पैड होंगे, जिनकी कीमत 21 रूपये होगी। उन्हांेने कहा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बालिका विद्यालय में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने हेतु स्वचालित मशीनें लगाई जायेंगी। जिसमें 10 रूपये डालने पर 03 नैपकिनें उपलब्ध होंगी।

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