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श्रम एवं सेवायोेजन विभाग की समीक्षा करते हुएः विभागीय मंत्री डा0 हरक सिंह रावत

श्रम एवं सेवायोेजन विभाग की समीक्षा करते हुएः विभागीय मंत्री डा0 हरक सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश के श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित सभागार में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम-1996 के अन्तर्गत पंजीकृत कामगारों तथा मनरेगा में नियोजित निर्माण श्रमिक हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
श्रम मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने श्रम चिकित्सा सेवा योजना की समीक्षा के दौरान बीमा कम्पनियों से प्रदेश में पंजीकृत लगभग 1.78 लाख कामगारों को शतप्रतिशत चिकित्सा का लाभ दिलाने हेतु सुझाव मांगे तथा प्रमुख सचिव श्रम को एम0एस0बी0वाई0 योजना में चिकित्सा सुविधा से छूटे पंजीकृत कामगारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की पात्रता सूची में शामिल कराने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बैठक में यह भी बात प्रकाश में आई, कि कतिपय कामगार जो स्थाई निवासी नहीं हैं तथा मुख्यमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत नहीं आते हैं, का अलग से प्रीमियम विभाग द्वारा बीमा कम्पनियों को उपलब्ध कराकर उन्हें चिकित्सा सेवा की सुविधा का लाभ दिलाया जाये। डाॅ0 रावत ने ऐसा साफ्टवेयर तैयार कराने के निर्देश दिये, जिससे मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा से आच्छादित तथा बोर्ड से पंजीकृत अनाच्छादित कामगारों की अलग-अलग संख्या पता चल सके। ताकि योजना में पंजीकृत लाभार्थी निर्माण श्रमिकों के अनुसार प्रीमियम की अंशदान राशि बीमा कम्पनी को दी जा सके तथा श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत शतप्रतिशत श्रमिकों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सके। डाॅ0 रावत द्वारा अस्थायी निवासी श्रमिकों जो कि कल्याण बोर्ड में पंजीकृत है तथा आधार कार्ड एवं मतदाता पहचान पत्र नहंी बना पाये हैं, को भी श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा जारी परिचय पत्र के आधार पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की सम्भावना पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनको भी लाभान्वित करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने ऐसे कामगारों जो भूमिहीन हैं, को भी शौचालय निर्माण योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये। डाॅ0 रावत ने पंजीकृत कामगारों के उच्चशिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को पढ़ाई के लिए अनुमन्य आर्थिक सहायता पर भी चर्चा करते हुए डाक्टरी तथा इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों हेतु तय ट्यूशन फीस के अनुपात में आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिये गये। ज्ञातव्य है कि इंजीनियरिंग तथा मेडिकल क्षेत्र में ट्यूशन फीस बहुत अधिक है। उन्होंने उच्चशिक्षा हेतु प्रदेश में अवस्थित कोचिंग शिक्षण संस्थानों को जिले स्तर में सूचीबद्ध करने के निर्देश दिय, ताकि कामगार के बच्चे वहीं उच्च शिक्षा की कोचिंग प्राप्त कर डाक्टरी तथा इंजीनियरिंग शिक्षा में प्रवेश पा सकें तथा अपने परिवार के आर्थिकी स्थिति अच्छी कर सके। श्रम मंत्री द्वारा कामगार के बच्चों की शिक्षा हेतु वर्तमान में दी जाने वाली आर्थिक सहायता की समीक्षा की गई। अपर सचिव श्रम पंकज पाण्डेय द्वारा मंत्री जी के संज्ञान में लाया गया कि वर्तमान में कक्षा-1 से 5 तक 200 रू0 कक्षा-6 से 8 तक 300 रू0, कक्षा-9 से 10 तक 400रू0, कक्षा-11 से 12 तक 500 रू0, स्नातक तथा परास्नातक तक 800 रू0, पाॅलिटैक्निक हेतु 1000 रू0, तथा उच्च व्यवसायिक शिक्षा हेतु 2500 रू0 प्रतिमाह की धनराशि की सहायता कामगार के बच्चों को दी जाती है।
डाॅ0 रावत ने कामगार पर आश्रित पुत्रियों के विवाह हेतु सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन के निर्देश दिये तथा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा दी जाने वाली 51,000 रूपये की आर्थिक सहायता विवाह के दौरान देने के निर्देश दिये। उन्होंने सामूहिक विवाह आयोजन का खर्च का प्राविधान भी श्रम विभाग से करने के निर्देश दिये।
श्रम मंत्री द्वारा टूल्सकिट्स सहायता योजना, महिला कामगारों हेतु दी जाने वाली प्रसूति प्रसुविधा, मैदानी क्षेत्र के मामले निर्माण श्रमिक में साईकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र के मामले में श्रमिक अथवा उनके आश्रित को सिलाई मशीन योजन सोलर लाईट योजना, छाता वितरण योजना, श्रमिकों के कौशल उन्नयन योजना, निर्माण श्रमिकों के परिवारों की महिलाओं को एसएचजी ग्रुप के माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना, मृत्यु सम्बन्धी आर्थिक सहायता, अन्त्येष्टि संस्कार हेतु सहायता सहित श्रमिकों के कल्याण की अनेक योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्हें और विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, अपर सचिव पंकज पाण्डेय, उप श्रम आयुक्त विपिन कुमार तथा बीमा कम्पनियों के अधिकारी उपस्थित थे।

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