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विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित करना गौरव की बात: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: 9 फरवरी, 2015, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि संगीत, साहित्य, क्रीड़ा, ललित कला, चिकित्सा तथा अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित करना गौरव की बात है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा एवं मेहनत के बल पर देश-दुनिया में शौहरत पा चुके विशिष्ट लोग प्रदेश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी लोग अपने प्रदर्शन से जहां यश प्राप्त कर रहे हैं, वहीं ये सभी लोग प्रदेश के लिए एम्बेसडर के रूप में भी काम कर रहे हैं। राज्य सरकार इन हस्तियों को यश भारती सम्मान से नवाज कर इन्हें अपनी जड़ से जोड़ने का महत्वपूर्ण काम कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां डाॅ. राम मनोहर लोहिया पार्क में आयोजित यश भारती सम्मान अलंकरण समारोह 2015 में वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली 56 प्रतिभाओं को सम्मानित करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री देने वाले इस प्रदेश को आबादी के लिहाज से देखें तो सम्भवतः दुनिया के चैथे नम्बर के देश के समकक्ष होगा। इस बड़े प्रदेश के कोने-कोने में तमाम प्रतिभाएं सीमित संसाधनों के साथ बड़ा लक्ष्य पाने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज सम्मानित होने वाली अधिकांश विभूतियां में कई ऐसे हैं, जो देश -दुनिया में तो अच्छी तरह से जाने जाते हैं, लेकिन अपने ही प्रदेश के लिए अपरिचित हैं। ऐसी प्रतिभाओं को प्रदेश की जनता के समक्ष लाने एवं उन्हें अपने गृह प्रदेश में सम्मानित करने के लिए ही नेताजी ने वर्ष 1994-95 में यश भारती सम्मान की शुरुआत की थी। कई ऐसे अवसर भी आए, जब सम्मान समारोह के लिए आयोजित कार्यक्रम में कतिपय कठिनाइयों की वजह से सम्मानित होने वाले महानुभाव नहीं आ पाए तो नेताजी ने स्वयं उनके घर जाकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस परम्परा को लगातार आगे बढ़ाएगी।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी गंगा-जमुनी तहजीब और विशिष्टता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है, लेकिन इसकी चुनौतियां भी अनोखी हैं। यहां नौजवानों की अधिक संख्या है तो बेरोजगारी भी है। ऐसी परिस्थिति में वर्तमान राज्य सरकार समाजवादी सिद्धान्तों पर प्रदेश के विकास की दिशा निर्धारित करते हुए किसानों, खिलाडि़यों, नौजवानों सहित सभी वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य सरकार के इस प्रयास में सभी को आगे बढ़कर सहयोग प्रदान करने का आहवान करते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट कार्यों के लिए जगह बना चुकी प्रतिभाशाली हस्तियां प्रदेश के विकास में निश्चित रूप से योगदान प्रदान करेंगी।
पूर्व रक्षा मंत्री एवं सांसद श्री मुलायम सिंह यादव ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यश भारती सम्मान समारोह की परम्परा को आगे बढ़ाया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सम्मानित प्रतिभाओं में तमाम ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों में काम कर बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी देश-प्रदेश एवं समाज को आगे बढ़ाने में सभी क्षेत्रों के लोगों का योगदान होता है। उन्होंने देश के समक्ष उपस्थित तमाम चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश को चीन से सतर्क रहना चाहिए। पूर्व रक्षा मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर अलंकरण समारोह की शुरुआत की। इससे पूर्व उन्होंने समाजवादी लोहिया इन्क्लेव (देवपुर पारा) आवासीय योजना का शिलान्यास किया तथा रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सुश्री रेशमा फातिमा एवं महारानी अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार से सुश्री सीमा तिवारी को सम्मानित किया। उन्होंने श्री अनूप जलोटा एवं श्री विनोद मेहता के प्रतिनिधि को यश भारती सम्मान से सम्मानित किया। श्री मेहता कतिपय कारणों से उपस्थित नहीं हो पाए थे।
कार्यक्रम में उपस्थित आमंत्रितगणों एवं विशिष्टजनों का स्वागत करते हुए महिला कल्याण एवं संस्कृति विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अरुण कुमारी कोरी ने कहा कि वीरता पूर्वक कृत्य के लिए दिए जाने वाले रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार के लिए 1 लाख रूपए, प्रमाण पत्र एवं प्रशस्ति पत्र तथा महारानी अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार से सम्मानित होने वाली प्रतिभा को प्रशस्ति पत्र, प्रमाण पत्र के साथ 5 लाख रूपए सम्मान के रूप में प्रदान किए जाता है। इसी प्रकार यश भारती सम्मान से सम्मानित होने वाली विभूतियों को 11 लाख रूपए तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
राज्य सरकार द्वारा दिए गए यश भारती सम्मान के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्री अनूप जलोटा, श्री विष्णु सक्सेना, श्री देवी प्रसाद पाण्डेय ‘अडिग’, श्री वंश गोपाल यादव, श्री मुनव्वर अंजार, श्री रवीन्द्र जैन तथा श्री राहत अली खां साबरी ने कहा कि यद्यपि अब तक उन्हें कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है, लेकिन अपने गृह प्रदेश में इस सम्मान से वे सभी अभिभूत हंै। इन वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाओं का इस प्रकार का सम्मान सराहनीय है।
ज्ञातव्य है कि यश भारती सम्मान अलंकरण समारोह में वर्ष 2013-14 के लिए जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया, उनमें श्री लोदी मोहम्मद सफी खां ‘बेकल उत्साही’, श्री हीरालाल यादव, डाॅ. जगदीश गांधी, श्री देवी प्रसाद पाण्डेय, प्रो. माता प्रसाद त्रिपाठी, श्री अशोक कुमार सिंह, श्री वंश गोपाल यादव, श्री अनूप जलोटा, श्री राजन-साजन मिश्र, श्री रमेश भइया, पण्डित विकास महाराज, श्री शीतला पाण्डेय ‘समीर’, श्री लाल बचन यादव, श्री मुनव्वर अंजार, सुश्री रेखा भरद्वाज, श्री धमेन्द्र यादव, श्री भगत सिंह, श्री योगेन्द्र सिंह यादव, श्री विजय पाल यादव, श्री राजेश कुमार यादव, श्री अभिषेक यादव, सुश्री श्वेता प्रियदर्शनी शामिल हैं।
धन्यवाद ज्ञापन संस्कृति विभाग की सचिव श्रीमती अनीता सी. मेश्राम ने किया।
इसी प्रकार वर्ष 2014-15 के लिए जिन प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया, उनमें श्री हमीदुल्लाह (हामिद हिन्दी), प्रो. रीता गांगुली, श्री दर्शन सिंह यादव, प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी, प्रो. हकीम सैय्यद जिल्लुर्रहमान, प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल, श्री विनोद मेहता, डाॅ. उर्मिल कुमार थपलियाल, श्री रवीन्द्र जैन, श्री योगेश गौड़, श्री टी.पी. त्रिवेदी, श्री गिरधर लाल मिश्र ‘जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य’, श्री राजकुमार वर्मा, डाॅ. ज्ञान चतुर्वेदी, श्री बुद्धि प्रकाश, श्री विष्णु यादव, डाॅ. कुमकुम धर, डाॅ. विष्णु सक्सेना, श्रीमती शुभा मुदगल, श्री कृष्ण कन्हाई व श्री गोविन्द कन्हाई, डाॅ. सी.एस. यादव, श्री राजकुमार, डा. आर.पी. सिंह, डाॅ. राकेश यादव, श्री इफ्तेखार नदीम खान, श्री जसजीत सिंह गिल ‘जिम्मी शेरगिल’, श्री कैलाश खेर, श्री राहत अली खां साबरी, श्री नवाजुद्दीन सिद्दीकी, श्री अवनीश कुमार यादव, श्रीमती अल्का तोमर, सुश्री पूनम यादव, सुश्री गीतांजलि शर्मा तथा श्री खुशबीर सिंह ‘शाद’ शामिल हैं।
अलंकरण समारोह में मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री ओम प्रकाश सिंह, श्री कैलाश, श्री योगेश प्रताप सिंह, डाॅ. शिव प्रताप यादव आदि के अलावा हिन्दी साहित्य संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, विशिष्टजन, अधिकारी उपस्थित थे।

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