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विद्युत चोरी पकड़वाने में पावर कारपोरेशन की मुखबिर योजना हो रही फायदेमंद

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा ने विद्युत चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाकर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देशों के अनुपालन में पावर कारपोरेशन द्वारा मुखबिर योजना लागू की गयी। विद्युत चोरी पकड़वाने में यह योजना काफी फायदेमंद हो रही है और मुखबिरों द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर अनेक विद्युत चोरियाँ पकड़ी जा रही है। यह जानकारी प्रमुख सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि लाइन हानियों को कम करने हेतु विद्युत चोरी पर प्रभावी नियंत्रण अत्यन्त आवश्यक है। प्रदेश सरकार जहां एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति प्रदान करना चाहती है, वहीं दूसरी ओर विद्युत निगम की वित्तीय स्थिति में भी गुणात्मक सुधार की आवश्यकता को अनिवार्य मानती है। यह कार्य तभी सम्भव होगा जब प्रदेश में विद्युत चोरी रूके और लाइन हानियाँ कम हो।

विद्युत चोरी पर प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ‘प्रोत्साहन योजना’ को प्रभावी ढ़ंग से प्रचलित किये जाने के सम्बन्ध में बनी कार्य योजना 01 दिसम्बर, 2017 से क्रियान्वित है। इस कार्य योजना के तहत प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत माह दिसम्बर, 2017 में मुखबिरों द्वारा बड़ी विद्युत चोरी पकड़वाये जाने पर 03 मुखबिरों को 12 हजार रुपये प्रदान किये गये। इसी प्रकार चेकिंग टीम परिवर्तन दलों को 1,17,323 रुपये व रेड टीम के साथ सम्मिलित विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को 14,557 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की गयी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने एवं इस पर प्रभावी नियंत्रण रखने के दृष्टिकोण से प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत मुखबिर द्वारा बड़ी विद्युत चोरी पकड़वाने पर शमनशुल्क का 10 प्रतिशत एवं रेड टीम द्वारा विद्युत चोरी पकड़े जाने पर जमा शमन शुल्क का 10 प्रतिशत धनराशि दिये जाने की योजना है।

इस योजना के तहत बड़ी विद्युत चोरी पकड़वाने वाले मुखबिरों का नाम बिल्कुल गोपनीय रखा जाता है। बड़ी विद्युत चोरी वह होगी जिसमें कम से कम 20,000 रुपये शमनशुल्क जमा होगा। प्रमुख सचिव ने यह भी बताया कि विद्युत चोरी रोकने की कार्यवाही में परिवर्तन दलों एवं विभागीय टीम द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं का उत्पीड़न न हो इसके लिए सतर्कता इकाई द्वारा वेब पोर्टल एवं मोबाइल ऐप भी बनाया गया है। इसमें यह प्राविधान है कि कहीं भी रेड डालने से पहले पोर्टल पर टीम की पूरी जानकारी भेजनी होगी।

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