नई दिल्लीः केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री की पहल पर राज्यसभा सदस्यों के लिए पहली बार एक खुली परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का विषय था – संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड्स) को सुचारू रूप से लागू करने में आने वाली समस्याएं तथा कार्यान्वयन को बेहतर बनाने के लिए सुझाव। परिचर्चा की शुरूआत करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि पिछले 4 वर्षों के दौरान 3.17 लाख कार्य योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। वहीं एमपीलैड्स पोर्टल को भी बेहतर बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करायी जा सके और जानकारी प्रणाली पारदर्शी तरीके से काम कर सके।
माननीय राज्य मंत्री ने योजना के दिशा-निर्देशों का एक पॉकेट संस्करण तथा योजना का ई-बुक संस्करण लांच किया। ई-बुक में योजना के तहत निर्मित अच्छी गुणवत्ता वाली संपदाओं को रेखांकित किया गया है। यह ई-बुक योजना की मूलभूत विशेषताओं/प्रावधानों की भी जानकारी देता है।
कई संसद सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। सभी सदस्यों को अपने सुझाव रखने का अवसर दिया गया। सभी संसद सदस्यों ने इस प्रयास तथा मंत्री महोदय की पहल की सराहना की। सांसदों ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी ऐसी परिचर्चाएं आयोजित की जानी चाहिए। संसद सदस्यों के सुझाव विस्तृत थे। प्रमुख सुझाव निम्न हैं –
- कोष के उपयोग में एनजीओ को शामिल करना।
- शैक्षिक संस्थानों के लिए स्मार्ट कक्षाएं।
- दिव्यांगजनों के लिए मोटर चालित तिपहिया साइकिल।
- सिंचाई योजनाओं के लिए कोष का उपयोग
राज्य मंत्री महोदय ने संसद सदस्यों का जानकारी देते हुए कहा कि जारी की गई राशि में 2 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय का प्रावधान है। इसका उपयोग योजना कार्यान्वयन में लगे व्यक्ति की सेवाओं के भुगतान के लिए किया जा सकता है।
राज्य मंत्री महोदय ने कहा कि एमपीलैड्स योजना में निर्मित अच्छी संपदाओं को ई-बुक में दर्शाया जाएगा। सचिव श्री के वी एपन, अपर सचिव डॉ. अमिता प्रसाद तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।