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राष्‍ट्रपति ने पहले निमकेयर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍मेलन 2017 का उद्घाटन किया

राष्‍ट्रपति ने पहले निमकेयर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍मेलन 2017 का उद्घाटन किया
देश-विदेशसेहत

नई दिल्ली: राष्‍टप्रति श्री प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्‍ली में पहले निमकेयर (एनआईएमसीएआरई) विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍मेलन 2017 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि उन्‍हें इस बात की खुशी है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस के अवसर पर निमकेयर ने इस सम्‍मेलन के आयोजन के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रथम निमकेयर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस सम्‍मेलन का मूल-वाक्‍य ‘मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए एक हों’ है। उन्‍होंने कहा कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा के अभाव में पूरे विश्‍व में विकलांगता पैदा होती है। मनुष्‍य की उद्पादकता में किसी भी प्रकार का मानसिक विकार होने के कारण कमी आ जाती है तथा कार्यस्‍थलों में या परिवार में परिस्थितियां प्रभावित हो जाती हैं। मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के विकार का दायरा बहुत विशाल है, जिसमें साधारण से लेकर जटिल समस्‍याएं शामिल हैं। अक्‍सर देखा गया है कि अगर साधारण विकारों को समय रहते ठीक नहीं किया गया तो मरीज की हालत जटिल हो जाती है। इस तरह के मरीज़ परिवारों पर बोझ बन जाते हैं।

राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि सभी प्रकार के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विकारों में संभवत: अवसाद बहुत आम है। अवसाद में सभी देशों के हर उम्र के लोग पीडि़त हो सकते हैं। निमहांस (एनआईएमएचएएनएस) द्वारा किये गये राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार भारत की 5.2 प्रतिशत व्‍यस्‍क आबादी किसी न किसी प्रकार के अवसाद से ग्रस्‍त है। अवसाद की समस्‍याओं पर प्राय: ध्‍यान नहीं दिया जाता, क्‍योंकि परिवार के सदस्‍य इसे ठीक से समझ नहीं पाते। मानसिक विकार के साथ सामाजिक कलंक भी जुड़ जाता है, चाहे उसका आसान उपचार क्‍यों न उपलब्‍ध हो। भारत में यह बड़ी समस्‍या है। बहरहाल, लोग इस समस्‍या के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं। राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि पारम्‍परिक मूल्‍यों वाली हमारी पारिवारिक प्रणाली मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विकारों को दूर करने में बहुत कारगर है। उन्‍होंने चिकित्‍सक समुदाय से आग्रह किया कि वे सामाजिक सहायता प्रणा‍लियों, आध्‍यात्मिक विश्‍वासों और अभ्‍यासों पर ध्‍यान दें। इनके साथ लोगों को स्‍वस्‍थ जीवन प्रदान करने के लिए योग प्रणाली का भी इस्‍तेमाल करें।

राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि देश में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रोफेशनलों की भारी कमी है और इस कमी को टेली-मेडीसन के जरिये प्रभावशाली तरीके से दूर किया जा सकता है। मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकारों की आवश्‍यकताओं के मद्देनज़र ग्रामीण और शहरी आबादी के लिए ई-केप एंड एसओएल टेली-साईकियेट्री एप्लिकेशन की शुरूआत करके विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस सम्‍मेलन ने सही दिशा में काम उठाया है। उन्‍होंने सभी से आग्रह किया कि अवसाद के बारे में जागरूकता पैदा करने में तेजी लाई जाये और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा आपूर्ति प्रणालियों को और मजबूत बनाया जाये।

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