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मुख्यमंत्री ने प्रथम रोजगार समिट को सम्बोधित करते हुए

मुख्यमंत्री ने प्रथम रोजगार समिट को सम्बोधित करते हुए
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। वर्तमान राज्य सरकार इसे पूरी तत्परता से निभाने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कड़े कदम एवं निवेश फ्रेण्डली नीतियों के परिणाम अब दिखायी पड़ने लगे हैं। प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में निवेश का रूझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास को बढ़ावा देकर आगामी पांच वर्षों में करीब 70 लाख नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। श्रम कानूनों का सरलीकरण एवं निवेशकों की सुरक्षा की गारण्टी देकर निवेश का वातावरण सृजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां साइंटिफिक कन्वेंशन सेण्टर में श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा आयोजित प्रथम रोजगार समिट को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 10 नौजवानों को सेवायोजन का प्रमाण-पत्र वितरित करने के साथ ही, ‘कैरियर पथ प्रदर्शक’ पत्रिका, सेवायोजन विभाग की मार्गदर्शिका का विमोचन तथा सेवायोजन मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया।

योगी जी ने कहा कि प्रारम्भ में कई व्यापारिक गतिविधियों में कोई विशेष सम्भावना नजर नहीं आती, लेकिन बाद में वही बहुत बड़े पैमाने पर बाजार का हिस्सा हो जाती हैं। चाय एवं मोबाइल फोन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत में चाय की आदत डालने के लिए कम्पनियों द्वारा शिविर लगाए जाते थे। इसी प्रकार प्रारम्भ में मोबाइल फोन भी बहुत कम लोगों द्वारा प्रयोग में लाये जाते थे। लेकिन आज यह दोनों वस्तुएं बाजार में किस प्रकार से स्थापित हो गई हैं, यह किसी से छिपा नहीं है और इनसे लाखों लोगों को रोजगार भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता, केवल उसे योग्य योजक की जरूरत होती है। उत्तर प्रदेश सरकार इसी भूमिका को अपनाते हुए सभी नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नेशनल ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेन्ट नेटवर्क (एन0एच0आर0डी0एन0) के साथ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर कर राज्य के नौजवानों की देश के प्रतिष्ठित उद्यमियों तक पहुंच बनाने के लिए अवसर उपलब्ध कराने का काम किया है। एन0एच0आर0डी0एन0 के साथ लगभग 12 हजार 500 से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं, जिसका फायदा प्रदेश के नौजवानों को निश्चित रूप से मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 06 लाख नौजवानों ने अपना पंजीयन कराया है। रोजगार मेलों के माध्यम से नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में लखनऊ में तीन दिवसीय वृहद रोजगार मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 36 कम्पनियों द्वारा करीब 1800 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। किसी भी समाज के लिए अपने नौजवानों को स्वावलम्बी बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे यह नौजवान अपने परिवार की देखभाल स्वतः कर सकें। प्रदेश सरकार इसी दिशा में काम कर रही है।

योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए अलग से मंत्रालय बनाने का काम किया। प्रदेश सरकार, केन्द्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी। उन्होंने राज्य के इंजीनियरिंग, पाॅलीटेक्निक तथा आई0टी0आई0 संस्थानों की गुणवत्ता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि यहां से निकलने वाले नौजवानों को डिग्रियां/डिप्लोमा तो मिल जाते थे, लेकिन इनको रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते थे। विश्वसनीयता समाप्त होने के कारण प्रदेश के अधिकांश निजी इंजीनियरिंग काॅलेज बंद होने लगे। वर्तमान शिक्षा सत्र में कई इंजीनियरिंग काॅलेजों ने पठन-पाठन का कार्य बंद करने की अनुमति मांगी थी, जिसे राज्य सरकार ने मानने से इंकार कर दिया। ऐसे इंजीनियरिंग काॅलेजों को सुझाव दिया गया कि वे अपने यहां कौशल विकास का कार्यक्रम संचालित करें। मुख्यमंत्री जी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि राज्य सरकार की इच्छा के अनुरूप इन इंजीनियरिंग काॅलेजों एवं अन्य प्रतिष्ठानों के माध्यम से इस वर्ष करीब 10 लाख नौजवानों को प्रशिक्षित करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में स्थापित आई0टी0आई0 एवं पाॅलीटेक्निक संस्थानों को संचालित करने के इच्छुक उद्योग समूहों को राज्य सरकार हर सम्भव मदद प्रदान करेगी, जिससे प्रदेश में बेहतर और उद्योगों की जरूरत के अनुरूप पठन-पाठन का कार्य सम्पादित हो सके। उन्होंने नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ने श्रम कानूनों को सरल एवं व्यावहारिक बनाते हुए केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति हेतु भेजा है। इन सुधारों में उद्यमियों एवं श्रमिकों, दोनों का लाभ निहित है, क्योंकि उद्योग चलेगा तभी रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कानपुर एवं बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां के उद्योग धंधे अनावश्यक यूनियनबाजी से समाप्त हो गए, जिसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ा। उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योग और श्रमिक का हित आपस में जुड़ा है।

योगी जी ने कृषि को रोजगार का सबसे बड़ा साधन बताते हुए कहा कि विगत में इस क्षेत्र की काफी उपेक्षा की गई है। यहां तक कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्रदेश के किसानों को नहीं मिल पा रहा था। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने तकनीक का प्रयोग करते हुए इस वर्ष भारी मात्रा में गेहूं की खरीदारी की और तकनीक का प्रयोग करते हुए किसानों की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किसानों को सुविधा प्रदान करने में घोर लापरवाही बरती जाती है, जिसे वर्तमान राज्य सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 2014 में दी जाने वाली राहत राशि किसानों को वर्ष 2017 में वितरित की गई। हाल ही में बाढ़ से प्रभावित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किए जा रहे मुआवजे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के सख्त रुख के कारण 24 घण्टे के भीतर राहत का वितरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने किसानों के फसली ऋण मोचन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि विभिन्न संस्थाओं द्वारा राज्य सरकार को इस दिशा में कदम न बढ़ाने का सुझाव दिया गया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने किसानों के सतत् विकास को प्राथमिकता देते हुए करीब 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों को राहत पहुंचाने का काम किया। राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं में लीकेज को रोक कर एवं फिजूलखर्ची तथा अनुपयोगी योजनाओं को समाप्त कर इसके लिए आवश्यक 36 हजार करोड़ रुपए का प्रबन्ध किया।

योगी जी ने कहा कि गन्ना किसानों द्वारा पेराई सत्र में गन्ने की आपूर्ति के तीन वर्ष बाद गन्ना मूल्य का ब्याज रहित भुगतान करने की परम्परा बन गई थी। वर्तमान राज्य सरकार ने इसे कड़ाई से रोकते हुए 14 दिन में भुगतान सुनिश्चित कराने का काम किया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि प्रदेश की चीनी मिलें इस मामले में राज्य सरकार को सहयोग प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसी प्रकार धान क्रय की प्रभावी व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगी।

योगी जी ने प्रदेश के परम्परागत उद्योग-धंधों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट की नीति का पालन करते हुए जनपदों को पहचान दिलाने का काम करेगी। उन्होंने लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम को प्रदेश का इनोवेशन सेण्टर बनाने का आश्वासन देते हुए कहा कि इस अवस्थापना सुविधा को बिना सम्यक विचार-विमर्श के बनाया गया। इसीलिए विभागीय अधिकारियों के समक्ष इसके उपयोग की कोई रचनात्मक योजना नहीं है, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ऐसी सभी अवस्थापना सुविधाओं के बेहतर उपयोग के लिए कटिबद्ध है।

इससे पूर्व, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि देश की राजनीति की दिशा एवं दशा तय करने में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए वर्तमान राज्य सरकार काम कर रही है। बेरोजगारों को रोजगार, भ्रष्टाचार की समाप्ति एवं विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाकर प्रत्येक नागरिक को अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना एवं प्रत्येक विश्वविद्यालय में कैम्पस प्लेसमेण्ट सेल की स्थापना का काम आगे बढ़ाया गया है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था एवं समाज के सभी वर्गों की भलाई के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश अब उद्यमियों के लिए सबसे सुरक्षित गंतव्य बन चुका है।

इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी), अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी, एन0एच0आर0डी0एन0 के महानिदेशक श्री धनंजय सिंह, पद्म श्री डाॅ0 प्रीतम सिंह, मारुति सुजुकी के चीफ मेण्टर श्री एस0वाई0 सिद्दीकी एवं निदेशक सेवायोजन श्री राजेन्द्र प्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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