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मंत्रिमंडल ने महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए मिशन अम्‍ब्रेला स्‍कीम का विस्‍तार और प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र नामक नई स्‍कीम प्रस्‍तुत करने की मंजूरी दी

देश-विदेश

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अम्‍ब्रेला स्‍कीम महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्‍तिकरण मिशन का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं के विस्‍तार के लिए वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 की अवधि के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। सीसीईए ने ‘प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र (पीएमएमएसके)’ नामक नई स्‍कीम को भी मंजूरी प्रदान की है, जो सामुदायिक भागीदारी के माध्‍यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्‍त करेगी, जिससे कि एक ऐसा परिवेश बनाया जा सके, जिसमें वह अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सके। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत विस्‍तार को भी 161 जिलों में सफल कार्यान्‍वयन के आधार पर मंजूरी प्रदान की गई है।

2017-18 से लेकर 2019-20 के दौरान वित्‍तीय परिव्‍यय 3636.85 करोड़ रुपये होगा, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्‍सा लगभग 3084.96 करोड़ रुपये होगा।

स्‍कीम के फायदे:

मंजूर की गई उप-योजनाएं सामाजिक कल्‍याण क्षेत्र, विशेषकर महिलाओं की देखभाल, सुरक्षा और विकास की योजनाएं हैं। इसका लक्ष्‍य घटते हुए लिंगानुपात में सुधार करना, नवजात कन्‍या की उत्‍तरजीविता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना, उसकी शिक्षा को सुनिश्चित करना और उसकी क्षमता को पूर्ण करने के लिए उसे सशक्‍त बनाना है। यह ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों को प्राप्‍त करने हेतु सरकार से संपर्क करने के लिए इंटरफेस प्रदान करेगा और यह प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्‍यम से उन्‍हें सशक्‍त बनाएगी। स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थी स्‍वैच्छिक सामुदायिक सेवा और लैंगिक समानता की भावना को प्रोत्‍साहित करेंगे। यह विद्यार्थी ‘बदलाव के एजेंटों’ के रूप में कार्य करेंगे और इनका समुदायों और देश पर अभूतपूर्व प्रभाव पड़ेगा।

 अम्‍ब्रेला स्‍कीम के मुख्‍य कार्यकलाप:

 प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र (पीएमएमएसके) नई स्‍कीम की परिकल्‍पना विभिन्‍न स्‍तरों पर कार्य करने के लिए की गई है, जबकि राष्‍ट्रीय स्‍तर (क्षेत्र आधारित ज्ञान सहायता) और राज्‍य स्‍तर (महिलाओं के लिए राज्‍य संसाधन केंद्र) संरचनाएं महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर संबंधित सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी, जिला और ब्‍लॉक-स्‍तरीय केंद्र एम.एस.के को सहायता प्रदान करेंगे और यह चरणबद्ध तरीके से कवर किए जाने वाले 640 जिलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) को आधार प्रदान करेंगे।

स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थियों के माध्‍यम से सामुदायिक सेवा की परिकल्‍पना एम.एस.के खंड-स्‍तरीय पहलों के भार के रूप में 115 अत्‍यधिक पिछड़े जिलों में परिकल्पित की गई है। स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थी विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता सृजन करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस प्रक्रिया में स्‍थानीय कॉलेजों से लगभग तीन लाख से भी अधिक स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थियों को लगाया जाएगा, जबकि एनएसएस/एनसीसी कैडर के साथ विद्यार्थियों का सहयोग एक जिम्‍मेदार नागरिक के रूप में राष्‍ट्र निर्माण में योगदान देने का एक अवसर भी होगा। यह स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थियों को उनके अपने समुदायों में बदलाव लाकर विकास प्रक्रिया में भागीदारी करने का अवसर प्रदान करेगा और इससे वे सुनिश्चित कर सकेंगे कि भारत की प्रगति में कोई भी महिला पीछे न रह जाए और महिलाएं भी समान रूप से भागीदारी है।

स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थियों के कार्यकलापों पर आधारित प्रमाण को वैब आधारित प्रणाली के माध्‍यम से मॉनीटर किया जाएगा। कार्य समाप्ति पर सामुदायिक सेवा के प्रमाण-पत्रों को सत्‍यापन के लिए राष्‍ट्रीय पोर्टल पर दर्शाया जाएगा और प्रतिभागी विद्यार्थी भविष्‍य में इन्‍हें अपने संसाधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

निरंतर राष्‍ट्रव्‍यापी पक्ष समर्थन और 640 जिलों में मीडिया अभियान और चयनित 405 जिलों में बहुक्षेत्रीय कार्यवाही के माध्‍यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) के लिए विस्‍तार और प्रयासों में तीव्रता के लिए भी मंजूरी दी गई है। उन सभी जिलों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पहले वर्ष शामिल किया जाएगा, जिन जिलों में सीएआर काफी कम है। कामकाजी महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 190 से अधिक कामकाजी महिला हॉस्‍टलों की स्‍थापना की जाएगी, जिनमें लगभग 19 हजार महिलाएं रह सकेंगी। लगभग 26,000 लाभार्थियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए अतिरिक्‍त स्‍वाधार गृहों को भी मंजूरी दी गई है।

हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समावेशी सहायता प्रदान करने के लिए इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्‍त जिलों में वन स्‍टॉप सेंटरों (ओएससी) की स्‍थापना की जाएगी। इन वन स्‍टॉप सेंटरों को महिला हेल्‍पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा और देशभर में सार्वजनिक और निजी दोनों स्‍थानों पर हिंसा से पीडि़त महिलाओं को 24 घंटे का आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली प्रदान की जाएगी। राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में स्‍वैच्छिक आधार पर महिला पुलिस स्‍वेच्‍छाकर्मियों (एमपीवी) को संलग्‍न करके एक अद्वितीय पहल शुरू की जाएगी, जिससे कि जनता-पुलिस संपर्क स्‍थापित किया जा सके। सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों को कवर करते हुए 65 जिलों में इसका विस्‍तार दिया जाएगा।

योजना की मॉनिटरिंग और मूल्‍यांकन: 

इस योजना के तहत सभी उप-योजनाओं की योजना, समीक्षा और मॉनिटरिंग के लिए राष्‍ट्रीय, राज्‍य और जिलास्‍तर पर एक सामान्‍य कार्यबल गठित किया जाएगा, जिसका उद्देश्‍य कार्यवाही के कनवर्जन्‍स और लागत प्रभाविकता को सुनिश्चित करना है। प्रत्‍येक योजना का एसडीजी के अनुरूप दिशा-निर्देशों में स्‍पष्‍ट एवं केंद्रित लक्ष्‍य निर्धारित होगा। नीति आयोग द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार सभी उप-योजनाओं के लिए सूचकों पर आधारित परिणाम की मॉनिटरिंग के लिए तंत्र की स्‍थापना भी की जाएगी। इन योजनाओं को राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों और कार्यान्‍वयन एजेंसियों के माध्‍यम से क्रियान्वित किया जाएगा। सभी उप-योजनाओं का केंद्रीय स्‍तर, राज्‍य, जिला और खंड स्‍तर पर एक अंतरनिर्हित मॉनिटरिंग ढांचा होगा।

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