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मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों पर एम0बी0बी0एस0/विशेषज्ञ डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों पर एम0बी0बी0एस0/विशेषज्ञ डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के माध्यम से अनुबंध पर तैनात किए जाने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में चिकित्साधिकारियों के लेवल-01 के रिक्त पदों 4,598 के सापेक्ष पहले 1,000 पदों पर एम0बी0बी0एस0/विशेषज्ञ डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार (वाॅक इन इण्टरव्यू) के माध्यम से अनुबंध पर तैनात किए जाने का निर्णय लिया है। सेवानिवृत्त विशेषज्ञ चिकित्सकों के पुनर्नियोजन हेतु सृजित 1,000 निःसंवर्गीय पदों में से 500 पद सेवानिवृत्त विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए तथा 500 पद सेवानिवृत्त एम0बी0बी0एस0 डिग्रीधारकों के लिए आवंटन करने का भी निर्णय लिया गया है, जिनकी पुनर्नियोजन अवधि एक वर्ष के लिए होगी, जिसे दो वर्ष की अवधि तक रिन्यू किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के कुल स्वीकृत पद 18832 के सापेक्ष 7327 पदों के रिक्त हैं तथा लोक सेवा आयोग में चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से चयन में समय लगने के कारण भी रिक्तियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इस समस्या के निवारण हेतु उ0प्र0 में चिकित्सकों की नियुक्ति, पुनर्नियोजन तथा साक्षात्कार ;ॅंसा पद प्दजमतअपमूद्ध के माध्यम से अनुबंध के आधार पर किए जाने का मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है। इस निर्णय से प्रदेश के चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिसका सीधा लाभ जनसामान्य को प्राप्त होगा। इसकेे अतिरिक्त नव प्रशिक्षित चिकित्सकों को भी तत्काल रोजगार प्राप्त होने के अवसर उत्पन्न होंगे।  नियुक्ति की प्रक्रिया आॅनलाइन होगी, जिसके लिए समिति का गठन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस समिति के अध्यक्ष महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य होंगे। अनुबंधित चिकित्सकों को कोई प्रशासकीय पद नहीं दिया जाएगा। उन्हें परामर्शी कहा जाएगा। अनुबंध हेतु पदों का जनपदवार निर्धारण महानिदेशक की संस्तुति पर शासन द्वारा किया जाएगा, परन्तु अनुबंध के कुल पदों की संख्या-1000 से अधिक नहीं होगी। महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग इस प्रकार जनपदवार रिक्तियों की सूचना तैयार करेंगे एवं इन रिक्तियों को आॅनलाइन तथा व्यापक परिचालन वाले कम से कम 01 अंग्र्रेजी व 02 हिन्दी समाचार पत्र में प्रकाशित कराएंगे। अनुबंध पर तैनात एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक को दिया जाने वाला मानदेय चिकित्सा इकाइयों की श्रेणी के आधार पर किया जाएगा। इसमें ए श्रेणी के लिए 50,000 रुपए मासिक मानदेय, बी श्रेणी के लिए 55,000 रुपए मासिक, सी श्रेणी के लिए 60,000 रुपए तथा डी श्रेणी के लिए 65,000 रुपए मासिक होगा। इसी प्रकार विशेषज्ञ चिकित्सक का मासिक मानदेय ए श्रेणी के लिए 80,000 रुपए, बी श्रेणी के लिए 90,000 रुपए मासिक, सी के लिए 01 लाख रुपए तथा डी श्रेणी के लिए 01 लाख 20 हजार रुपए होगा।

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में प्रादेशिक चिकित्सा स्वास्थ्य संवर्ग के चिकित्साधिकारियों एवं दंत शल्यकों की वार्षिक स्थानांतरण नीति को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में प्रादेशिक चिकित्सा सेवा स्वास्थ्य संवर्ग के चिकित्साधिकारियों एवं दंत शल्यकों की वार्षिक स्थानांतरण नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति के तहत स्थानांतरण हेतु प्रदेश के जनपदों को चार श्रेणियों (ए, बी, सी, डी) में शहरीकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, पहुंच, पिछड़ेपन आदि के आधार पर विभाजित किया गया है। स्थानांतरण मुख्य रूप से प्रशासनिक/जनहित/निजी अनुरोध पर किए जाएंगे। आवेदन प्रत्येक वर्ष 01 फरवरी से 31 मार्च तक स्वीकार किए जाएंगे तथा 01 दिसम्बर से 05 दिसम्बर तक पुनः आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह आवेदन मानव सम्पदा साॅफ्टवेयर में उपलब्ध निर्धारित प्रारूप पर 03 विकल्प सहित, द्वारा उचित माध्यम, किया जाना अनिवार्य होगा। ऐसे आवेदन जो उचित माध्यम से प्राप्त नहीं होंगे, पर विचार नहीं किया जाएगा। इस निर्णय की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस वर्ष विकल्पों के आवेदन के लिए 15 जून से 30 जून, 2017 की अवधि निर्धारित की गई है। श्रेणी ए में 16 जनपद होंगे। लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, अलीगढ़, गोरखपुर, बाराबंकी, सीतापुर, बरेली, रायबरेली, मुरादाबाद, उन्नाव। इसी प्रकार श्रेणी बी में 29 जनपद- फैजाबाद, हरदोई, मुजफ्फरनगर, बस्ती, आजमगढ़, जौनपुर, सुलतानपुर, मऊ, बलिया, देवरिया, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, हाथरस, मथुरा, बिजनौर, सहारनपुर, बागपत, बुलन्दशहर, हापुड़, अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, झांसी, शाहजहांपुर, गोण्डा, फर्रुखाबाद, रामपुर, इटावा, फतेहपुर, पीलीभीत होंगे। श्रेणी सी में 19 जनपद- एटा, कासगंज, कौशाम्बी, बदायूं, बहराइच, संतकबीरनगर, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, गाजीपुर, मैनपुरी, सम्भल, अमरोहा, शामली, औरैया, जालौन, मीरजापुर, बांदा, भदोही, अमेठी होंगे। श्रेणी डी में 11 जनपद- सोनभद्र, हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, चित्रकूट, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, चंदौली, महराजगंज, कुशीनगर होंगे। ऐसे चिकित्सक जो स्वयं, उनकी पत्नी अथवा उनके आश्रित बच्चे मानसिक/शारीरिक रूप से दिव्यांग हो गए हों, गम्भीर बीमारी से ग्रसित हों अथवा उनकी पति-पत्नी की मृत्यु हो गई हो, को स्थानांतरण से उस वर्ष हेतु यह छूट प्राप्त होगी कि वह 31 मार्च के उपरान्त भी निजी अनुरोध पर आवेदन दे सकेंगे। शर्त यह होगी कि इस प्रकार की घटनाएं आवेदन देने के एक वर्ष के भीतर घटित हुई हों। जिन चिकित्साधिकारियों को सेवा में पांच वर्ष व्यतीत हुए हैं, वे केवल श्रेणी डी एवं सी के जनपदों के विकल्प देने हेतु पात्र होंगे। जिन चिकित्साधिकारियों को सेवा में 05 वर्ष से अधिक किन्तु 10 वर्ष से कम व्यतीत हुए हैं वे श्रेणी-सी या डी के जनपदों का विकल्प देने के लिए पात्र होंगे एवं श्रेणी-बी के जनपदों का विकल्प उसी दशा में दे सकते हैं, जब उनके द्वारा श्रेणी-डी के जनपदों में कम से कम दो वर्ष की सेवा की गयी हो और श्रेणी-सी एवं डी के जनपदों में कुल मिलाकर 05 वर्ष की सेवा की गयी हो। जिन चिकित्साधिकारियों की कुल सेवा अवधि 10 वर्ष से अधिक है, वे श्रेणी-सी एवं डी के अतिरिक्त श्रेणी-बी या ए के जनपदों हेतु आवेदन देने हेतु उसी दशा में पात्र होंगे, जब उनके द्वारा श्रेणी-सी एवं डी में कुल मिलाकर 07 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली गई हो।इस स्थानांतरण नीति से प्रदेश की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के नियंत्रणाधीन जिला (पुरुष/महिला) चिकित्सालय/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/अन्य संस्थानों में चिकित्सकों की समानुपातिक तैनाती की जा सकेगी। इसका सीधा लाभ जन सामान्य को प्राप्त होगा।

उ0प्र0 व्यापार कर अधिकारी सेवा (5वां संशोधन) नियमावली-2017 का प्रख्यापन मंजूर

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिकारी सेवा (5वां संशोधन) नियमावली-2017 के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है।  उल्लेखनीय है कि 01 जनवरी, 2008 से वैट प्रणाली लागू हो जाने के फलस्वरूप बढ़े हुए कार्याें के प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन के लिए वाणिज्य कर विभाग के पुनर्गठन के क्रम में मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के पश्चात, विभाग के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति के स्वीकृत 33 प्रतिशत कोटे के स्थान 50 प्रतिशत किए जाने का शासनादेश 18 जून, 2008 को निर्गत किया गया था। वाणिज्य कर अधिकारी के 50 प्रतिशत विभागीय कोटे के सम्बन्ध मंे कर्मचारी संघों के प्रत्यावेदनों पर सम्यक रूप से स्थिर किए गए मत पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त करते हुए 19 सितम्बर, 2014 को जारी शासनादेश द्वारा वाणिज्य कर अधिकारी के 50 प्रतिशत विभागीय पदोन्नति कोटा में लिपिक संवर्ग को 39 प्रतिशत, आशुलिपिक संवर्ग को 10 प्रतिशत तथा सांख्यिकीय संवर्ग को 01 प्रतिशत पद प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके क्रम में मूल नियमावली (यथा संशोधित) के विद्यमान नियम 4,5,10,15,18,19,22,23 तथा 25 में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है।

परियोजनाओं में टाइम ओवर रन/काॅस्ट ओवर रन को नियंत्रित किए जाने का प्रस्ताव मंजूर

मंत्रिपरिषद ने परियोजनाओं में टाइम ओवर रन/काॅस्ट ओवर रन को नियंत्रित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।  उल्लेखनीय है कि परियोजनाओं को समय से पूर्ण किए जाने तथा उनका लाभ जनता को समय से उपलब्ध कराने के लिए, टाइम ओवर रन/काॅस्ट ओवर रन के सम्बन्ध में वित्त (आय व्ययक) अनुभाग-1 द्वारा 10 जुलाई, 2002 को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इस शासनादेश को लागू हुए 15 वर्षांे का समय व्यतीत हो चुका है। इस दौरान कई परिवर्तन जैसे योजनाओं/परियोजनाओं के प्रस्तावों के मूल्यांकन, उनके औचित्य के परीक्षण तथा व्यय वित्त समिति आदि के सम्बन्ध में नये शासनादेशों का निर्गमन, बजट मैनुअल का नया संस्करण जारी होने के कारण 10 जुलाई, 2002 को निर्गत शासनादेश में उल्लिखित दिशा-निर्देशों के स्थान पर नये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया जाना आवश्यक हो गया था।  नये विस्तृत दिशा-निर्देशों को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत अब परियोजना की डी0पी0आर0 को बजट मैनुअल में उल्लिखित प्राविधानों के अनुसार बनाया जाएगा। परियोजना हेतु भमि की लागत को डी0पी0आर0 में शामिल किया जाएगा। भूमि की निर्विवाद उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी तथा 01 वर्ष से अधिक अवधि की परियोजनाओं की डी0पी0आर0 हर साल होने वाली मुद्रा स्फीति का संज्ञान लेते हुए तैयार की जाएगी। यह डी0पी0आर0 अद्यतन शेड्यूल आॅफ रेट पर बनायी जाएगी। इसमें परियोजना के प्रारम्भ होने तथा समाप्त होने की तिथियों का भी उल्लेख किया जाएगा।   परियोजना के लिए सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं से सभी आवश्यक क्लीयरेन्सेज़ प्राप्त की जाएंगी। परियोजना का डिजाइन एवं विशिष्टताओं में सामान्यतः परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। यदि विभाग द्वारा कार्यदायी संस्था से कार्य कराया जा रहा है तो विभाग एवं संस्था के मध्य डी0पी0आर0 के प्रावधानों के अनुसार एक एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया जाना आवश्यक होगा। एम0ओ0यू0 की शर्ताें के उल्लंघन की दशा में पेनाल्टी का भी प्रावधान किया गया है।  मंत्रिपरिषद द्वारा आज अनुमोदित इन नये दिशा-निर्देशों के अनुसार परियोजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा समय से पूर्ण करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा परियोजना की प्रगति की अब सतत समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, टाइम/काॅस्ट ओवर रन के प्रकरणों में बजट मैनुअल के अनुसार उत्तरदायित्व का भी निर्धारण किया जाएगा। साथ ही, नई परियोजनाओं को प्रारम्भ करने के बजाए चालू परियोजनाओं को पूर्ण किए जाने को अब प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक विभाग को अपने यहां संचालित योजनाओं का विवरण विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित करना तथा विवरण को प्रत्येक माह की 15 तारीख तक अपडेट करना आवश्यक होगा।  ऐसी परियोजनाएं जिनमें 10 प्रतिशत से अधिक लागत वृद्धि हो चुकी है तथा/अथवा 6 माह से अधिक कार्यावधि वृद्धि हो गई है तो ऐसी परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट विभागों द्वारा नियोजन विभाग को उपलब्ध करायी जाएगी तथा नियोजन विभाग द्वारा ऐसी सभी परियोजनाओं की मुख्य सचिव के स्तर पर प्रत्येक त्रैमास में समीक्षा करायी जाएगी। इसके अलावा, ऐसी परियोजनाएं जिनमें 25 प्रतिशत अधिक वृद्धि हो चुकी है तथा/अथवा एक वर्ष से अधिक कार्यावधि वृद्धि हो गई है तो ऐसी परियोजनाओं के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव नियोजन द्वारा प्रत्येक त्रैमास में कारणों सहित रिपोर्ट तैयार कर मंत्रिपरिषद द्वारा गठित उप समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। ऐसी परियोजनाओं जिनमें लागत वृद्धि, मात्र शेड्यूल आॅफ रेट में पुनरीक्षण के कारण हुई है तो ऐसे प्रकरणों की समीक्षा प्रशासकीय विभाग स्वयं करंेगे और ऐसी परियोजनाओं की रिपोर्ट नियोजन विभाग को प्रेषित करने की आवश्यकता नहीं होगी।

‘आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना’ हेतु ‘टोल काॅन्ट्रैक्टर्स’ के चयन, एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ए0टी0एम0एस0) के प्राविधान आदि कार्यों पर अग्रिम कार्यवाही सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने ‘आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना’ हेतु ‘टोल काॅन्ट्रैक्टर्स’ के चयन, एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ए0टी0एम0एस0) के प्राविधान, आॅक्जीलरीज़ सुविधाओं/परिसम्पत्तियों से मार्ग प्रशुल्क के अतिरिक्त वित्तीय स्रोत से आय अर्जन तथा परियोजना के लिए आंशिक वित्त पोषण हेतु हुडको से ऋण आदि कार्यों की अद्यतन स्थिति एवं अग्रिम कार्यवाही किए जाने के सम्बन्ध में ‘सचिव समिति’ द्वारा लिए गए निर्णयों/संस्तुतियों सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस परियोजना हेतु टोल काॅन्ट्रैक्टर्स के चयन सम्बन्धित विवरण एवं बिडिंग अभिलेख आदि तैयार करने के लिए किसी उपयुक्त परामर्शी के चयन की कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने का निर्णय लिया गया है। परियोजना में ‘एडवान्सड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ स्थापित कर यातायात व्यवस्था का बेहतर तरीके से नियंत्रण, निर्देशन एवं पर्यवेक्षण किया जाना प्रस्तावित है। इस हेतु किसी उपयुक्त परामर्शी के चयन की कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने का फैसला लिया गया है।   परियोजना में आॅक्सीलरीज सुविधाओं/परिसम्पत्तियों से मार्ग प्रशुल्क के अतिरिक्त वित्तीय स्रोत से अर्जन, आॅप्टिक फाइबर केबल की डक्ट डालने/बैण्ड विथ को सबलीज़ करने, प्रस्तावित सुविधाओं से सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी पर प्रचालन, रख-रखाव एवं हस्तानांतरण एवं होर्डिंग हेतु स्थान को पट्टेदारी पर देने आदि से सम्बन्धित परामर्शी कार्य हेतु किसी उपयुक्त परामर्शी के चयन की कार्यवाही नये सिरे से प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। प्रस्तावित कार्यों के लिए किसी एक ही उपयुक्त परामर्शी के चयन की प्रक्रिया सिंगल स्टेज टू एन्वलप बिडिंग सिस्टम (आर0एफ0क्यू0-कम-आर0एफ0पी0) के आधार पर करते हुए शीघ्र ही परामर्शी का चयन करने का निर्णय लिया गया है, जिससे परियोजना के शेष कार्य शीघ्र पूर्ण करके एक्सप्रेस-वे पर नियमित यातायात चालू कर टोल कलेक्शन भी प्रारम्भ किया जा सके। मंत्रिपरिषद ने एक्सप्रेस-वे पर समुचित पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करने हेतु गृह विभाग से अनुरोध किए जाने का निर्णय लिया है, जिससे एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। प्राधिकरण की एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के समीप लैण्ड बैंक तैयार कर औद्योगिक इकाइयों को स्थापित किए जाने का भी निर्णय लिया गया है, जिससे क्षेत्र का विकास किया जा सके। इन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक्सप्रेस-वे से प्रवेश की उचित व्यवस्था यूपीडा द्वारा प्रदान की जाएगी।

इन्टेक्स टेक्नोलाॅजिस द्वारा ग्रेटर नोएडा में स्थापित की जा रही नयी इकाईएवं सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्राॅनिक्स द्वारा नोएडा में स्थापित की जा रही विस्तारीकरण/विविधिकरण इकाई हेतु पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने इम्पावर्ड कमेटी द्वारा की गई संस्तुतियों के अनुसार इकाइयों सर्वश्री इन्टेक्स टेक्नोलाॅजिस (इण्डिया लि0) द्वारा ग्रेटर नोएडा (पश्चिमांचल क्षेत्र) में स्थापित की जा रही नयी इकाई एवं सर्वश्री सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्राॅनिक्स प्रा0लि0 द्वारा नोएडा (पश्चिमांचल क्षेत्र) में स्थापित की जा रही विस्तारीकरण/विविधिकरण इकाई हेतु पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। सर्वश्री इन्टेक्स टेक्नोलाॅजिस (इण्डिया लि0) द्वारा ग्रेटर नोएडा (पश्चिमांचल क्षेत्र) में 372.21 करोड़ रुपए की धनराशि का निवेश किया जाएगा। इसी प्रकार सर्वश्री सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्राॅनिक्स प्रा0लि0 द्वारा नोएडा (पश्चिमांचल क्षेत्र) में 4,915 करोड़ रुपए की धनराशि का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। सर्वश्री इन्टेक्स टेक्नोलाॅजिस (इण्डिया लि0) तथा सर्वश्री सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्राॅनिक्स प्रा0लि0 द्वारा इकाई की स्थापना से 6,500 रोजगार का सृजन होगा। प्रदेश में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश को अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक गंतव्य के रूप में विकसित किए जाने के लिए प्रदेश में अधिकाधिक मेगा परियोजनाओं की स्थापना के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। पूंजी निवेश करने वाली मेगा परियोजनाओं को सम्बन्धित शासनादेशों में वर्णित सभी वित्तीय सुविधाओं को सुसंगत शर्तोें के अधीन अनुमन्य कराया जाएगा।

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