38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारतीय विधि सेवा क्षेत्र में सुधारों पर बार लीडरशिप समिट का आयोजन

देश-विदेशविधि

नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय बार एसोसिएशन (आईएनबीए) ने वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्‍य विभाग और व्‍यापार एवं निवेश कानून केन्‍द्र (सीटीआईएल) तथा भारतीय विदेश व्‍यापार संस्‍थान के सहयोग से हाल ही में ‘भारतीय विधि सेवा क्षेत्र में सुधारों पर बार लीडरशिप समिट’ का आयोजन किया था। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास (उच्‍च शिक्षा) राज्‍य मंत्री श्री सत्‍य पाल सिंह भी उपस्थित थे। भारत सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारीगण तथा कई जाने-माने अधिवक्‍ता और विधि क्षेत्र के अनेक प्रोफेशनल व्‍यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे।

      उपर्युक्‍त शिखर सम्‍मेलन के दौरान भारतीय विधि सेवा क्षेत्र के उदारीकरण से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों और चिंताओं पर चर्चाएं की गई।

      वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने एक वीडियो संदेश के जरिये इस शिखर सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) की बढ़ती अहमियत पर विशेष बल दिया और इसके साथ ही उन्‍होंने विधि क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस व्‍यवस्था का अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया, ताकि कारोबार करने में और ज्‍यादा सुगमता या आसानी सुनिश्चित हो सके।

      श्री सत्‍य पाल सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में न्याय के एक संबल के रूप में कानून के महत्व पर जोर दिया। उन्‍होंने भारत में न्‍यायिक व्‍यवस्‍था की निष्‍पक्षता एवं तटस्थता की अहमियत पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि न्‍यायिक व्‍यवस्‍था के तहत विशेषकर पीड़ितों को पेश आ रही कठिनाइयों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

आईएनबीए के महासचिव श्री कविराज सिंह ने पिछले दो दशकों में भारत के विधि क्षेत्र में हुए उल्‍लेखनीय बदलावों पर रोशनी डाली। इस शिखर सम्‍मेलन की थीम प्रस्‍तुत करने वाले श्री कविराज सिंह ने उन तीन प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित किया, जिस पर शिखर सम्‍मेलन के दौरान फोकस किया जाना चाहिए। इन तीन क्षेत्रों में ये शामिल हैं –

  • भारत में मध्यस्थता का संचालन
  • भारत के विधि नियामकीय क्षेत्र में सुधार
  • भारतीय विधि सेवाओं का उदारीकरण

आईएनबीए के अध्‍यक्ष डॉ. सुभाष सी. कश्‍यप ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों का स्‍वागत किया और विधि क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधारों पर विचार-विमर्श शुरू करने की अहमियत पर प्रकाश डाला।

विधि एवं न्‍याय मंत्रालय में विधि सचिव श्री सुरेश चन्‍द्र ने कहा कि भारत के विधि बाजार का आकार बढ़ाने की व्‍यापक गुंजाइश है, जो फिलहाल लगभग 9 अरब डॉलर का है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में सुधारों को प्रधानमंत्री के ‘सुधार, बदलाव एवं प्रदर्शन’ एजेंडे से जोड़ा जा सकता है।

वाणिज्‍य विभाग में अपर आर्थिक सलाहकार सुश्री संगीत सक्‍सेना ने सेवा क्षेत्र में भारत के समग्र प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए सेवाओं के निर्यात में विविधता लाने की जरूरत तथा विधि सेवा क्षेत्र की विशेष अहमियत को रेखांकित किया।

उच्‍चतम न्‍यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्‍यक्ष श्री आर.एस.सुरी ने कहा कि भारतीय बार काउंसिल, राज्‍य बार काउंसिलों और सरकार के बीच तालमेल में नजर आ रही खाई को पांटने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि इस महत्‍वपूर्ण क्षेत्र में व्‍यापक सुधार सुनिश्चित करने के लिए अक्सर परामर्श और विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।

व्‍यापार एवं निवेश कानून केन्‍द्र के प्रमुख प्रो. जेम्‍स नेदुमपारा ने भारत के लॉ स्‍कूलों के पाठ्यक्रमों में प्रमुख चुनौतियों को समाविष्‍ट करने की जरूरत है, ताकि युवा भारतीय अधिवक्‍ता आगे चलकर ‘वैश्विक भारतीय अधिवक्‍ता’ बन सके और तेजी से बढ़ते वैश्विक कॉरपोरेट क्षेत्र में उपलब्‍ध अवसरों से लाभ उठा सकें।

कुल मिलाकर इस शिखर सम्‍मेलन के दौरान विधि क्षेत्र में सुधार लागू करने की जरूरत पर सहमति जताई गई, ताकि इसे संबंधित पेशे की नई वैश्विक वास्‍तविकताओं के अनुरूप बनाया जा सके।

सम्‍मेलन का एजेंडा और संदर्भ पत्र निम्‍नलिखित प्‍लेटफॉर्मों पर उपलब्‍ध हैं :

एजेंडा : http://ctil.iift.ac.in/docs/LatestUpdates/INBA_agenda.pdf

संदर्भ पत्र : http://ctil.iift.ac.in/docs/LatestUpdates/INBA_11112017.pdf

ट्विटर : https://twitter.com/ctil_india

Related posts

14 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More