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बजट 2017-18 से आम नागरिकों के जीवन स्‍तर में सुधार आएगा: श्री राम विलास पासवान

देश-विदेश

नई दिल्लीः श्री राम विलास पासवान, केन्‍द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में वित्त मंत्री, श्री अरुण जेटली द्वारा किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों के सशक्‍तिकरण के लिए समावेशी और ऐतिहासिक बजट पेश करने पर उनका हार्दिक अभिनन्‍दन किया। श्री पासवान ने कहा कि निश्चित ही इस बजट से आम नागरिकों के जीवन स्‍तर में सुधार आएगा। श्री पासवान ने यह विचार आज नई दिल्ली में मंत्रालयों से जुड़े मामलों पर आयोजित प्रेस कॉन्फेंस के दौरान व्यक्त किए।

श्री पासवान ने बताया कि देश में रिकॉर्ड स्‍तर पर खाद्यान्‍न का उत्‍पादन हुआ है। वर्ष 2017-18 में 275 मिलियन टन खाद्यान्‍न और 300 मिलियन टन से अधिक फलों का उत्‍पादन हुआ है। किसानों के कल्‍याण के लिए केंद्र सरकार ने निरन्‍तर प्रयास किए हैं,जिन्‍हें इस बजट में भी जारी रखा गया है और किसानों को उनकी लागत के 1½ गुना न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य दिए जाने के लिए बजट में किए गए प्रावधान से उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बजट प्रावधानों पर बोलते हुए श्री पासवान ने कहा कि खाद्य विभाग के लिए इस वर्ष 224159.10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो वर्ष 2017-18 के 196809.22 करोड़ रुपए से लगभग 14%  अधिक है। इसी प्रकार उपभोक्ता मामले विभाग के लिए इस वर्ष 1804.52 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 1500 करोड़ रुपए का मूल्‍य स्‍थिरीकरण कोष के लिए रखे गए हैं।

श्री पासवान ने विभाग में चल रही योजनाओं पर विस्‍तृत चर्चा करते हुए विभाग की मुख्‍य उपलब्‍धियों और योजनाओं की जानकारी दी। प्रमुख रूप से उन्‍होंने सरकार द्वारा  विगत 3½ वर्ष के कार्यकाल में गरीबों को मिलने वाले अनाज की कीमतों  में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि केंद्र सरकार गरीबों के कल्‍याण के लिए समर्पित है। श्री पासवान ने कहा कि खाद्य विभाग में किए गए प्रावधानों को विगत 3 वर्षों में बढ़ा कर सवा गुना कर दिया गया है। वर्ष 2015-16 में कुल खाद्य सब्‍सिडी का प्रावधान 144781.69 करोड़ रुपए था, जो इस वर्ष 173323 करोड़ रुपए है।

श्री पासवान ने सरकार द्वारा GST लागू करने के कारण मंत्रालय को हुए लाभ की चर्चा करते हुए कहा कि इसके कारण विभिन्‍न राज्‍यों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्‍स के स्‍थान पर मात्र GST रह गया है। इसके कारण सरकारी खरीद से किए गए अनाज पर लगने वाले टैक्‍स में 18% की कमी आई है, जिससे सरकार को 1600 करोड़ रुपए की बचत हुई है। उन्‍होंने जानकारी देते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के डाटा को राष्‍ट्रीय स्‍तर तक समेकित करने के लिए मंत्रालय ने हाल ही में 127 करोड़ रुपए की नई योजना की स्‍वीकृति दी है। इस योजना में राज्‍य स्‍तर पर बनाए गए PDS को पोर्टल को राष्‍ट्रीय PDS पोर्टल के साथ Integrate कर दिया जाएगा,जिससे पूरे देश का डाटा एक ही स्‍थान पर उपलब्‍ध हो सकेगा। भारतीय खाद्य निगम द्वारा सरकारी खरीद में किसानों को भुगतान के लिए लम्‍बी अवधि के ऋण दिए जाते हैं, जिनको चुकाने के लिए राशि की व्‍यव्‍स्‍था की जाती है। सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के Capital Finances  की Restructuring  का निर्णय भी लिया है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आईटी का प्रयोग करके पारदर्शिता लाई गई है और सस्‍ता  अनाज सही लाभार्थी तक पहुंचे, इसे सुनिश्चित करने के लिए राशनकार्डों को आधार से जोड़ा गया है तथा राशन की दुकानों पर PoS मशीनें लगाई गई हैं। उन्‍होंने बताया कि इस अभियान से 2 करोड़ 75 लाख फर्जी, डुप्‍लीकेट और अवैध ढंग से बने राशनकार्डों की छंटनी की गई है, जिससे 17½हज़ार करोड़ की सब्‍सिडी को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में कामयाबी मिली है। इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए उन्‍होंने कहा कि अब उनके मंत्रालय का लक्ष्‍य गरीबों को उनके मन-मुताबिक राशन की दुकानों से अनाज दिलाए जाने की व्‍यवस्‍था करना है। इसके लिए कोर बैंकिंग की तरह पूरे देश में चरणबद्ध ढंग से Portability of PDS की व्‍यवस्‍था की जाएगी, अर्थात् एक ही राज्‍य के अंदर लाभार्थी किसी भी राशन की दुकान से उसकी हकदारी के अनुसार अनाज लेने के लिए स्‍वतंत्र होगा। यह व्‍यवस्‍था पहले से ही आन्‍ध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात और दिल्‍ली में चल रही है।

उन्‍होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम में डिपो ऑनलाइन कार्यक्रम के कारण कार्य क्षमता में वृद्धि हुई है और भारतीय खाद्य निगम के डिपो स्‍तर पर होने वाली चोरी और अनाज की  क्षति भी कम हुई है। सरकारी खरीद के माध्‍यम से किसानों को धान और गेहूं के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य दिलाए जाने में Online Procurement से किसानों को सीधे भुगतान होने के कारण लाभ पहुंचा है और इसमें भी पारदर्शिता आई है। अनाज के आधुनिक भण्‍डारण के लिए 100 लाख टन के स्‍टील साइलो बनाने की योजना पर भारतीय खाद्य निगम और राज्‍यों में युद्धस्‍तर पर कार्य चल रहा है।

उपभोक्ता मामले विभाग के कार्यों पर बोलते हुए श्री पासवान ने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी उपलब्‍धि यह है कि आवश्‍यक वस्‍तुओं के मूल्‍यों को नियंत्रित कर लिया गया है।  उन्‍होंने कहा कि सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण करने का जनता से वादा किया था, जिसे विगत 3 वर्षों में इस सरकार ने कर दिखाया है। सरकार के पास अभी तक दालों का बफर स्‍टॉक उपलब्‍ध है, जिसे अब राज्‍य सरकारों और केन्‍द्र सरकार के विभिन्‍न कार्यक्रमों में वितरित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त बाजार मूल्‍यों को स्‍थिर रखने के लिए खुले बाजार में निविदा के माध्‍यम से बिक्री भी की जा रही है।

पिछले वर्ष भारतीय मानक ब्‍यूरो अधिनियम, 2016 को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद में प्रस्‍तुत किया जा चुका है और इसे शीघ्र ही पारित करवा कर कानूनी रूप  दिया जाएगा। उपभोक्‍ता शिकायतों के त्‍वरित समाधान के लिए राष्‍ट्रीय उपभोक्ता हैल्‍पलाइन के काउंटर 40 से बढ़ा कर 60 कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्‍त 6 शहरों में क्षेत्रीय उपभोक्ता हैल्‍पलाइनें भी स्‍थापित कर दी गई हैं। इससे उपभोक्‍ताओं को राहत मिल रही है और पहले जहां 12 से 14 हज़ार शिकायतें प्रति माह आती थी, अब लगभग 35 से 40 हज़ार शिकायतें प्रति माह प्राप्‍त हो रही हैं।

लीगल मेट्रोलॉजी के माध्‍यम से जनता को सही मात्रा और सही एमआरपी पर वस्‍तुएं  और सेवाएं प्राप्‍त हों, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है।

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