लखनऊ: दिनांक: 18 फरवरी, 2015, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के आदेशानुसार उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पूरे प्रदेश में प्रथम मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 22 फरवरी को करने के निर्देश समस्त जनपद न्यायालयों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीशों को दिए हैं।
यह जानकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री राधवेन्द्र कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि 22 फरवरी को प्रथम मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकार्ड वादों प्रकरणों एवं मामलों का निस्तारण आपसी सुलह समझौतें के आधार पर कराया जायेगा। उन्होंने समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव को मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत का जनहित एवं वादकारियों के हित में उन्हें शीघ्र सस्ता, सुलभ तथा निःशुल्क न्याय दिलाने के विषय में वादों का निराकरण इस लोक अदालत में कराये जाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के भी निर्देश दिए है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विवादों को आपसी सुलह समझौतांे के माध्यम से सुलझाने के लिए सुनहरा अवसर है। सभी प्रकार के सिविल वाद एवं ऐसे अपराधों को छोड़ कर जिनमें समझौता वर्जित है, सभी सुलह योग्य आपराधिक मामले भी लोक अदालतों के द्वारा निपटाये जा सकते है। लोक अदालतों के फैसलों को अदालत का अंतिम फैसला माना जाता है जिसे कोर्ट की डिक्री की तरह सभी पक्षों पर अनिवार्य रुप से बाध्य होते हुए लागू कराया जाता है। लोक अदालत के फैसलों के विरूद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत में समझौते के माध्यम से निस्तारित मामलों में अदा की गई कोर्ट फीस वापस कर दी जाती है।
सदस्य सचिव ने बताया कि किसी भी लम्बित वाद-विवाद एवं शिकायत को मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण हेतु संबंधित जनपद के अधिकरण, फोरम, न्यायालय के पीठासीन अधिकारी, जनपद न्यायालय के जिला विधिक प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपने विवाद को निस्तारित करा सकते हैं। निःशुल्क विधिक सहायता हेतु टोल फ्री नम्बर-1800-419-0234 पर सम्पर्क कर के जानकारी प्राप्त की जा सकती है।