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प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार 100-100 चेक डैम बनाए जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाए: मुख्यमंत्री

प्रत्येक सोमवार व बृहस्पतिवार को विधायकों से भेंट करेंगे मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि आगामी 100 दिनों में अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों हेतु मास्टर रिचार्ज प्लान बनाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराते हुए 190 तालाबों का पुनरुद्धार एवं 95 चेकडेमों का निर्माण प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों का सहयोग प्राप्त कर तालाबों का पुनरुद्धार एवं चेक डेमों का निर्माण आवश्यकतानुसार ग्राम पंचायतों में कराने हेतु अभियान चलाया जाए। जनपद झांसी में भूजल सेना का गठन हो जाने के फलस्वरूप अन्य 10 जनपदों में भी भूजल सेना का गठन आगामी 100 दिनों में सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, हमीरपुर एवं जालौन की समग्र्र प्रबंधन कार्य योजना प्राथमिकता से तैयार करायी जाए।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज शास्त्री भवन में लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राउण्ड वाटर मैनेजमेंट कमेटी तथा विकास खण्ड स्तर पर ब्लाॅक ग्राउण्ड वाॅटर मैनेजमेंट पंचायत कमेटी का गठन कर ग्राम पंचायतवार वाॅटर सिक्योरिटी प्लान बनाया जाए। भूजल संसाधन आकलन के आधार पर ग्राउण्ड वाॅटर प्रोटेक्शन जोन्स का सीमांकन एवं विनियमन कराने के साथ-साथ कूपों/बोरिंगों का भी रजिस्ट्रेशन कराने के कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराए जाएं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्षित 14 सामूहिक नलकूप, 159 ग्राउण्ड वाॅटर रिचार्जिंग चेकडैम, 116 तालाबों के निर्माण सहित 1208 नये डमवेल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में मानक के साथ पूर्ण कराने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनायी जाए।

श्री योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संसाधनों का समग्र प्रबंधन सुनिश्चित कराने हेतु जन सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। बुन्देलखण्ड के पठारी क्षेत्र में सतह की अत्यधिक ढलान होने के कारण लगभग 85 प्रतिशत वर्षा जल को नदी, नालों से बहकर बेकार जाने से रोकने के लिए जल संचय के एकीकृत प्रयासों के माध्यम से रोक कर सतही जल संग्रहण एवं भूजल रिचार्ज को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि रिमोट सेन्सिंग विधा के आधार पर विकास खण्ड मानचित्र पर ग्रामवार वाॅटर सेक्टर सीमांकन कर भूजल रिचार्ज हेतु प्रभावकारी एवं अप्रभावकारी क्षेत्रों को चिन्हित कराकर आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 05 वर्षों में अतिदोहित, क्रिटिकल, सेमी क्रिटिकल से प्रभावित 217 विकास खण्डों तथा बुन्देलखण्ड एवं विंध्याचल क्षेत्र के पठारी क्षेत्र के प्रभावित 54 विकास खण्डों अर्थात कुल प्रभावित 271 विकास खण्डों के लिए आवश्यक भूजल संचयन/संरक्षण संरचनाएं बनाकर संतृप्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्ज हेतु भूजल रिचार्ज मास्टर प्लान योजनान्तर्गत विभिन्न विभागों की योजनाओं में तालमेल स्थापित कर राज्य भूजल संचयन मिशन युद्धस्तर पर चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार 100-100 चेक डैम स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम नागरिकों के सहयोग से बनाए जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाए।

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