Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पेटीएम के ‘इंस्टैंट मैसेजिंग’ की दुनिया में भी कदम रखने सहित तकनीक से जुड़ी हफ्ते की तीन खबरें

देश-विदेश

क्या रिलायंस जिओ ने एयरटेल की वजह से जिओफोन बंद करने का निर्णय लिया है? | अब भारत में भी ड्रोन के जरिए सामानों की घर तक डिलीवरी की जा सकेगी

अब पेटीएम पर ही इंस्टैंट मैसेजिंग यानी वाट्सएप जैसी सुविधा मिल गई है. डिजिटल पेमेंट एप पेटीएम ने कई महीनों से चर्चा में चल रहे ‘पेटीएम मैसेजिंग फीचर’ को लांच कर दिया है. इन्बॉक्स नाम से शुरू की गई इस नई सर्विस के जरिए यूजर्स एक-दूसरे से बातचीत कर सकते हैं. कंपनी के अनुसार इसमें टेक्स्ट के अलावा वीडियो, फोटो और पैसे भेजने का ऑप्शन भी मिलेगा.

पेटीएम ने शुक्रवार को अपने ब्लॉग में इसकी जानकारी दी है. कंपनी ने ब्लॉग में बताया है, ‘हमारे ऐप की यह नई सर्विस काफी तेज और आसान है. इसे दोस्तों और रिश्तेदारों से चैट करने और पैसे भेजने के लिए बनाया गया है. आप अपने पास के दुकानदार से भी सामान ऑर्डर करने के लिए पेटीएम के जरिए ही बातचीत भी कर सकते हैं. नया अपडेट आ चुका है, अगर आपको नहीं मिला तो गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से अपडेट कर सकते हैं.’

पेटीएम की ओर से यह भी बताया गया है कि इन्बॉक्स सर्विस सुरक्षित है और ‘एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड’ है. साथ ही इसमें डिलीट या रीकॉल फीचर भी दिया गया है जिससे भेजे गए मैसेज को कुछ समय में डिलीट किया जा सकता है. बीते हफ्ते ही वाट्सऐप ने डिलीट या रिकॉल फीचर अपने एप में जोड़ा था.

पेटीएम द्वारा इस नए फीचर को लांच करने के पीछे की मुख्य वजह वाट्सएप को माना जा रहा है. पिछले कुछ महीनों से रिपोर्ट आ रही है कि वाट्सएप भारतीय यूजरों के लिए डिजिटल पेमेंट एप लांच करने की तैयारी में है. इन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि यह फीचर तैयार हो चुका है और इसकी टेस्टिंग की जा रही है.

क्या रिलायंस जिओ ने एयरटेल की वजह से जिओफोन बंद करने का निर्णय लिया है?

भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के बीच तेज होती जा रही प्रतिस्पर्धा के चलते रिलायंस जिओ ने अपने हाल ही में लॉन्च किये गए जिओफोन का उत्पादन बंद करने का फैसला किया है. खबरों के मुताबिक कंपनी जिओफोन की जगह अब एक सस्ता एंड्रॉयड स्मार्टफोन लांच करने की तैयारी कर रही है.

तकनीक से जुड़ी खबरें देने वाली वेबसाइट फैक्टर डेली ने रिलायंस जिओ से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. खबर के मुताबिक सस्ते एंड्रॉयड स्मार्टफोन के लिए रिलायंस जियो के अधिकारी गूगल के संपर्क में भी हैं और कंपनी जल्द ही इस संबंध में कोई घोषणा कर सकती है. वेबसाइट की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कंपनी ने जिओफोन की प्री-बुकिंग भी बंद कर दी है, लेकिन वह उन 60 लाख लोगों को जिओफोन देगी जिन्होंने प्री बुकिंग करा रखी है.

पिछले दिनों एयरटेल और वोडाफोन ने जिओफोन की टक्कर में एंड्रॉयड स्मार्टफोन लांच करने की घोषणा की थी. इन दोनों कंपनियों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अगले कुछ ही दिनों ये फोन लॉन्च होने वाले हैं. बताया जाता है कि इन स्मार्टफोन्स की कीमत 1,500 रुपए के आसपास होगी.

माना जा रहा है इन दोनों कंपनियों की इस घोषणा से रिलायंस जिओ के ऊपर दबाव बन गया है. दरअसल, रिलायंस जिओ के जिओफोन के लिए लोगों को 1,500 रुपए ही जमा करने पड़ेंगे. लेकिन, रिलायंस का यह फोन काई ऑपरेटिंग सिस्टम (काईओएस) पर काम करता है जो फायरफॉक्स ओएस का एक वर्जन है. काईओएस एंड्रॉयड की तुलना में काफी पीछे है. बताया जाता है कि ऐसे में कंपनी को डर है कि उसका यह फोन अन्य टेलीकॉम कंपनियों के सस्ते एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स का मुकाबला नहीं कर सकेगा.

अब भारत में भी ड्रोन के जरिए सामानों की घर तक डिलीवरी की जा सकेगी

भारत सरकार ड्रोन के व्यवसायिक इस्तेमाल को जल्द ही मंजूरी देने वाली है जिसके बाद अन्य देशों की तरह भारत में भी पिज्जा या अन्य सामानों की आपूर्ति ड्रोन के जरिए की जा सकेगी. सरकार ने बुधवार को ड्रोन संचालन के लिए नियमों का मसौदा जारी कर दिया है. नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा तैयार किए गए नियमों के मुताबिक अब हर व्यक्ति या एजेंसी को ड्रोन यानी मानवरहित एरियल सिस्टम (यूएएस) को चलाने से पहले उसका पंजीकरण कराना जरूरी होगा.

डीजीसीए की ओर से बताया गया है कि सबसे हल्की श्रेणी में नैनो को रखा गया है जिसका वजन 250 ग्राम तक होता है और यह 50 फुट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. इस आकार के ड्रोनों के लिए ऑपरेटिंग एजेंसी को सिर्फ एक बार पंजीकरण करवाना होगा. इसके अलावा दो किलो से ज्यादा वजन के ड्रोन को जब भी इस्तेमाल किया जाएगा तो उसके ऑपरेटर को सुरक्षा संबंधी मंजूरी लेनी होगी. डीजीसीए के मुताबिक इसके लिए ऑपरेटर परमिट भी लेना होगा.

नागरिक विमानन सचिव आरएन चौबे ने मीडिया को बताया कि सभी संबंधित विभागों से परामर्श के बाद दिसंबर तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस मसौदे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी कई प्रतिबंध प्रस्तावित हैं. इसके लिए ‘नो ड्रोन जोन’ का प्रस्ताव भी दिया गया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा का 50 किमी का दायरा भी शामिल होगा. चौबे के मुताबिक इन नियमों को अंतिम मंजूरी मिलते ही भारत में ड्रोन का व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस समय ड्रोन के इस्तेमाल से लेकर इनको बेचने-खरीदने के कोई नियम नहीं हैं. हालांकि उड्डयन नियामक डीजीसीए ने अक्टूबर 2014 में आम नागरिकों और निजी कंपनियों द्वारा ड्रोन व मानव रहित विमान उड़ाने पर रोक लगा दी थी.

सत्याग्रह

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More