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पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश के समस्त पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों को संदेश

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री सुलखान सिंह द्वारा प्रदेश की कमान संभालते ही प्रदेश के समस्त पुलिस अधिकारियोें/कर्मचारियों को संदेश देते हुए कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस विश्व का विशालतम पुलिस संगठन है जिसका अत्यंत गौरवमयी इतिहास रहा है। ऐसे संगठन का हिस्सा होना हम सभी के लिए गर्व की बात है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझ रही है। जहां एक ओर पुलिस को परम्परागत सामाजिक अपराधों से जूझना पड रहा है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध, आपदा प्रबंधन, आतंकवाद जनित आन्तरिक सुरक्षा के मुद््दे हमारे लिए गंभीर चिन्ता का विषय बने हुये है। पुलिस को जहां मानवीय गरिमा को आहत करने वाले अपराध यथा ह्यूमन ट्रैफिकिंग और महिला-उत्पीड़न को अपनी प्राथमिकता के केन्द्र में लाना है, वहीं दूसरी ओर नये-नये किस्म के अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये अपनी व्यवसायगत दक्षता भी बढ़ानी है।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि चुनौतियाॅं बहुत हैं और इन चुनौतियों से हमेशा ही रूबरू होना पड़ेगा। कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं हो सकती जिसे हम अपने कार्य कौशल से न सुलझा सकें और इसके लिये हमें तत्काल कुछ सुधारात्मक प्रयास करने होंगे। दृढ़ विश्वास है कि नागरिकों के बीच पुलिस की विश्वसनीयता पर हमारी पूरी कार्यप्रणाली आधारित है। जब तक थानों की कार्यशैली में सुधार नहीं होगा तब तक आदर्श पुलिसिंग को यथार्थ के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। सबसे पहले थानों पर आम आदमी के साथ अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा। विनम्रता और पीड़ितों के प्रति मानवोचित गरिमा प्रदर्शित किये बिना किसी भी प्रकार की सार्थक पुलिसिंग सम्भव नहीं है। थाने पर आने वाले हर जरूरतमंद के दुख-दर्द एवं पीड़ा को धैर्य एवं सहानुभूतिपूर्वक सुनना और पीड़ा के निवारणार्थ यथासामथ्र्य प्रयास करना हमारा प्रथम कर्तव्य है और यहीं से पुलिस की विश्वसनीयता की शुरूआत होती है। एक अच्छा इंसान होना किसी भी प्रकार की अच्छाई की बुनियाद है। शिकायती प्रार्थना-पत्रांे की जाॅच एवं अपराधों की विवेचना में निष्पक्षता हमारा मूलमंत्र होना चाहिये। अपराधों का पंजीकरण न करना समाज में अलोकप्रिय छवि निरूपित करता है और इससे जनता के प्रति हमारी विश्वसनीयता में गिरावट आती है। बिना प्राथमिकी दर्ज किए हम अपराधियांे को किस प्रकार दंडित कर सकते हैं ? अपराध का शत-प्रतिशत पंजीकरण अपराध निवारण का सबसे बड़ा सू़त्र है।
नेतृत्व की पहली शर्त यह है कि हम अपने अधीनस्थों के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें । जहां अधिकारी अपने आचरण से अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं उन जनपदांे की कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर दिखाई देती है । वहां के लोग पुलिस प्रशासन में भरोसा रखते हैं और इस भरोसे के बूते हम कितनी ही बिगड़ती परिस्थितियांे को संभाल लेते हैं। यह अनुभवजन्य विश्वास है कि यदि इलाके का थाना प्रभारी अपनी निष्पक्षता और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है तो उस इलाके में न केवल अपराध कम होते हैं, अपितु पुलिस को जनता का सम्मान एवं सहयोग भी मिलता है।
पुलिस परिसरों खासकर थानों की सफाई एवं रख-रखाव उच्च कोटि का होना चाहिये । परिसर में कूड़ा-करकट, कन्डम सम्पत्ति, जब्तशुदा मोटर वाहन इत्यादि का शीघ्र समुचित निस्तारण होना चाहिये ।
पुलिस कर्मियों को विषम परिस्थितियों में अपने कर्तव्यांे का निर्वहन करना पड़ता है। उनका कल्याण एवं सुविधा उच्चतम प्राथमिकता है । उनके एवं उनके परिजनों और आश्रितों के जीवन को सुविधापूर्ण बनाने के लिये पुलिस महानिदेशक स्तर से कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जायेगी । सबकी समस्याओं को सुनने के लिए सदा उपलब्ध रहेंगे और हर अधिकारी से भी वह यही अपेक्षा रखेंगे।
किसी भी विभाग में बगैर टीम भावना के किसी भी प्रकार का सुधार संभव नहीं है। पुलिस विभाग भी इसका अपवाद नहीं हो सकता। पुलिस मुख्यालय से लेकर थाना कार्यालय तक आपसी समन्वय और बेहतर नियोजन से न केवल पुलिस की कार्य संस्कृति को आमूलचूल परिवर्तन लायें, अपितु समाज के अन्तिम किनारे पर खड़े व्यक्ति को उसकी गरिमा और सम्मान की गारंटी दें।
पुलिस महानिदेशक द्वारा इस संदेश के माध्यम से सबका आह्वान करते हुए कहा गया है कि इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सच्ची निष्ठा एवं मनायोग से कार्य करें जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस कामयाबियों की नई इबारत लिखने में सफल हों।

पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा पेट्रोल पम्प स्टेशनों पर पेट्रोल/डीजल वितरित करने वाली मशीनांे के साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा चेकिंग के निर्देश
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री सुलखान सिंह द्वारा समस्त जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को अवगत कराया गया है कि पेट्रोल पम्प स्टेशनों पर पेट्रोल/डीजल वितरित करने वाली इलेक्ट्रानिक मशीनों की मीटर एसेम्बली, पल्सर यूनिट, कन्ट्रोल एवं टोटलाइजर व डिस्प्ले यूनिट को विधिक माप विज्ञान (बांट तथा माप) विभाग द्वारा सील किये जाने का प्रावधान है। ऐसी जानकारी मिली है कि विभिन्न मेक/माडल की मशीनों में पल्सर, कंट्रोल यूनिट व इन दोनों को जोड़ने वाली केबल में ‘पल्स/फ्रीक्वेंसी इनहान्सर’ डिवाइस लगाकर कतिपय डीलरों द्वारा वितरण के दौरान पेट्रोल व डीजल की कटौती की जा रही है।
उन्होंने कहा है कि एसटीएफ उ0प्र0 पुलिस व अन्य विभागों द्वारा की गयी कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में आयल एवं मार्केटिंग कम्पनी (व्डब्) के द्वारा सेल्स मैनेजर ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनूफेक्चरर (व्म्ड) व बांट माप अधिकारी की संयुक्त टीम बनाकर पेट्रोल स्टेशन की चेकिंग की व्यवस्था की गयी है। इस दौरान जिन पेट्रोल स्टेशन पर यह चिप लगी होगी, उसके द्वारा फर्जी रिपेयर की कम्प्लेंट दर्ज कराकर अथवा बांट/माप विभाग की सील के साथ छेड़छाड़ करके चिप को निकाले जाने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
पुलिस महानिदेशक द्वारा बांट/माप विभाग के अधिकारियों को सतर्क/सचेत रहने के लिये निर्देशित किया गया है। जिला पूर्ति अधिकारी प्रदेश स्तर पर व्डब् के अधिकारियों द्वारा गठित टीम को सहयोग प्रदान करने व शंका व शिकायत प्राप्त होने की दशा में मजिस्ट्रेट व स्थानीय पुलिस के साथ व्डब् की टीम को भी साथ लेने से त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी।
सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद को निर्देशित किया गया है कि संयुक्त टीम द्वारा चेकिंग हेतु मांग किये जाने पर आवश्यकतानुसार अधिकारी व पुलिस बल इस अभियान हेतु उपलब्ध कराया जाये।

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