36 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पुलिस अपनी कार्य प्रणाली और व्यवहार में परिवर्तन लाए, जिससे जनता को सुरक्षा महसूस हो सके: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कानून के राज को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि पुलिस अपनी कार्य प्रणाली और व्यवहार में परिवर्तन लाए, जिससे जनता को सुरक्षा महसूस हो सके और समाज में शान्ति का वातावरण कायम रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस थानों व यू0पी0-100 की कार्य प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस से सम्बन्धित सभी महकमों में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगे। अभिसूचना तंत्र को इतना सशक्त बनाया जाए कि किसी भी घटना के घटित होने से पहले प्रभावी कार्यवाही की जा सके। उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसका पुनर्गठन किया जाए और भ्रष्टाचार की शिकायत के सम्बन्ध में जनता को एक टोल फ्री नम्बर उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने आज यहां शास्त्री भवन में गृह, सतर्कता और कारागार विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को ये निर्देश दिए। जनता के अन्दर पुलिस की छवि में सुधार लाना होगा। पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए कि अपराधियों में भय व्याप्त हो और जनता को सुरक्षा का एहसास हो। उन्हांेने कहा कि पुलिस से सम्बन्धित सभी संगठनों में आपस में समन्वय हो, जिसके अभाव में कार्य प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस आम जनता से सीधा संवाद करे और छोटी से छोटी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए, उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर कार्यवाही करे, जिससे ऐसी घटनाएं किसी बड़े खतरे का कारण न बन सकें।
श्री योगी ने कहा कि नए थानों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए और भारत सरकार को प्रेषित किया जाए। केन्द्र सरकार के सहयोग से थाना निर्माण की योजना को पुनर्जीवित किया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को भेदभाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त किया जाए। भर्तियों में खामियों की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। भर्तियों में खामियों की वजह से ही कई वाद उत्पन्न होते हैं और न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है। इस कारण भर्तियां प्रभावित होती हैं और विलम्ब होता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस से जुड़े सभी विभाग कार्य योजना बनाकर अच्छी पुलिसिंग की दिशा में कार्य करना सुनिश्चित करे। उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और संसाधनों की कमी भी है। किन्तु पुलिस अपनी कार्य प्रणाली और चरित्र से ऐसा परिवर्तन लाए, जिससे आम जनता की पीड़ा का निवारण हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना हम सबका नैतिक दायित्व है। उन्होंने सुरक्षा और शान्ति के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों को चिन्ह्ति कर कार्रवाई किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सतर्कता और सक्रियता ही पुलिस का मूल मंत्र होना चाहिए। थानों में जन सुविधाओं का प्रावधान किया जाए और वहां पर जनता के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के साथ जो कोई भी खिलवाड़ करे, उसे सख्ती से रोका जाए। उत्पीड़न, आतंक और एसिड अटैक जैसी घटनाओं पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाए।
श्री योगी ने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त कार्य प्रणाली अपनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस विभाग के अन्दर भी ऐसे लोगों को चिन्ह्ति किया जाए, जो अपराधियों और असामाजिक तत्वों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के आन्तरिक अनुशासन पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने सभी प्रकार के माफियाओं के विरुद्ध भी अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण और संसाधनों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस को आधुनिकतम उपकरणों और नवीनतम तकनीक से लैस रहना होगा। महिलाओं और मानवाधिकारों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें सामाजिक एवं धार्मिक सौहार्द तथा कानून व्यवस्था बनाए रखना, संगठित एवं गम्भीर अपराध, साइबर अपराध, आतंकवाद, सोशल मीडिया माॅनीटरिंग प्रमुख हैं। उन्होंने पुलिस की विशिष्ट संस्थाओं जैसे-पी0ए0सी0, एस0टी0एफ0, ए0टी0एस0, सुरक्षा शाखा, विशेष सुरक्षा बल और एस0डी0आर0एफ0 की कार्य प्रणाली को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता जतायी। साथ ही, उन्होंने कहा कि विधि विज्ञान की प्रयोगशालाओं की स्थापना में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि ई-एफ0आई0आर0 पर भी त्वरित कार्रवाई हो।
श्री योगी ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन, अपराधा शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग, विशेष अनुसंधान दल, अभिसूचना विभाग, उ0प्र0 पुलिस दूरसंचार, राजकीय रेलवे पुलिस, उ0प्र0 अग्निशमन सेवा की कार्य प्रणाली की जानकारी प्राप्त की और कहा कि इन इकाइयों में भी सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फायर स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें आधुनिक यंत्रों, वाहनों व उपकरणों से लैस किया जाए। उन्होंने कहा कि तहसीलों में प्राथमिकता के स्तर पर फायर स्टेशन की स्थापना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महानगरों मंे ट्रैफिक सिस्टम को सुधारा जाए, ट्रैफिक पुलिस जाम लगने की स्थिति को रोकने में प्रभावी कार्रवाई करे। यातायात सुगमीकरण की योजनाएं बनाई जाएं। पुलिस थानों को नागरिकों के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए यू0पी0-100 प्रणाली का उपयोग किया जाए। थानों द्वारा यू0पी0-100 द्वारा हस्तगत किए गए प्रकरणों में तथा अभियुक्तों के विरुद्ध समुचित विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यू0पी0-100 द्वारा घटना की जानकारी देने वाले व्यक्ति को किसी भी हाल में परेशान न किया जाए।
सतर्कता विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता को एक स्वच्छ, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने सतर्कता विभाग की कार्य प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त करने और जांच सम्बन्धी लम्बित मामलों को शीघ्रता से निपटाने के निर्देश दिए।
कारागार विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर श्री योगी ने कहा कि शातिर अपराधियों के साथ कोई रियायत न हो। उन्हें चिकित्सा के बहाने किसी प्रकार छूट न दी जाए। साथ ही, उन्हें अन्य जेलों में शिफ्ट करने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि सामान्य कैदी को जो भोजन दिया जाता है, वही व्यवस्था पेशेवर अपराधियों व माफियाओं के साथ भी अपनायी जाए। उन्होंने कहा कि कारागार विहीन जनपदों में कारागारों के निर्माण की कार्यवाही में तेजी लायी जाए। रामपुर जनपद का कारागार चूंकि शहर के बीचोबीच बनाया जाना प्रस्तावित है, इसलिए इसके निर्माण सम्बन्धी कार्यवाही समीक्षा के बाद की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारागारों में मोबाइल फोन जैमर की फूलप्रूफ व्यवस्था हो और 3-जी के साथ-साथ 4-जी से सम्बन्धित फोन काॅल्स व सन्देशों के आदान-प्रदान को जैमर के माध्यम से रोका जाए। कारागार में स्थापित वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग इकाइयों की कार्य प्रणाली भी चुस्त-दुरुस्त की जाए। उन्होंने कहा कि सी0सी0टी0वी0, सर्विलांस इकाई, तलाशी व्यवस्था हेतु स्थापित मेटल डिटेक्टर सिस्टम, प्रशासनिक व सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु वायरलेस सेट निरन्तर क्रियाशील रहें। कारागारों में आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का प्रावधान किया जाए। नए कारागारों को आधुनिक उपकरणों व सुविधाओं के साथ निर्मित किया जाए।
प्रस्तुतिकरण के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव सूचना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More