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पर्वतीय क्षेत्र में चकबंदी लागू किये जाने के सम्बन्ध में बैठक करते हुएः कृषि मंत्री सुबोध उनियाल

पर्वतीय क्षेत्र में चकबंदी लागू किये जाने के सम्बन्ध में बैठक करते हुएः कृषि मंत्री सुबोध उनियाल
उत्तराखंडकृषि संबंधित

देहरादून: प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में पवर्तयी क्षेत्रों मंे चकबन्दी लागू किये जाने के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक में कहा कि पर्वतीय गाँव में

कृषकों को कृषि से जोड़ना है। यह तभी सम्भव है जब कृषि से होने वाली उत्पादकता में वृद्धि हो और कृषकों की आय बढ़े। सरकार का लक्ष्य कृषि की आय में दोगुना वृद्धि करना है। इस दिशा में चकबन्दी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा कृषि से आय बढ़ने से पलायन को भी रोका जा सकता है। कृषि आय बढ़ने से गाँव के सामाजिक, आर्थिक परिदृष्य में बदलाव आयेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों के नगरीकरण के दिशा में विकास होगा। चकबन्दी का उद्देश्य अलाभकारी जोत को लाभकारी जोत में बदलना है। चकबन्दी भूमि सुधार का भाग है।

उत्तराखण्ड पर्वतीय क्षेत्रों के लिए जोत चकबन्दी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 2016 एवं नियमावली 2017 के पुनरालोकन एवं पर्वतीय क्षेत्रों में चकबन्दी लागू करने के लिए बनायी गयी समिति के सुझाव को लेकर बुलाई गई बैठक में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से चकबन्दी की विस्तृत जानकारी दी गई।

सुझाव के अन्तर्गत चकबन्दी को पर्वतीय क्षेत्र में लागू करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया। कहा गया कि बी0डी0सी0, जिला पंचायत की बैठक में इसकी जानकारी दी जाए तथा ग्राम प्रधान के मदद से गाँव-गाँव में चकबन्दी के लाभों का प्रचार किया जाए। डाक्यूमैन्ट्री फिल्म बनाकर प्रचार सामग्री के रूप में उपयोग की जाए।

डिजिटल चकबन्दी पर बल देते हुए कहा गया कि चकबन्दी प्रक्रिया में डिजिटल, एरियल सर्वे कि व्यवस्था की जाए तथा जी0पी0एस जैसी  आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए।  सफलता की कहानी को सामने लाया जाए।

इस अवसर पर समिति के सदस्य केदार सिंह रावत, केवलानन्द तिवाड़ी, गणेश सिंह, सचिव राजस्व हरबंश सिंह चुघ, अपर सचिव न्याय महेश कौशिवा, राजस्व परिषद सचिव एस0एन0पाण्डेय तथा बन्दोबस्त अधिकारी एवं चकबन्दी अधिकारी इत्यादि उपस्थित थे।

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