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परिवहन विभाग में आॅनलाईन ई-चालान योजना, स्मार्टकार्ड आधारित ड्राईविंग लाईसेन्स एवं पंजियन पुस्तिका का शुभारम्भ करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में परिवहन विभाग में आॅनलाईन ई-चालान योजना, स्मार्टकार्ड आधारित ड्राईविंग लाईसेंस एवं पंजियन पुस्तिका का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि परिवहन विभाग में आॅनलाईन ई-चालान व स्मार्ट कार्ड आधारित डी.एल. व आर.सी. प्रक्रिया के शुभारम्भ से विभाग को हाईटैक करने की दिशा में आगे बढ़ाया गया है। इसका उद्देश्य विभाग में पारदर्शिता लाने तथा विभाग का राजस्व बढ़ाने का है। उन्होंने प्रवर्तन कार्य तथा राजस्व वृद्धि के लिए 10 बोलेरो क्रय करने की भी मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देवभूमि के निवासी हैं। इसलिये ईमानदारी से बेहतर कार्य करने की हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने निगमों से राजस्व बढोत्तरी तथा अपने संसाधनों को बढ़ाने की दिशा में कारगर कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि जब निगम रहेगा तभी कर्मचारी भी रहेंगे। यही स्थिति उद्यमों की भी है। उद्योग रहेंगे तभी कर्मचारी भी रहेगा। परिवहन निगम अपने राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो  इसके लिए प्रयास होने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग जहाँ एक ओर राजस्व अर्जन करने वाला विभाग है वहीं इसके द्वारा सड़क पर मोटरयान कानूनों के प्रवर्तन एवं नियमन का कार्य भी किया जाता है। अभी तक यह कार्य मैनुअल आधार पर किया जा रहा था, आज से प्रदेश के सभी प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा कम्प्यूटर आधारित नयी ई-चालान व्यवस्था प्रारम्भ की जा रही है। इस व्यवस्था से जहाँ प्रवर्तन के कार्य में पारदर्शिता आएगी वहीं वाहन चालक एवं स्वामी को प्रशमन शुल्क आदि की सही जानकारी तत्काल प्राप्त हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में प्रवर्तन अधिकारियों को बहुत सी सूचनाएँ फीड नहीं करनी पड़ेगी, जिससे उनके समय में बचत होगी साथ ही उनकी जवाबदेही भी निर्धारित होगी। इसके साथ ही बार-बार अपराध करने वाले वाहन चालक की पहचान भी आसानी से की जा सकेगी। इसके साथ ही क्यूआर कोड आधारित स्मार्ट कार्ड डीएल एवं आरसी जारी करने की नई व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। पहले वाहनों की आरसी एवं डीएल कागज पर जारी किया जाता था, जिसे स्मार्ट बनाया गया है और लोगों को गुणवत्तायुक्त ऐसे प्रपत्र उपलब्ध कराए जाने से इसका रख-रखाव आसान होगा। स्मार्टकार्ड में क्यूआर कोड की व्यवस्था रखने से उसके सही होने की पहचान आसानी से की जा सकती है। इस वर्ष भी विभाग को 10 वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि प्रवर्तन कार्य में बढ़ोत्तरी करते हुए राजस्व वृद्धि की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा अभी तक लगभग रूपए 470 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया है, उम्मीद है कि आने वाले तीन माहों में इस राजस्व में और बढ़ोत्तरी करते हुए परिवहन विभाग के अधिकारी राज्य के आर्थिक विकास में सहायक होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की खुशहाली तभी है जब वहाँ के नागरिक सुरक्षित रहें। ई-चालान व्यवस्था लागू करने के साथ ही मोटरयान कानूनों का उल्लंघन करने वाले चालकों के विरूद्ध कठोरता से कार्यवाही अमल में लाएंगे और एक स्वस्थ एवं सुरक्षित राज्य की स्थापना में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। उन्होंने परिवहन विभाग से जनता को पारदर्शी, त्वरित एवं त्रुटिरहित सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन की अपेक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्मार्ट कार्ड आधारित ड्राईविंग लाईसेन्स व पंजीयन पुस्तिका भी वितरित की।

इस अवसर पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि आधुनिक संचार प्रणाली के उपयोग से परिवहन विभाग के कार्याें में पारदर्शिता व दक्षता आएगी। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा रूपये 660 करोड़ राजस्व के विपरीत नवम्बर तक 470 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आपसी सहयोग व समन्वय से कार्य कर लक्ष्यों की प्राप्ति पर ध्यान देने की अपेक्षा की।

योजना की जानकारी देते हुए सचिव परिवहन श्री डी.सैन्थिल पाण्डियन ने बताया कि ई-चालान एक वैब/एन्ड्राॅयड आधारित मोबाईल एप साॅप्टवेयर है, जिसके माध्यम से परिवहन विभाग तथा पुलिस विभाग द्वारा वाहनों का चालान सिंगल डाटा बेस के आधार पर किया जा सकता है। यह एप वाहन एवं सारथी के नेशनल पोर्टल से इन्टीग्रेटेड है। इसमें वाहन अथवा चालक लाईसेंस का नम्बर फीड करने पर अन्य सूचनायें स्वतः ही प्राप्त हो जायेगी। प्रवर्तक अधिकारियेां को सभी सूचनायें मैन्युअल आधार पर फीड करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय की बचत होगी। साॅफ्टवेयर को जीपीएस लोकेशन से भी इन्टीग्रट किया गया है, जिसके माध्यम से चालान के वास्तविक स्थान, समय, तिथि आदि की सूचना स्वतः ही प्रदर्शित होगी, जिसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता। इस प्रकार चालानिंग अधिाकारी के कार्य का पर्यवेक्षण में भी पारदर्शिता आयेगी।

उन्होंने बताया कि साॅफ्टवेयर में वाहन के फोटो लिये जाने की व्यवस्था भी की गयी है, जिससे वाहन के सही पंजीयन नम्बर पर ही चालान हो सकेगा और मैन्युअल सिस्टम में इस सम्बन्ध में उत्पन्न विवाद समाप्त होगा। साॅफ्टवेयर आॅफलाईन एवं आॅनलाईन दोनों मोड में कार्य करेगा। आॅनलाईन मोड  में कार्य करने पर वाहन साॅफ्टवेयर में रियल टाईम डाटा अपलोड रहेगा, जबकि आॅफलाईन मोड में कार्य करने पर जैसे ही मोबाईल अथवा टैबलेट को कनैक्टिविटी उपलब्ध होगी तत्काल केन्द्रीय डाटा बसे पर सूचना अपलोड हो जायेगी। चूंकि साॅफ्टवेयर में सम्बन्धित वाहन के समस्त चालानों का डाटाबेस उपलब्ध होगा, अतः बार-बार अपराध करने के आदि वाहन स्वामी/चालक की पहचान आसानी से हो सकेगी। चालन की सूचना एसएमएस के माध्यम से वाहन स्वामी को प्राप्त हो सकेगी, जिसके कारण वाहन चालक किसी चालन की जानकारी छिपा नहीं सकेगा। चालान के साथ ही सम्बन्धित वाहन स्वामी को देय प्रशमन शुल्क की भी सही-सही जानकारी प्राप्त हो जायेगी, जिससे चालन निस्तारण के कार्य में पारदर्शिता आयेगी। समस्त सूचनायें डाटाबेस में उपलब्ध होने के फलस्वरूप  उनके संकलन, प्रषण एवं अनुश्रवण में सुविधा होगी।

उन्होंने बताया कि पीवीसी कार्ड आधारित पंजीयन व चालक लाईसेन्स वर्तमान में परिवहन कार्यालयों द्वारा ए-4 कागज पर रहें हैं, जिन्हें वाहन स्वामियों द्वारा वाहन चलाते समय वाहन में रखना अनिवार्य होता है। वाहन स्वामियों एवं लाईसेंस धारकों को उच्च गुणवत्ता के अभिलेख निर्गत कराने की दृष्टि से पीवीसी कार्ड आधारित पंजीयन पुस्तिका/चालक लाईसेन्स निर्गत करने की व्यवस्था की गई है। उक्त कार्ड डेबिट/पेन कार्ड के आकार के होने के कारण इनको कैरी करने में आसानी होगी। इससे अभिलेखों के फटने अथवाखराब होने का भय नहीं रहेंगे। पीवीसी कार्ड आधारित पंजीयन पुस्तिका/चालक लाईसेन्स निर्गत करने से इनके कटने-फटने/पानी में भीगकर खराब होने की संभावना नहीं रहेगी।

इस अवसर पर विधायक श्री सहदेव पुण्डीर, अपर सचिव श्री एच.सी.सेमवाल, अपर आयुक्त परिवहन श्रीमती सुनीता सिंह सहित सभी जनपदों के आरटीओ तथा एआरटीओ आदि उपस्थित थे।

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