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पंचायतीराज विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुएः पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय

पंचायतीराज विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुएः पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय
उत्तराखंड

देहरादून: पंचायतीराज मंत्री उत्तराखण्ड सरकार अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय एफ.आर.डी.सी सभाकक्ष में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सभी जनपदों के अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत एवं जिला पंचायतराज विभाग के अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।

बैठक में पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि भारत गांव में बसता है तथा सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं को उन तक पंहुचाने के लिए पंचायतीराज विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जो भी योजनाएं संचालित की जा रही हैं उन योजनाओं का लाभ सभी को प्राप्त हो इसके लिए  जो जिम्मेदारी एवं दायित्व जिस अधिकारी को दिये गये हैं वह अपने दायित्वों एवं अधिकारों का निर्वहन निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करें, ताकि ग्राम स्तर पर कोई भी व्यक्ति सरकार की योजनाओं से वंचित न रह सके। उन्होने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि किसी के दबाव में कार्य करने की जरूरत नही है एवं जो दायित्व एवं जिम्मेदारी उन्हे दी गयी है उसका ईमानदारी से पालन करें, यदि कोई अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक प्रकार से नही करता है तो उसको किसी भी दशा में बख्सा नही जायेगा। उन्होने कहा कि सरकार की जो भी योजनाएं हैं, उन योजनाओं को ग्रामसभा की खुली बैठकें आयोजित कर प्रस्ताव पारित कराकर योजनाओं का लाभ उन्हे उपलब्ध करायें। उन्होने निदेशक पंचायती राज को निर्देश दिये हैं कि ग्राम स्तर पर आयोजित होने वाले बैठकों के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों की तैनाती करते हुए माॅनिटिरिंग की जाये, यदि कहीं कोई दिक्कत एवं समस्या होती है तो क्षेत्रीय विधायक का भी सहयोग लिया जाए। उन्होने पंचायतों को सुदृढ एवं मजबूत करने तथा आय के स्त्रोत बढाने के भी निर्देश दिये, जिसके लिए उन्होने जिलों में जिला पंचायत के अधीन यदि कोई गेस्ट हाउस हैं तो उन्हे चिन्हित करते हुए उन गेस्ट हाउसों का जिर्णोद्धार किया जाये तथा ऐसे गेस्ट हाउस को पी.पी मोड में डेवलप करते हुए क्षेत्रवासियों को एवं एजेंसियों को उपलब्ध कराये जायें, जिससे की आय के स्त्रोत बढ जाये। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि ब्लाक मुख्यालय एवं ग्राम स्तर पर जो भी पद रिक्त हैं उन्हे आउटसोर्सिंग पी.आर.डी/उपनल के माध्यम से रिक्त पदों को भरा जाये। जिससे ग्राम स्तर पर संचालित होने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई दिक्कत न आये। पंचायती राज मंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि ग्राम सभा स्तर पर कई विभागों की योजनाएं संचालित होती हैं, जिसमें प्राय देखने में आता है कि विभिन्न विभागों द्वारा  एक ही योजना को दर्शाते हुए उसका अलग-2 विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है, जिससे धन का दुरूपयोग होता है। ऐसी योजनाओं का उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा माॅनिटिरिंग करने के निर्देश दिये। यदि ऐसा प्रकरण सामने आता है तो सम्बन्धित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

पंचायतीराज मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राज्य में 1409 ग्राम पंचायतों में समयबद्ध सेवा प्रदान करने के दृष्टिगत आॅनलाईन सेवा देने की जो कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है यह सेवा 1 सितम्बर 2017 से आॅनलाईन करने के निर्देश दिये, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति परिवार रजिस्टर का पंजीकरण/परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि जन्म प्रमाण-पत्र/ मृत्यु प्रमाण-पत्र आॅनलाईन प्राप्त कर सकेंगे। उन्होने कहा कि अब तकनीक का युग है जिसके लिए इन्टरनेट के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में कनैक्टीविटी उपलब्ध कराई जाये तथा जिन ग्राम पंचायतों में कम्यूटर उपलब्ध नही कराये हैं उन्हे कम्पयूटर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में ई-भुगतान, नकद रहित लेन-देन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये जिसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों को प्रशिक्षित करने के भी निर्देश दिये।

बैठक में पंचायतीराज मंत्री द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं में 14 वाॅ वित्त आयोग, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (शत्-प्रतिशत्), दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार(शत्-प्रतिशत्), नाना जी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार(शत्-प्रतिशत्) तथा राज्य सेक्टर योजनाओं में राज्य वित्त आयोग, क्षेत्र पंचायत विकास निधि, निर्वाचित प्रतिनिधियों, कर्मचारियों का प्रशिक्षण एवं महिला प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण एवं पंचायत भवन निर्माण योजनाओं की समीक्षा की गयी।

बैठक में निदेशक पंचायतीराज /अपर सचिव पंचायतीराज हरि चन्द्र सेमवाल ने मा मंत्री को अवगत कराया है कि 14 वें वित्त आयोग के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन, जिसमें सेप्टैज प्रबन्धन, स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, सड़को, फुटपाथों , स्ट्रीट लाईट, कब्रिस्तान एवं शमशान घाटों के रख-रखाव हेतु वर्ष 2016-17 में 28145 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है जिसका व्यय किया जा चुका है तथा 2017-18 के लिए माह जुलाई में 16259.50 लाख की धनराशि आंवटित हुई है। उन्होने अवगत कराया कि 7955 ग्राम पंचायतों में से 1409 ग्राम पंचायतों में विभिन्न मदों से क्म्प्यूटर उपलब्ध  करवाये जा चुके हैं। उन्होने बताया कि 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में उन ग्राम पंचायतों, जिनमें वार्षिक 6 लाख रू0 से अधिक संक्रमित की जा रही है, को 10 प्रतिशत् कंटीजेन्सी के मद से कम्प्यूटर क्रय की स्वीकृति के क्रम में वर्तमान में कुल 560 ग्राम पंचायतों को कम्प्यूटर उपलब्ध होगें तथा अवशेष 5989 ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियोें के क्रम में वर्षवार  2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21  में रू0 6.54 करोड़ से 1497 कम्प्यूटर उपलब्ध कराये जायेगें। इस प्रकार 7958 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2020-21 तक कम्प्यूटर उपलब्ध हो जायेंगे।

इस अवसर पर पूर्व सांसद नैनीताल बलराज पासी, मुख्य विकास अधिकारी उधम सिंह नगर आलोक कुुमार पाण्डेय, संयुक्त निदेशक डी.पी.देवरानी सहायक निर्देशक मनोज तिवारी सभी जनपदों के अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत एवं जिला पंचायतराज अधिकारी मौजूद थे।

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