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डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने वास्‍तविक समय पर जन शिकायतों की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड लांच किया

देश-विदेश

नई दिल्लीः केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज यहां प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा विकसित किया गया एक ऑनलाइन डैशबोर्ड लांच किया। यह डैशबोर्ड वास्‍तविक समय पर लोक अथवा जन शिकायतों की निगरानी करेगा और समय-समय पर प्रणालीगत सुधारों की प्रगति की समीक्षा करेगा। सुव्‍यवस्थित सुधारों और उनकी निगरानी के उन पैमानों को डैशबोर्ड पर दर्शाया जाता है, जो जन शिकायतों के मसलों से जुड़े होते हैं। इससे संबंधित मंत्रालयों/विभागों को इन सुधारों की निगरानी करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी आज लांच किए गए इस डैशबोर्ड के लिए प्रमुख (नोडल) विभाग है, लेकिन यह विभिन्‍न पहलों के क्रियान्‍वयन की निगरानी करने में संबंधित मंत्रालयों/विभागों के लिए भी मददगार साबित होगा और उन्‍हें आवश्‍यक जानकारियां (इनपुट) उपलब्‍ध कराएगा। उन्‍होंने कहा कि डीएआरपीजी को इस डैशबोर्ड के बारे में विभागों/मंत्रालयों  के बीच जागरूकता बढ़ानी चाहिए, ताकि वे नागरिकों को अधिक से अधिक लाभान्वित कर सकें। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार देश के नागरिकों के हित में ‘न्‍यूनतम सरकार, अधिकतम गवर्नेंस’ के सिद्धांत पर कार्य करती है। उन्‍होंने कहा कि इस विभाग द्वारा त्‍वरित कार्रवाई करने और सरकार में आम जनता का विश्‍वास होने की बदौलत सरकार को प्राप्‍त होने वाली शिकायतों में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि जनता की शिकायतों के कारणों पर विभाग द्वारा एक विश्‍लेषण किया गया है और इससे विभिन्‍न कारणों को गहराई से समझने एवं सुधारात्‍मक कदम उठाने में मदद मिली है। मंत्री महोदय ने कहा कि पेंशनभोगियों की संख्‍या देश में कार्यरत कर्मचारियों की संख्‍या से कहीं ज्‍यादा है। उन्‍होंने कहा कि पेंशनभोगी हमारे लिए एक बड़ा संसाधन हैं और हमें इस बात का विश्‍लेषण करना चाहिए कि उनकी क्षमताओं का सर्वोत्‍तम उपयोग किस तरह किया जा सकता है। मंत्री महोदय ने कहा कि ‘अनुभव’ पहल से मंत्रालयों/विभागों का आकलन करने में हमें विभिन्‍न जानकारियां मिल सकती हैं।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने ‘सुव्‍यवस्थित सुधारों एवं जन शिकायतों की निगरानी’ पर परियोजना निगरानी रिपोर्ट के साथ-साथ ‘शिकायत डेटा विश्‍लेषण, सीपीईएनजीआरएएमएस एवं प्रणालीगत सुधार संबंधी सिफारिशों के अध्‍ययन’ और ‘अनुभव पोर्टल के लिए सिफारिशों’ पर भी रिपोर्ट जारी कीं। सर्वाधिक शिकायतें प्राप्‍त करने वाले शीर्ष 20 मंत्रालयों/विभागों के संबंध में भारतीय गुणवत्‍ता परिषद (क्‍यूसीआई) के जरिए एक शिकायत विश्‍लेषण अध्‍ययन वर्ष 2015 में शुरू किया गया था (01.01.2012 से 19.08.2015 तक)। अध्‍ययन के तहत ज्‍यादा शिकायतों वाले क्षेत्रों की पहचान करने और मूल कारणों के विश्‍लेषण पर फोकस किया गया। संबंधित रिपोर्टों में ऐसे सुव्‍यवस्थित या प्रणालीगत सुधारों की सिफारिश की गई, जिससे व्‍यापक सकारात्‍मक असर पड़े और सेवा मुहैया कराने की व्‍यवस्‍था में उल्‍लेखनीय सुधार संभव हो सके। लागू किए गए सुधारों/सिफारिशों के क्रियान्‍वयन की निगरानी करने के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) अगस्‍त, 2016 में डीएआरपीजी द्वारा स्‍थापित की गई थी।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में सचिव श्री सी. चन्‍द्रमौली, डीएआरपीजी में सचिव श्री के.वी. ईपेन और विभिन्‍न मंत्रालयों के वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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