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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ‘डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट – 2017’ का उद्घाटन किया

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ‘डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट - 2017’ का उद्घाटन किया
देश-विदेश

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज तीन दिवसीय ‘डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट – 2017’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर के लोग एवं वहां की संस्कृति को देश के प्रत्येक कोने तक पहुंचाने के प्रयासों के क्रम में इस वर्ष ‘डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट 2017’ कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए चंडीगढ़ शहर को चुना गया है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है, जब इस कार्यक्रम को राजधानी दिल्ली से बाहर किसी दूसरे शहर में आयोजित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के उन हिस्सों को अधिक प्राथमिकता दी है, जिनकी वर्षों से अनदेखी की जा रही थी।

भारत की अनेकता में एकता वाली सोच का उदाहरण देते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में विविधता में विविधता वास करती है, क्योंकि वहां विभिन्न विभिन्न जातीय समूह शांति से रहते हैं और एक-दूसरे की उपलब्धियों के पूरक हैं। मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य की पहचान पूर्वोत्तर के एक राज्य के तौर पर होने के बजाय, ख़ुद उस राज्य के नाम से होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर के प्रत्येक राज्य की अपनी कुछ ख़ासियत है, और प्रत्येक राज्य को उसकी इसी ख़ासियत से पहचाना जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने कहा कि मिज़ोरम को भारत के खेल राज्य के तौर पर पहचाना जाना चाहिए, क्योंकि यहां से बहुतायत संख्या में एथलीट आते हैं, मिज़ोरम को बांबू राज्य के तौर पर पहचाना जाना चाहिए, सिक्किम को भारत के जैविक राज्य के तौर पर पहचाना जाना चाहिए और असम को भारत के जलमार्ग राज्य के तौर पर पहचाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की प्राथमिकता देश के अन्य क्षेत्रों के लोगों को पूर्वोत्तर के लोगों के करीब लाना है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में कुछ राज्य हैं, जोकि अनुशासन एवं कठोर परिश्रम के बल पर बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैसे कि मिज़ोरम, जहां साक्षरता दर केरल के बाद दूसरे स्थान पर है, और सिक्किम, जिसकी विकास दर 20 फीसदी है। मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में अधिक संभावनाएं होने की वजह से, यह क्षेत्र दुनियाभर में निवेश के लिए चुनिंदा गंतव्यों में से एक के रूप में उभरकर सामने आएगा।

संसद सदस्य श्रीमती किरण खेर ने कहा कि अपनी सुंदरता और यहां के लोगों में अतिथि सत्कार की भावना की वजह से पूर्वोत्तर बहुत अच्छा पर्यटन गंतव्य है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के सचिव श्री नवीन वर्मा ने कहा कि डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट 2017 समारोह को चंडीगढ़ में आयोजित करने के पीछे यह विचार है कि चंडीगढ़ और संपूर्ण उत्तर भारत के लोग पूर्वोत्तर को समझ पाएं और यहां के लोग, विरासत, संस्कृति आदि से रूबरू हो पाएं। इसके साथ ही ये लोग पूर्वोत्तर में निवेश की संभावनाएं भी तलाश पाएं। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय यह समारोह देशभर के अन्य स्थानों के लोगों को पूर्वोत्तर के करीब लाना और इन लोगों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

पीएचडी चैम्बर ऑफ वाणिज्य एवं उद्योग के अध्यक्ष श्री गोपाल जीवार्जका ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश आदि को बढ़ावा देने और इसे पर्यटक गंतव्य के तौर पर दुनियाभर में प्रस्तुत करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. गिरीश साहनी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय एवं सीएसआईआर के वरिष्ठ अधिकारी इस समारोह के मौके पर उपस्थित रहे।

पूर्वोत्तर को बेहतरीन निवेश गंतव्य के तौर पर दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के लिए ‘डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट – 2017’ समारोह पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह का मुख्य विषय पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न तरह की तकनीकों का सकारात्मक एवं प्रभावशाली तरीके से उपयोग करना है।

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