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जानें- कैसा घर दिया जाता है पूर्व राष्ट्रपति को? प्रणब के घर में होगा बहुत कुछ नया!

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई को देश के प्रथम नागरिक से पूर्व राष्ट्रपति हो जायेंगे. इसके साथ ही रायसीना हिल स्थित 320 एकड़ में विस्तीर्ण 340 कमरों वाला भव्य राष्ट्रपति भवन उनका पूर्व पता हो जाएगा और लुटियन दिल्ली में राजाजी मार्ग स्थित 8 बैडरूम वाला 10 नंबर बंगला प्रणब दा का स्थायी पता बन जायेगा.किस आधार पर आवंटित होता है आवास? : राष्ट्रपति पेंशन अधिनियम के तहत पूर्व राष्ट्रपति को उसकी मर्जी से देश में कही भी प्रथम श्रेणी की आजीवन आवासीय सुविधा सरकार द्वारा निशुल्क मुहैया कराई जाती है. इसके तहत मुखर्जी को उनकी पसंद से राजाजी मार्ग स्थित 11776 वर्गफुट क्षेत्रफल में बना 10 नंबर बंगला आवंटित किया गया है. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी यही बंगला आवंटित किया गया था. कलाम इसमें साल 2015 में निधन होने तक रहे थे.

मुखर्जी के लिए लगाई गई लिफ्टः टाइप 8 श्रेणी का यह बंगला लुटियन दिल्ली का पहला बंगला होगा जिसमें मुखर्जी के विशेष अनुरोध पर लिफ्ट लगायी गई है. लुटियन बंगलों के आवंटन और रखरखाव से जुड़े शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो मंजिल वाले इस बंगले में एक छोटी लिफ्ट लगाई गई है. अधिकारी ने बताया कि सम्पदा निदेशालय के नियमों के तहत ब्रिटिश काल में बसी लुटियन दिल्ली के मूल स्वरूप को बरकरार रखने के लिए बंगलों की रंगत तो बदली जा सकती है लेकिन इनमें कोई बड़ा तकनीकी या आमूलचूल परिवर्तन नहीं किया जा सकता है.

बनाई गई लाइब्रेरीः संपदा निदेशालय की देखरेख में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग इन बंगलों की मरम्मत और रखरखाव करता है. निदेशालय ने नियमों के तहत ही मुखर्जी के बंगले में कोई नया निर्माण कार्य या बड़ा बदलाव किये बिना ही लिफ्ट लगाने का काम मुकम्मल किया है. अधिकारी ने बताया कि मुखर्जी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बंगले में दो हॉल को अतिथि कक्ष के तौर पर तैयार किया है जबकि किताबों से प्रणब दा के विशेष लगाव को देखते हुए एक कमरे को पुस्तकालय में तब्दील किया गया है. राष्ट्रपति भवन से मुखर्जी ने अपने निजी सामान के साथ किताबों का पुराना भंडार ही नए घर में शिफ्ट करने की इजाजत दी है। उनके एक निजी सहायक ने बताया कि राष्ट्रपति बनने पर भी मुखर्जी अपने साथ किताबों का ही अपना संग्रह राष्ट्रपति भवन लेकर आये थे। बतौर राष्ट्रपति बीते पांच सालों में उन्हें जो तोहफे मिले उनमें कुछ चुनिंदा पसंद की किताबें ही मुखर्जी अपने साथ ले जाएंगे शेष तोहफे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय का हिस्सा बनेंगे।

शर्मिष्ठा के नृत्य शौक का भी ख्यालः बेटी की नृत्य संगीत साधना की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ऊपरी मंजिल का एक कमरा पारंपरिक संगीत की सुविधाओं से लैस किया गया है. मुखर्जी अपनी जीवनी और राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल पर पुस्तक लिखने की मंशा पहले ही जता चुके है इसके मद्देनजर बंगले की दोनों मंजिलों पर एक एक अध्ययन कक्ष का खास इंतजाम किया गया है, जिससे उनका पढ़ने लिखने का काम सुचारू रह सके.

बेटी ही करेंगी पिता की देखभालः प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद से पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी देखभाल का दायित्व संभालने का फैसला किया है. मशहूर कथक नृत्यांगना शर्मिष्ठा ने पीटीआई भाषा को बताया कि मंगलवार को पिता के साथ ही राजाजी मार्ग स्थित घर में वह भी शिफ्ट हो जाएंगी. फिलहाल वह दक्षिणी दिल्ली में ग्रेटर कैलाश स्थित अपने निजी फ्लैट में रहती हैं. उन्होंने बताया कि दो साल पहले मां सुव्रा मुखर्जी के निधन के बाद से ही वह पिता की देखभाल का दायित्व निभा रही हैं लेकिन राष्ट्रपति की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद 81 वर्षीय मुखर्जी की देखरेख के लिए उन्होंने पिता के साथ ही रहने का फैसला किया है.

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