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चैत्रनवरात्रि के अवसर कड़े सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश

अवैध रूप से दुधारू पशुओं तथा गोवंश की वध के लिये तस्करी एवं अवैध रूप से संचालित पशु वधशालाओं (बूचड़खानों) की रोकथाम एवं महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा के निर्देश
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: इस वर्ष चेैत्रनवरात्रि का पर्व दिनांक 29 मार्च, 2017 से 05 अपै्रल 2017 तक मनाया जाएगा। उक्त त्यौहार को सकुशल सम्पन्न कराये जाने के संबंध में श्री जावीद अहमद, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 के आदेशानुसार अपर पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था उ0प्र0 श्री दलजीत सिंह चैधरी द्वारा निम्नलिखित निर्देश दिये गये हैंः-

1- त्यौेहार के निमित्त अग्रिम तैयारियाॅः-

  • सभी थानों के त्यौहार रजिस्टरों तथा आसूचना आख्याओं का परिशीलन/ सूक्ष्मता से अवलोकन कर लिया जाए तथा यह देख लिया जाए कि विगत के वर्षो में इस त्यौहार को लेकर कहीं कोई समस्या/तनाव आदि उत्पन्न तो नहीं हुआ था। यदि इस त्यौहार को लेकर कोई समस्या/तनाव दृष्टिगोचर हो तो, उसका समाधान समय रहते संबंधित क्षेत्राधिकारी/ परगनाधिकारी एवं थाना प्रभारी के द्वारा संयुक्त रूप से त्यौहार से पूर्व ही अवश्यमेव करा लिया जाए।
  • समस्त अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी एवं थाना प्रभारी उक्त त्यौहार से संबंधित इस आशय का एक लिखित प्रमाण-पत्र अपने स्वयं के हस्ताक्षर से उपलब्ध करायेंगे कि ‘‘उनके द्वारा अपने अधीन जिम्मेदारी के क्षेत्र में सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं एवं अब कोई समस्या विद्यमान नहीं हैं’’।
  • समस्त थाना क्षेत्रों के उक्त त्यौहार के दृष्टिगत TROUBLE SPOTS चिन्हित किये जांए। प्रत्येक TROUBLE SPOTS पर क्षेत्र के परगनाधिकारी/क्षेत्राधिकारी/थाना प्रभारी तथा सर्वाधिक संवेदनशील प्रकरणों पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी तथा जनपदीय पुलिस प्रभारी को मौके का भ्रमण कर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कर ली जायें।
  • परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक अपने परिक्षेत्र के जनपदों के पुलिस प्रभारियों से उक्त त्यौहार से संबंधित समस्त तैयारियां पूर्ण कराये जाने का लिखित प्रमाण-पत्र (जो जनपद पुलिस प्रभारी के स्वयं के हस्ताक्षर से निर्गत हो) को त्यौहार सम्पन्न होने के 03 दिन पूर्व प्राप्त कर लिये जायें।
  • जोनल पुलिस महानिरीक्षक अपने जोन से संबंधित समस्त तैयारियों की समीक्षा अपने स्तर से स्वयं कर सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रकरणों को इस मुख्यालय को लिखित एवं दूरभाष से अवगत कराया जाये।
  • शान्ति कमेटियों एवं विभिन्न विभागों से समन्वय की बैठकें वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में सम्पादित की जंाय।
  •  जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक द्वारा महत्वपूर्ण मंदिरों एवं मेला स्थलों सहित सभी संवेदनशील स्थानों का संयुक्त भ्रमण कर लिया जाय।
  • जुलूसों एवं शोभा यात्राओं के मार्गो पर पैदल भ्रमण एवं निरीक्षण करके देख लिया जाय कि वे अतिक्रमित/बाधित नहीं हैं।
  • दंगा निरोधी योजना का पुनभ्र्यास करा लिया जाय और संबंधित उपकरणों का निरीक्षण कर उन्हें तैयारी की हालत में रखा जाय।
  • धारा 144 दं0प्र0सं0 के अन्र्तगत निषेधाज्ञा आवश्यकतानुसार लागू की जाये।
  • किसी भी प्रकार की नई परम्परा शुरु करने हेतु अनुमति कदापि न दी जाये।
  • शरारती एवं असामाजिक तत्वों के विरुद्व प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

2- महत्वपूर्ण मंदिरों एवं मेला स्थलों पर व्यवस्थायेंः-

  • जिलाधिकारी/सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर जनपद में स्थित मंदिरों के आसपास साफ सफाई कराते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये।
  • महत्वपूर्ण मेला स्थलों एवं बड़े तथा प्रसिद्व मंदिरों पर भीड़ नियंत्रण हेतु व्यवस्थायें कर ली जाय।
  • मुख्य द्वार पर प्रवेश नियंत्रण और एण्टी सेबोटाॅज चेकिंग की व्यवस्था की जाय।
  • भगदड़ से बचने के लिये प्रवेश और निकास मार्गो की अलग-अलग व्यवस्था एवं बेरीकेडिंग व प्रकाश की समुचित व्यवस्था की जाय।
  • जहाॅ-जहाॅ श्रद्धालुओं द्वारा नदी/जलाशयों में स्नान किये जाते हैं, वहां घाटों पर फिसलन रोकने के लिए समुचित प्रबन्ध किये जंाय। आवश्यकतानुसार नावों एवं गोताखोरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
  • भारी भीड़ वाले स्थानों पर आपात चिकित्सा हेतु चिकित्सकीय टीम की व्यवस्था की जाय।
  • महिलाओं से छेड़खानी/छंीटाकशी/पाकेटमारी/चेन स्नेचिंग/लूट की घटनाएं रोकने के लिए क्राइम ब्रांच व महिला पुलिस की संयुक्त टीम लगाई जाए। महिलाओं से छेड़खानी कभी-कभी साम्प्रदायिक रुप ले लेती है। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए।
  • यथा आवश्यक सीसीटीवी कैमरों एवं वीडियोग्राफी टीम की व्यवस्था की जाय।

3-अन्य सुरक्षात्मक व्यवस्थायेंः-

  • जुलूसों के साथ पर्याप्त पुलिस बल का व्यवस्थापन किया जाय, विश्ेाषकर जुलूस के उन मार्गो पर, जिनपर दूसरे सम्प्रदाय के लोगों के धार्मिक स्थल स्थित हंै। उत्तेजनात्मक नारेबाजी को नियंत्रित किया जाय।
  • अवैध शस्त्र धारकों के विरुद्व कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाय।
  • रेलवे स्टेशनों एवं बस स्टेशनों पर भीड़ के आवागमन के दृष्टिगत पर्याप्त सुरक्षा प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाय।
  • आवश्यकतानुसार चेकिंग/फ्र्रिस्किंग एवं डाॅगस्क्वाॅड, एण्टीसेबोटाॅज स्क्वाॅड तथा बमडिस्पोजल स्क्वाॅड की व्यवस्था की जाय।
  • स्ट्रेटेजिक लोकेशन्स पर समुचित संख्या मेें स्ट्राइकिंग रिजर्व की व्यवस्था की जाय।
  • प्रतिबंधित पशुओं के वध की घटनाओं पर नियंत्रण रखा जाय।
  • अफवाह फैलाने वालों पर सतर्क दृष्टि रखी जाय।
  • सोशल मीडिया पर चल रही विषय वस्तुओं पर कड़ी दृष्टि रखी जाय।
  • अभिसूचना तंत्र को सक्रिय एवं गतिशील रखा जाय।

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