37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

ग्रेच्युटी विधेयक को मिली संसद की मंजूरी, 20 लाख तक नहीं देना होगा टैक्स

देश-विदेश

ग्रेच्युटी से संबंधित उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 को गुरुवार को बिना किसी चर्चा के राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है. इस विधेयक के मंजूरी होने से निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को फायदा होगा. निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री हो जाएगी. आपको बता दें कि लोकसभा से ये विधेयक पहले ही पास हो चुका है.

श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को ग्रेच्युटी से संबंधित उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 को राज्यसभा में पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है, मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि इसको बिना चर्चा के पास कर दिया जाए.

इसके बाद ग्रेच्युटी से संबंधित उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 को बिना किसी चर्चा के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. हालांकि कांग्रेस की तरफ से इसको लेकर दो संसोधन पेश किए गए थे. ये संसोधन कांग्रेस के डॉ सुब्बीरामी रेड्डी ने पेश किए थे. लेकिन बाद में उन्होंने संसोधन वापस ले लिए. जिसके बाद विधेयको को मंजूरी मिल गई.

उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 में संसोधन हो जाने के बाद इसका फायदा प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा. इस बिल के कानून में तब्दील होने के बाद प्राइवेट सेक्टर में नौकरी से रिटायर होने वाले या नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री के दायरे में आ जाएगी. इससे पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी.

आपको बता दें कि इससे पहले दस अथवा अधिक लोगों को नियोजित करने वाले निकायों के लिए उपदान भुगतान अधिनियम 1972 लागू है, जिसके अनुसार, कारखानों, खानों, तेल क्षेत्रों, बागानों, पत्तनों, रेल कंपनियों, दुकानों या अन्य प्रतिष्ठानों में काम कर रहे कर्माचरी जो पांच साल से नियमित काम कर रहे हैं उनको ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये तक रखी गई थी. साल 2010 में इस अधिनियम की धारा 4 में बदलाव कर ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये किया गया था. लेकिन अब इसमें संसोधन कर ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है.

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा को पहले ही बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया था. अब केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए भी मंहगाई और वेतन वृद्धि को लेकर विचार करते हुए उपदान भुगतान अधिनियम 1972 में संसोधन किया है. इस अधिनियम में बदलाव करने के पीछे सरकार का उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है.

फिर चाहे कर्मचारी नियमामुसार सेवानिवृत हुआ हो या शरीर के विकलांग होने के कारण सेवानिवृत हुआ हो. इसके साथ ही विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि उपदान भुगतान संसोधन अधिनियम 2017 की धारा 2क में बदलाव किया गया है. जिसके अनुसार महिला कर्मचारियों वर्तमान 12 सप्ताह के स्थान पर’प्रसूति छुट्टी की अवधि’ को अधिसूचित किया जाए.

Catch News

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More