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ग्रामीण विकास में प्रभावी पहल के लिए 144 पुरस्‍कार दिए गए

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 19 जून, 2017 को एक पुरस्‍कार समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंतर्गत उपलब्धियां दर्शाई गईं। इस समारोह में विभिन्‍न योजनाओं के अधीन प्रंशसनीय कार्य करने वाले राज्‍यों, संस्‍थानों तथा सरकारी पदाधिकारियों को पुरस्‍कृत किया गया। जियो-मनरेगा के तहत जल संरक्षण पर लघु फिल्‍म, मध्‍य प्रदेश की सौ वर्षीय जनजातीय महिला, जदिया बाई के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान निर्माण तथा पीएमजीएसवाई पर शान द्वारा गाए गए ए‍क दृश्‍य श्रव्‍य गीत का भी प्रदर्शन किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री ने मनरेगा पर एक नागरिक केंद्रित मोबाइल ऐप की भी शुरूआत की जिसमें मनरेगा के विभिन्‍न पहलुओं पर सूचना प्रदान की जा सकती है। ग्रामीण विकास विभाग अपने कार्यक्रम प्रबंधन में सूचना और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का गहन उपयोग करता है और ‘जन-मनरेगा’ ऐप ‘मेरी सड़क’ और ‘आवास’ मोबाइल ऐप विभाग की तीसरी ऐसी नागरिक केंद्रित पहल है। विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंर्तगत कुल 144 पुरस्‍कार दिए गए। सतत आजीविका, पारदर्शिता और जवाबदेही, आधार सीडिंग, रूपांतरण और जियो-मनरेगा पर पुरस्कार मनरेगा के तहत दिए गए थे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंर्तगत सर्वाधिक ग्रामीण सड़कों के निर्माण वाले (बिहार) तथा गैर-परम्‍परागत निर्माण सामग्री का उपयोग करने वाले (मध्‍य प्रदेश) राज्‍यों को पुरस्‍कार दिए गए। हरियाणा, गुजरात तथा कर्नाटक ने पीएमजीएसवाई (चरण 1 और 2) में लक्ष्‍य का 95 प्रतिशत से अधिक काम पूरा करने पर विशेष पुरस्‍कार प्राप्‍त किए। ऐसे राज्‍यों को जिन्‍होंने विभिन्‍न मापदंड़ों से अच्‍छा काम किया था उन्‍हें पीएमएवाई-जी के अंर्तगत पुरस्‍कृत किया गया, केंद्रीय भवन अनुसंधान, रुड़की जिसने भवन टाइपोलाजी का तकनीकी परीक्षण उपलब्‍ध करवाया, ग्रामीण विकास की एनआईसी विभागीय टीम द्वारा तकनीकी सहायता दिए जाने तथा नवीन प्रौद्योगिकियों के उपयोग में महत्‍वपूर्ण योगदान के लिए यूएनडीपी के सलाहकार, वरिष्‍ठ नागरिक डॉ. प्रबीर कुमार दास को भी पुरस्‍कार दिए गए। नौ जिलों के कलैक्‍टरों को भी अधिकतम संख्‍या में पीएमएवाई-जी मकान पूरे करने के लिए पुरस्‍कृत किया गया, महत्‍वपूर्ण बात यह रही कि नौ जिला कलैक्‍टरों में से पांच उड़ीसा से थे। राष्‍ट्रीय संसाधन संगठन, राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्‍टेट बैंक, इंडियन ओवसीज बैंक, यूको बैंक, सेन्‍ट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा आईसीआईसीआई बैंक को भी पुरस्‍कार प्रदान किए गए। जिन राज्‍यों को विभिन्‍न श्रेणियों के अंर्तगत पुरस्‍कार मिले उनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, छत्‍तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, बिहार, कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल शामिल थे। कौशल विकास श्रेणी के तहत सर्वश्रेष्‍ठ निष्‍पादन राज्‍य, सर्वश्रेष्‍ठ चेम्पियन नियोक्‍ता तथा सर्वश्रेष्‍ठ प्रशिक्षण भागीदारों को पुरस्‍कृत किया गया। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद द्वारा किए गए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मूल्यांकन के प्रमुख निष्कर्षों पर एक प्रस्तुति भी थी। मूल्यांकन रिपोर्ट ने कार्यक्रम की मुख्य प्रबलता को उजागर किया और पूरे देश में इस कार्यक्रम को सुदृढ़ और विस्‍तृत करने के लिए कई सुझाव दिए हैं। ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री, श्री राम कृपाल यादव ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी तथा ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने में संस्‍थानिक भागीदारी की भूमिका पर प्रकाश डाला। ग्रामीण विकास मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी। उन्‍होंने कार्यक्रम निष्‍पादन में सरकार के कार्यों से हुए परिवर्तन का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने संकेत दिए कि सरकार ने मनरेगा पुनर्निर्माण पूरा कर लिया है। ग्रामीण गरीबों के संसाधन आधार को सुदृढ़ करने के लिए जल-संचयन, जल-संरक्षण तथा कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए निवेश को प्रोत्‍साहित किया जाता है। पीएमएवाई-जी तथा पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 2019 के लिए लक्ष्‍य निर्धारित किए गए हैं तथा इन लक्ष्‍यों की प्राप्ति के लिए राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार पूर्णत: वचनबद्ध है। उन्‍होंने कार्यक्रम की निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को उपयोग में लाने तथा नागरिकों से मोबाइल ऐप के माध्‍यम से प्रतिक्रिया जानने का भी उल्‍लेख किया। श्री तोमर ने विभाग के विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंतर्गत रोजगार सृजन, विशेषत: ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करने तथा उनके लिए सृजित किए जा रहे कौशल रोजगार अवसरों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का भी उल्‍लेख किया तथा राज्‍य सरकारों, अधिकारियों तथा अन्‍य पणधारियों को इन चुनौतियों से निजात पाने के लिए एकजुट होकर काम करने और लोगों को बेहतर सरोकार प्रदान करने को प्रोत्‍साहित किया।
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ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 19 जून, 2017 को एक पुरस्‍कार समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंतर्गत उपलब्धियां दर्शाई गईं। इस समारोह में विभिन्‍न योजनाओं के अधीन प्रंशसनीय कार्य करने वाले राज्‍यों, संस्‍थानों तथा सरकारी पदाधिकारियों को पुरस्‍कृत किया गया। जियो-मनरेगा के तहत जल संरक्षण पर लघु फिल्‍म, मध्‍य प्रदेश की सौ वर्षीय जनजातीय महिला, जदिया बाई के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान निर्माण तथा पीएमजीएसवाई पर शान द्वारा गाए गए ए‍क दृश्‍य श्रव्‍य गीत का भी प्रदर्शन किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री ने मनरेगा पर एक नागरिक केंद्रित मोबाइल ऐप की भी शुरूआत की जिसमें मनरेगा के विभिन्‍न पहलुओं पर सूचना प्रदान की जा सकती है। ग्रामीण विकास विभाग अपने कार्यक्रम प्रबंधन में सूचना और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का गहन उपयोग करता है और ‘जन-मनरेगा’ ऐप ‘मेरी सड़क’ और ‘आवास’ मोबाइल ऐप विभाग की तीसरी ऐसी नागरिक केंद्रित पहल है।

विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंर्तगत कुल 144 पुरस्‍कार दिए गए। सतत आजीविका, पारदर्शिता और जवाबदेही, आधार सीडिंग, रूपांतरण और जियो-मनरेगा पर पुरस्कार मनरेगा के तहत दिए गए थे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंर्तगत सर्वाधिक ग्रामीण सड़कों के निर्माण वाले (बिहार) तथा गैर-परम्‍परागत निर्माण सामग्री का उपयोग करने वाले (मध्‍य प्रदेश) राज्‍यों को पुरस्‍कार दिए गए। हरियाणा, गुजरात तथा कर्नाटक ने पीएमजीएसवाई (चरण 1 और 2) में लक्ष्‍य का 95 प्रतिशत से अधिक काम पूरा करने पर विशेष पुरस्‍कार प्राप्‍त किए। ऐसे राज्‍यों को जिन्‍होंने विभिन्‍न मापदंड़ों से अच्‍छा काम किया था उन्‍हें पीएमएवाई-जी के अंर्तगत पुरस्‍कृत किया गया, केंद्रीय भवन अनुसंधान, रुड़की जिसने भवन टाइपोलाजी का तकनीकी परीक्षण उपलब्‍ध करवाया, ग्रामीण विकास की एनआईसी विभागीय टीम द्वारा तकनीकी सहायता दिए जाने तथा नवीन प्रौद्योगिकियों के उपयोग में महत्‍वपूर्ण योगदान के लिए यूएनडीपी के सलाहकार, वरिष्‍ठ नागरिक डॉ. प्रबीर कुमार दास को भी पुरस्‍कार दिए गए। नौ जिलों के कलैक्‍टरों को भी अधिकतम संख्‍या में पीएमएवाई-जी मकान पूरे करने के लिए पुरस्‍कृत किया गया, महत्‍वपूर्ण बात यह रही कि नौ जिला कलैक्‍टरों में से पांच उड़ीसा से थे।

राष्‍ट्रीय संसाधन संगठन, राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन तथा पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्‍टेट बैंक, इंडियन ओवसीज बैंक, यूको बैंक, सेन्‍ट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा आईसीआईसीआई बैंक को भी पुरस्‍कार प्रदान किए गए। जिन राज्‍यों को विभिन्‍न श्रेणियों के अंर्तगत पुरस्‍कार मिले उनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, छत्‍तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, बिहार, कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल शामिल थे। कौशल विकास श्रेणी के तहत सर्वश्रेष्‍ठ निष्‍पादन राज्‍य, सर्वश्रेष्‍ठ चेम्पियन नियोक्‍ता तथा सर्वश्रेष्‍ठ प्रशिक्षण भागीदारों को पुरस्‍कृत किया गया।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद द्वारा किए गए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मूल्यांकन के प्रमुख निष्कर्षों पर एक प्रस्तुति भी थी। मूल्यांकन रिपोर्ट ने कार्यक्रम की मुख्य प्रबलता को उजागर किया और पूरे देश में इस कार्यक्रम को सुदृढ़ और विस्‍तृत करने के लिए कई सुझाव दिए हैं।

ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री, श्री राम कृपाल यादव ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी तथा ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने में संस्‍थानिक भागीदारी की भूमिका पर प्रकाश डाला। ग्रामीण विकास मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी। उन्‍होंने कार्यक्रम निष्‍पादन में सरकार के कार्यों से हुए परिवर्तन का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने संकेत दिए कि सरकार ने मनरेगा पुनर्निर्माण पूरा कर लिया है। ग्रामीण गरीबों के संसाधन आधार को सुदृढ़ करने के लिए जल-संचयन, जल-संरक्षण तथा कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए निवेश को प्रोत्‍साहित किया जाता है। पीएमएवाई-जी तथा पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 2019 के लिए लक्ष्‍य निर्धारित किए गए हैं तथा इन लक्ष्‍यों की प्राप्ति के लिए राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार पूर्णत: वचनबद्ध है। उन्‍होंने कार्यक्रम की निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को उपयोग में लाने तथा नागरिकों से मोबाइल ऐप के माध्‍यम से प्रतिक्रिया जानने का भी उल्‍लेख किया। श्री तोमर ने विभाग के विभिन्‍न कार्यक्रमों के अंतर्गत रोजगार सृजन, विशेषत: ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करने तथा उनके लिए सृजित किए जा रहे कौशल रोजगार अवसरों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का भी उल्‍लेख किया तथा राज्‍य सरकारों, अधिकारियों तथा अन्‍य पणधारियों को इन चुनौतियों से निजात पाने के लिए एकजुट होकर काम करने और लोगों को बेहतर सरोकार प्रदान करने को प्रोत्‍साहित किया।

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