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खेल को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ी-केंद्रित, कोच नेतृत्व और व्यवस्था-प्रेरित दृष्टिकोण पर ध्यान केन्द्रित: श्री विजय गोयल

खेल को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ी-केंद्रित, कोच नेतृत्व और व्यवस्था-प्रेरित दृष्टिकोण पर ध्यान केन्द्रित : श्री विजय गोयल
खेल समाचारदेश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान केन्द्र की एनडीए सरकार ने खेल को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ी-केंद्रित, कोच नेतृत्व और व्यवस्था-प्रेरित दृष्टिकोण पर ध्यान केन्द्रित किया है। आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता हासिल करने की दिशा में खेलों को व्यापक बनाने के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

श्री विजय गोयल ने पिछले तीन वर्षों में खेल विभाग की उपलब्धियों को निम्नलिखित तरीके से सूचीबद्ध किया…

  1. कार्यक्रम/नीतियां/परियोजनाएं:
  • खिलाड़ियों की तैयारी:टीओपीएस एक मुख्य पहल है और यह खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक तंत्र भी है। यह खिलाड़ियों पर केन्द्रित व्यवस्था है जिसका उद्देश्य अंतर को पाटना है।
  • ओलंपिक तैयारियां:खिलाड़ियों की महत्वपूर्ण ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भारत में 1,00,000 रुपये प्रतिमाह वज़ीफा मंज़ूर किया गया है, और ओलंपिक के दौरान 100 डॉलर प्रतिदिन के वज़ीफे की मंज़ूरी दी गई है।
  • निजी कोच:यदि आवश्यक हो तो, श्रेष्ठ स्तर के खिलाड़ियों को मौजूदा कोच के अतिरिक्त एक व्यक्तिगत कोच रखने की अनुमति दी गई है। निजी उपकरणों की खरीद के लिए भी खिलाड़ियों को सहायता दी गई है।
  • लक्षित ओलंपिक पोडियम:समान रूप से महत्वपूर्ण घटकों में अब कनिष्ठ खिलाड़ी विकास, खेल विज्ञान सहायता आदि भी शामिल होंगे।
  • प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिताओं के लिए वार्षिक कैलेंडर (एसीटीसी):खिलाड़ियों को व्यापक स्तर पर फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से इस बार शिविरों और प्रतियोगिताओं की संख्या में काफीवृद्धि की गई है।
  • कोच नेतृत्व प्रणाली:कोच के विकास के लिए, मौजूदा कोचों की क्षमता वृद्धि के लिए फेडरेशन को कहा गया है। उदाहरणस्वरूप, हाल ही में मुक्केबाज़ी के कोचों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मास्टर कोचों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है।
  • एनआईएस:विभिन्न खेल विषयों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा अपनाए गए अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल और प्रथाओं के साथ खेल कोचिंग में डिप्लोमा को एकीकृत किया गया है। कोच विकास कार्यक्रम के उन्नयन के लिए मास्टर प्रशिक्षकों को आमंत्रित किया जा रहा है। विदेशी शिक्षकों को एनआईएस, पटियाला और एलएनआईपीई, ग्वालियर के साथ संबद्ध किया जा रहा है। साई (एसएआई) के कोचों के प्रदर्शन की समीक्षा की जा रही है। नौकरी के दौरान क्षमता विकास कार्यक्रम के भाग के रूप में साई के कोचों को अधिष्ठापन प्रशिक्षण के साथ-साथ चरणवार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन प्रशिक्षणों के लिए पाठ्यक्रम का ढांचा तैयार किया जा चुका है और कोचों की पदोन्नति को इन प्रशिक्षणों से जोड़ा जाएगा।
  •   फ्लेक्सी मोड और ज़रूरत आधारित व्यवस्था के अंतर्गत 50 फीसदी कोच नियमित होंगे, जबकि अन्य 50 फीसदी कोचों को अनुबंध के आधार पर रखा जाएगा। कोचों के क्षमता क्षमता निर्माण के लिए उन्हें विदेश भेजने की व्यवस्था को कार्यान्वित किया जा रहा है। इस व्यवस्था के अंतर्गत 25 कोच बर्मिंघम में दो सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। खेल वैज्ञानिक और कोचों को पहले भी भेजा गया था।

प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के विकास और तीव्र स्वास्थ्य लाभ के लिए 100 मालिश करने वाले एवं फीज़ियोथैरेपिस्ट प्रदान किए जा रहे हैं।

  • व्यवस्था प्रेरित: शिविर से पहले, शिविर के दौरान और शिविर के बाद जैसे राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविरों की गुणवत्ता के लिए नियमावली बनाई गई है, जिसमें संबंधित खेल संघों को भी शामिल किया गया है। सभी हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने और खेल में प्रदर्शन बेहतर करने के लिए सरकारी पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। कुछ महत्वपूर्ण खेल शाखाओं में 300 दिन तक खेल शिविर जारी रहेंगे।

मुक्केबाज़ी पर्यवेक्षकों ने उपकरण, शारीरिक फिटनेस, प्रशिक्षण ज़रूरतें और प्रशिक्षण अंतर पर अपनी रिपोर्ट दी है।

निशानेबाज़ी पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा तंत्र के साथ निजी कोचों को एकीकृत करने की ज़रूरत है।

  • चिकित्सा जांच प्रत्येक बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन से पूर्व खिलाड़ियों की चोटों की जांच की जाएगी। 
  • राष्ट्रीय खेल अकादमियां अब तक करीब 13 अकामदी स्थापित की जा चुकी हैं। 
  • राष्ट्रीय खेल विकास संहिता एक कमैटी गठित की जा चुकी है और उनके द्वारा सुझाई गई अनुशंसाएं विचाराधीन हैं। 
  • खेल और फिज़िकल शिक्षा को विद्यालयी शिक्षा के साथ एकीकृत करना इस संबंध में कक्षा एक से दस तक के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने की दिशा में एमएचआरडी और खेल विभाग मिलकर संयुक्त रूप से एक कमैटी का गठन कर चुके हैं। 
  • राष्ट्रीय शारीरिक स्वास्थ्य कार्यक्रम : स्कूल जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य स्तर को मापने के लिए एनपीएफपी शुरू किया गया है;
  • खेल प्रतिभा खोज पोर्टल : उभरती हुई खेल प्रतिभा / अभिभावक / शिक्षक खेल खोज प्रक्रिया को उचित और पारदर्शी बनाने के लिए मंत्रालय के विचार-विमर्श हेतु उपलब्धियों को लॉगिन और अपलोड कर सकते हैं;
  • दीर्घकालिक एथलीट विकास : 100 खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी और उन्हें खेलों भारत योजना के तहत 8 साल के लिए 5 लाख रुपये प्रति वर्ष के उपलब्ध कराये जायेंगे;
  • खेलों इंडिया राष्ट्रीय स्तर के स्कूल खेल : स्कूल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभा को आकर्षित करने और एसजीएफआई के सहयोग से मदद करने के लिए खेलों इंडिया राष्ट्रीय स्तर के स्कूल खेल आयोजित किए जायेंगे जिनमें 10000 छात्र भाग लेंगे;
  • खेलों इंडिया राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय खेल : विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभा को आकर्षित करने और उन्हें एआईयू के सहयोग से मदद हेतु राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेलों को बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा;
  • भारतीय राष्ट्रीय खेल मैदान संघ : खेल के मैदानों को सुरक्षित रखने और उन्हें व्यापक आधार खेलों के लिए एक ऑनलाइन डाटाबेस का सृजन करके जियोटैग किया जाएगा ताकि हर भारतीय के पास खेल की जगह उपलब्ध हो।
  • अभिजात वर्ग के खिलाड़ियों के साथ परामर्श : ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए और भावी कार्य योजना तैयार करने के लिए सम्मेलनों का आयोजन किया गया;
  • खेल की बुनियादी सुविधा : खेलों भारत के अधीन 17 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश को 55.64 करोड़ रुपये जारी किए गए और 16 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
  • राष्ट्रीय मैराथन दिवस : स्वास्थ्य और खेल के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 27 अगस्त को देशव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाएगा;
  • स्वदेशी खेल : स्वदेशी खेलों को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए जागरूकता का सृजन किया जाएगा;
  • ओलंपिक के लिए टास्क फोर्स : अगले 3 ओलंपिक खेलों के लिए टास्क फोर्स की स्थापना की गई है; इसने 2020 ओलंपिक के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसका कार्यान्वयन के लिए अध्ययन किया जा रहा है;
  • मिशन इलेवन मिलियन : 11 लाख से अधिक बच्चों को शामिल करके पूरे देश में फुटबॉल को लोकप्रिय बनाने के लिए यह मिशन 10 फरवरी, 2017 को शुरू किया गया;
  • ग्रामीण खेल महोत्सव : खेलों को बढ़ावा देने और दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिभा को आकर्षित करना;
  • पीएसयू के साथ समझौता ज्ञापन : खेलों को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर गतिविधियों के तहत एक पहल के रूप में पीएसयू के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं;
  • जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष पैकेज : जम्मू एवं कश्मीर में खेलों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान;
  • चयन मानदंड तैयार करना : पिछले एक साल 8 वें स्थान तक रैंकिंग प्राप्त करने वाली टीमों और व्यक्तिगत रूप से 6ठा स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सर्वोच्च स्तर की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन के लिए विचार किया जा रहा है;
  • खेल विधाओं का वर्गीकरण : बेहतर फोकस और योजन के लिए ‘उच्च प्राथमिकता’ की नई श्रेणी बनाई गई;

(B) प्रमुख घटनाक्रम :

  • खेल प्रतियोगिताएं : 21 खेल विधाओं के संबंध में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिनकी 8 स्थानों पर मेजबानी 5 राज्यों और भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा की गई;
  • फीफा यू -17 फुटबॉल विश्व कप 2017 : भारत अक्टूबर, 2017 में इस टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा
  • ब्रिक्स यू -17, फ़ुटबॉल टूर्नामेंट : अक्टूबर 2016 के दौरान गोवा में ब्रिक्स यू -17 फुटबॉल टूर्नामेंट सफलतापूर्वक आयोजित किया गया
  • 12 वें दक्षिण एशियाई खेल : भारत ने इन खेलों की गुवाहाटी और शिलांग में मेजबानी की जहां (5 से 16 फरवरी 2016 तक चले) हमने 789 पदक में से 308 पदक जीते थे;

(C) सफलता की कहानियां :

  • जूनियर हॉकी विश्व कप 2016 : यह प्रतियोगिता लखनऊ में आयोजित की गयी जिसे भारत ने जीता;
  • कबड्डी विश्व कप, 2016 : भारत ने अपना तीसरा कबड्डी विश्व कप जीता जो अहमदाबाद में 7 से 22 अक्टूबर 2016 तक आयोजित किया गया था;
  • एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2017 : भारत 8 पदक जीतकर पांचवें स्थान पर रहा;
  • विश्व शीतकालीन खेलों में भारतीय विशेष एथलीट 2017 : 73 पदक जीतकर भारत पांचवें स्थान पर रहा;
  • भारत ओपन बैडमिंटन सुपर सीरीज, 2017 : सुश्री पी. वी. सिंधु ने खिताब जीता;
  • ब्लाइंड टी 20 विश्व कप : भारतीय टीम ने यह कप जीता
  • रियो ओलंपिक : भारत ने पदकों के रंग के आधार पर 67 वां और पदकों की कुल संख्या के आधार पर संयुक्त रूप से 49 वां स्थान प्राप्त किया
  • रियो पैरालिंपिक्स – 2016 : भारत ने अब तक के सर्वाधिक 4 पदक जीते और 52 वां स्थान प्राप्त किया
  • नीरज चोपड़ा द्वारा विश्व रिकॉर्ड : नीरज चोपड़ा ने पोलैंड में आयोजित 2016 के आईएएएफ विश्व यू- 20 चैम्पियनशिप में जूनियर विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता;
  • सुश्री सानिया मिर्जा का प्रदर्शन : सुश्री सानिया मिर्जा ने सुश्री मार्टिना हिंगिस के साथ ने विंबलडन में दो ग्रैंड स्लैम, महिला डबल्स और 2015 में यूएस ओपन में महिलाओं का यूएस डबल्स जीता।
  • कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स, सामोआ (7-11 सितंबर 2015) : भारत ने 20 पदक जीते और पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा;
  • सुश्री साइना नेहवाल का प्रदर्शन : सुश्री साइना नेहवाल ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं, विश्व नंबर 1 की खिलाड़ी बनने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बनी;
  • विशेष विश्व ओलंपिक्स 2015, लॉस एंजिल्स : भारत ने 173 पदक जीते और तीसरा स्थान प्राप्त किया;
  • ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल 2014 : भारत ने 64 पदक जीते और पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा
  • पैरा-एशियाई खेल 2014 : भारत ने 3 स्वर्ण, 14 रजत और 16 कांस्य पदक जीते।
  • इनचान एशियाई खेल 2014 : भारत ने 57 पदक जीते और पदक तालिका में 8वें स्थान पर रहा।

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