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केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिहं ने राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेले के समापन समारोह को किया संबोधित।

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नई दिल्लीः माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देशन में गत वर्षो में कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए जो सतत प्रयास किये गये हैं उनके उत्साहजनक और  सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए जिस मनोयोग से काम में जुटी है, इससे किसानों के जीवन में गुणात्मक सुधार आ रहा है। मोदी सरकार ने देश के विकास के लिए देश के सामने नई कार्यविधि और पारदर्शी कार्यशैली के नए प्रतिमान रचे हैं। सरकार ने समयबद्ध तरीके से प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में किसान कल्याण की योजनाओं के पूर्ण कार्यान्वयन के लक्षयों को मिशन मोड में परिवर्तित किया है। सुशासन के नए आयामों, नवाचारों और सुधारवादी दृष्टिकोण से एक आधुनिक तथा भविष्योन्मुख भारत की नींव सरकार ने रखी है। मोदी सरकार किसानों के मन में देश की कृषि उन्नति के लिए की गई नई पहलों  के प्रति जागरूकता लाने मे सफल हुई है। सरकार ने अपने आज तक के कार्यकाल मे किसानों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में गुणात्मक परिवर्तन लाने का सतत् तथा सशक्त प्रयास किया है।

किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य है वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का। देश में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने किसानों की समग्र भलाई के लिए इस तरह का कोई लक्ष्य देशवासियों के सामने रखा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि मंत्रालय को वर्ष 2022 तक इसे पूरा करना है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय पूरे मनोयोग और ईमानदारी के साथ प्रधानमंत्री के इस सपने को साकार करने में लगा हुआ है। नीति आयोग ने नए व्यवसाय मॉडलों के मध्यम से किसानों की आय को दोगुना करने और किसानों की कठिनाईयों को दूर करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने से संबंधित विषयों की जाँच करने और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यनीति की संस्तुति करने के वास्ते मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय वर्षासिंचित क्षेत्र प्राधिकरण, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की अध्यक्षता में 13 अप्रैल 2016 को अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया था। व्यापक कार्यनीति पर कार्य करने के साथ-साथ समिति समानन्तर रूप से विचार के लिए विभिन्न हस्तक्षेपों का सुझाव देती रही है, जिनका मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के माध्यमों से कार्यान्वयन किया जा रहा है।

बजट 2018-19 में रू. 2,000 करोड़ का Agri-Market Development fund  घोषित किया गया है, जो कृषि विपणन में खुदरा बाजार के महत्व को दर्शाता है। इन बाजारों को GRAM (Gramin Retail Agriculture Market) का नाम दिया गया है। इसके माध्यम से 22,000 ग्रामीण हाट और 585 APMC मंडियों की आधारभूत संरचना का विकास हो सकेगा। बजट में “Model Land License Cultivator Act” की घोषणा की गई है, जिसके माध्यम से बंटाईदार  तथा भूमि को किराये पर लेकर खेती करने वाले छोटे किसानों को भी संस्थागत ऋण व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए नीति आयोग राज्य सरकारों के साथ मिलकर आवश्यक कार्यवाही करेगा।

आगामी खरीफ सीजन से विभिन्न कृषि जींसों पर उनकी लागत मूल्य के डेढ गुना के आधार पर MSP की घोषणा की जाएगी तथा घोषित MSP सभी किसानों को मिल सके, इसके लिए नीति आयोग द्वारा केन्द्र तथा राज्य सरकारों के साथ मिलकर नई व्यवस्था का निर्माण किया जाएगा। मोदी सरकार ने कृषि ऋण प्रवाह को तेज किया है। बजट 2018-19 में कृषि क्षेत्र का कुल क्रेडिट जो विगत वर्ष में 10 लाख करोड़ रूपये था, इसे बढाकर 11 लाख करोड़ रूपये कर दिया है। ब्याज सहायता की राशि जो वर्ष 2013-14 में 6000 करोड़ रूपये थी, उसे वर्ष 2017-18 में बढाकर 15000 करोड़ रूपये से अधिक कर दिया गया है।

मेले के समापन समारोह के अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में कृषि राज्य मंत्री श्री परषोतम रूपाला, कृषि राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा राज, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्या प्रताप शाही, डीएआरई के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ.त्रिलोचन मोहपात्रा,राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अशोक दलवई  शामिल थे।

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