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केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला 2018 में किसानों को संबोधित किया

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नई दिल्लीः माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने दिनांक 23 फरवरी 2018 को वाराणसी में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला -2018 में किसानों को सम्बोधित किया।

माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि आज पूरा देश सन् 2022 में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के समय किसानों की आमदनी दुगुना करने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने यह बात आज वाराणसी में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला -2018 में कही। इस किसान मेले को

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी,पौध किस्म संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण,नई दिल्ली,कृषि एवं सहकारी विभाग,कृषि एवं किसान मंत्रालय,भारत सरकार,नई दिल्ली,कृषि विभाग उत्तर प्रदेश सरकार एवं ए.पी.आई.वी. ने मिलकर आयोजित किया है। इस तीन दिवसीय मेले में बड़ी संख्या में उत्तर भारत के राज्यों, उत्तर प्रदेश,उत्तराखण्ड,जम्मू एवं कश्मीर,हिमाचल प्रदेश,पंजाबहरियाणा,चण्डीगढ़ एवं नई दिल्ली से आये हुये किसानों ने हिस्सा लिया। मेले में कृषि से खादय पोषण एवं आजीविका सुरक्षा के माध्यम से कृषि से आय दुगुनी करने के उपायों की विस्तृत जानकारी मिल रही है। मेले में किसानों को कृषि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं एवं चुनौतियों के समाधान हेतु वैज्ञानिक व तकनीकी मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है।

कृषि मंत्री ने कहा कि भारत कृषि एवं कृषक प्रधान देश है। देश की 65 प्रतिशत  जनसंख्या कृषि पर आधारित है। यदि कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाया जाये तो कृषक आत्म सम्मान के साथ अपना जीवन यापन करते हुये अपनी आय को अगले पाँच वर्षों अर्थात् 2022 तक दुगुनी कर सकेगा।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में विश्व की 17.6 प्रतिशत जनधन,15 प्रतिशत पशुधन,4.2 प्रतिशत जलधन,2.4 प्रतिशत भू-धन एवं 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल जैसे सीमित संसाधनों से कृषि आय को दुगुना करने की बड़ी चुनौती है,जिसे अभी साकार करना शेष है। इसके लिए कृषि आय दुगुनी करने हेतु कई प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम भारत सरकार के मंत्रालयों मुख्यतः किसान कल्याण एवं कृषि मंत्रालय के तत्वाधान में देशव्यापी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्,नई दिल्ली की सहायता से चलाये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कृषि मेलेहमारे सामाजिक जीवन के आधार होते हैं। इनसे ग्रामीण क्षेत्रों के कृषकों के बीच में कृषि उद्यानिकी,मात्स्यकी,कुक्कुट,पशुपालन एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन से जुड़ी उन्नत कृषि वैज्ञानिक तकनीकों के स्थानांतरण में सहायता मिलती है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह तीन दिवसीय मेला कृषि से जुड़ी सभी उन्नत तकनीकियों को किसानों तक पहुँचाने में अति महत्वपूर्ण होगा। इस मेले में कृषि विविधीकरण हेतु खेती में उद्यानिकी,पशु पालन,मछली पालन,मुर्गी पालन,मशरूम का उत्पादन व जैविक खेती के समावेशन से टिकाऊ एवं लाभकारी कृषि की तकनीकों  की जानकारी प्राप्त कर अपनी आय दुगुनी करने में सक्षम हो सकेंगे।

उन्होंने बताया कि हमारे मंत्रालय ने देश के किसानों के लिये जो पूरी दुनिया का पेट भरने में सक्षमहै इन अन्नदाता किसानों के जेब भरने के लिए कई योजनायें जैसे फार्मर्स फस्ट,आर्या, स्टूडेण्ट रेडी,मेरा गाँव एवं मेरा गाँव,कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी,खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य-आवर्धन एवं क्षेत्र विशेष के अनुरूप कृषि शिक्षा,शोध व प्रसार के कार्यक्रम आदि चलाये जा रहे हैं।

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