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केंद्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय द्वारा उत्‍तर प्रदेश में आलू उत्‍पादकों को सहायता

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नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय ने 2016-17 के लिए उत्‍तर प्रदेश में मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत आलूओं की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है। राज्‍य अभिकरण द्वारा अधिकतम एक लाख मीट्रिक टन आलूओं की खरीद की जा सकती है।

यह खरीद प्रति मीट्रिक टन 4870 रूपये की दर से की जाएगी। सरकार अतिरिक्‍त खर्चों यथा परिवहन के प्रभारों, मंडी करों और गोदाम प्रभारों के लिए प्रति मीट्रिक टन अथवा वास्‍तविक वजन जो भी कम हो के लिए 1217.50 रूपये प्रति मीट्रिक टन अतिरिक्‍त तौर पर उपलब्‍ध कराएगी। राज्‍य अभिकरण के परामर्श से राज्‍य सरकार द्वारा खरीद के केंद्रों/क्षेत्रों का निर्धारण किया जाएगा।

एमआईएस का कार्यान्‍वयन राज्‍य अभिकरणों द्वारा किया जाएगा। बिचौलियों द्वारा स्‍कीम का लाभ उठाए जाने संबंधी संभावनाओं को समाप्‍त करने के लिए सहकारी समितियों और किसान संगठनों से प्रत्‍यक्षत: आलूओं की खरीददारी की जाएगी। राज्‍य सरकार यह सुनिश्‍चित करेगी कि आलूओं की खरीद केवल वास्‍तविक किसानों से ही की जाए।

खरीदे गए आलूओं के स्‍टॉक को खुले बाजार में इस प्रयोजन के साथ बेचा जाएगा जिससे उनका अधिकतम मूल्‍य प्राप्‍त हो सके। यदि आवश्‍यक हुआ तो इन्‍हें राज्‍य के भीतर स्‍थित प्रसंस्‍करण इकाईयों को भी बेचा जा सकता है। राज्‍य अभिकरण यह भी प्रयास करेगा कि प्रसंस्‍करण के बाद खरीदे गए आलूओं का निर्यात किया जाए।

पुन:चक्रण से बचने के लिए आलूओं के स्‍टॉक को उसी बाजार/राज्‍य में नहीं बेचा जाएगा जहां से उन्‍हें स्‍कीम की अवधि के दौरान प्राप्‍त किया गया है। तथापि, यदि इसकी बेहतर कीमत मिलेगी तो उन्‍हें वहां भी बेचा जा सकता है।

किसानों को खरीद के लिए आलू के बदले वस्‍तु से भुगतान की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जहां तक संभव होगा, किसानों को गैर-नकदी लेन-देन के जरिए भुगतान किया जाएगा और बिक्री संबंधी रसीदों को केवल बैंकिंग चैनल, विशेष रूप से डिमांड ड्राफ्ट के जरिए ही संपादित किया जाएगा।

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