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एच1 एन1 इन्फ्लूएन्जा/स्वाईन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क

उत्तराखंड

देहरादून: राज्य में एच1 एन1 इन्फ्लूएन्जा/स्वाईन फ्लू के नये मरीजों की जानकारी आने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ.अर्चना श्रीवास्तव द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक उपरान्त मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा जनवरी, 2018 से अब तक 39 संदिग्ध मरीजों के नमूने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संक्रामक रोग नियंत्रण प्रयोगशाला(एनसीडीसी) को जांच हेतु भेजे गये जिसमें 01 मरीज में एच1 एन1 की पुष्टि हुई है और उनकी मृत्यु भी हो चुकी है। ज्ञातव्य है कि विगम दिनों थराली, चमोली के विधायक श्री मगनलाल शाह का देहान्त इन्फ्लूएन्जा ए नामक वाॅयरस से ग्रसित होने के कारण हुआ था।

डाॅ.अर्चना श्रीवास्तव के अनुसार स्वास्थ्य विभाग निजी चिकित्सालयों/लैब से भी एच1एन1 की पुष्टि रिपोर्ट लेता है। जिसके अनुसार अभी तक 03 एच1एन1 मरीज रिपोर्ट हुए है। जिनमें से देहरादून निवासी 01 महिला मरीज की मृत्यु गत 03 अप्रैल, 2018 को श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती के दौरान हो चुकी है। यद्यपि यह सूचना अस्पताल द्वारा दिनांक 08 अप्रैल को मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून का उपलब्ध की गई। जिसके अनुसार उक्त मृत महिला डायबिटीज से ग्रसित थी। अन्य दो मरीजों का इलाज श्री महंत इंद्रेश अस्पताल मंे चल रहा है।

स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार एच1एन1 वाॅयरस अब एक महामारी की तरह नहीं अपितु एक साधारण सीजनल इन्फ्लूएन्जा की तरह फैलने वाली बीमारी का रूप ले चुका है। जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द, आंखों में जलन, डायरिया, उल्टी एवं सांस लेने में कठिनाईं आदि लक्षण हो सकते है। इसलिये इससे घबराने की जरूरत नही है। इस प्रकार के लक्षण होने पर चिकित्सक से परामर्श लिया जाना चाहिए ताकि सही उपचार हो सकें। महानिदेशक ने बताया कि एच1एन1 के नियंत्रण एवं उपचार हेतु समस्त जनपदों मंे एंटीवाॅयल औषधि ओसेल्टामीविर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध की जा रही है।

डाॅ.अर्चना श्रीवास्तव ने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये है एवं पर्याप्त मात्रा में उपचार के लिये औषधियां आदि की व्यवस्था चिकित्सालय स्तर पर कराने के लिये कहा है। महानिदेशक ने बताया कि स्वाईन फ्लू के संक्रमण की प्रवृत्ति को ध्यान रखते हुए ओसेल्टामीविर की 75 मि.ग्रा. एवं 30 मि.ग्रा. की गोली और बच्चों के लिये सिरप की उपलब्धता की गई है।

स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा मीडिया के माध्यम से अपील की गई है कि लोग घबराएं नहीं बल्कि सतर्क रहें, लोगों की जानकारी के लिये यह जानना आवश्यक है कि एच1एन1 के मरीजों को लक्षणों के आधार पर तीन श्रेणी ’ए’, ’बी’ एवं ’सी’ मंे रखा गया है तथा श्रेणी के आधार पर ही उपचार किया जाता है। इसलिये सभी संदिग्ध मरीजों का लैब परीक्षण करवाने की आवश्यकता नही है। एहतियातन लैब परीक्षण करना पडता है। डाॅ.श्रीवास्तव के अनुसार लैब परीक्षण के उपचार में देरी से कोई संबंध नही है क्योंकि लक्षणों के आधार पर चिकित्सक द्वारा उपचार प्रारम्भ कर दिया जाता है।

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