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उपभोक्‍ताओं के विवादों को ऑनलाइन निपटाने के दायरे में ई-कामर्स कम्‍पनियों की संख्‍या बढ़ रही है: श्री राम विलास पासवान

देश-विदेश

नई दिल्ली: श्री राम विलास पासवान, केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा है कि सरकार उपभोक्‍ताओं को डिजिटाईजेशन के पूर्ण लाभ उपलब्‍ध कराने और ऑनलाइन व्‍यवस्‍था से जुड़े जोखिमों के विरूद्ध सुरक्षोपाय करने के लिए पहले से ही सही दिशा में कार्य कर रही है। श्री पासवान ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी का युग है और इस डिजिटल युग में उपभोक्‍ताओं को शिक्षित करना और उनके विवादों का निपटान करना एक चुनौती है। हमारे राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन अभिसरण कार्यक्रम, जहां उपभोक्‍ताओं के विवादों को ऑनलाइन दर्ज किया जाता है और उनका निपटान शीघ्रता से किया जाता है, के अन्‍तर्गत आने वाली ई-कामर्स कम्‍पनियों की संख्‍या बढ़ रही है। श्री पासवान ने नई दिल्‍ली में आयोजित विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस, 2017 के अवसर पर यह बातें कही। विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस, 2017 “डिजिटल युग में उपभोक्‍ता अधिकार” की थीम पर मनाया गया। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता माननीय केन्‍द्रीय उपभोक्‍ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान द्वारा की गई। श्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय विधि एवं न्‍याय मंत्री, इलैक्‍ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी  कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि थे।

श्री पासवान ने जानकारी दी कि पैकबंद वस्‍तुएं नियमों में, यह अधिदेश देने के लिए संशोधन किया जा रहा है कि यदि ई-कामर्स कम्‍पनियां ऑनलाइन प्‍लेटफार्मों पर बिक्री के लिए पैकबंद वस्‍तुओं की पेशकश कर रही हैं तो उन्‍हें अपनी साईटों पर अनिवार्य घोषणाएं प्रस्‍तुत करनी होंगी। उन्‍होंने सुझाव दिया कि डिजिटल जागरूकता कार्यक्रमों का सृजन करने के लिए उपभोक्‍ता मामले विभाग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दोनों को साथ मिलकर कार्य करना होगा और नॉसकॉम के अध्‍यक्ष श्री चन्‍द्रशेखर से अनुरोध किया कि वे कम्‍पनियों को आचार संहिता का अनुपालन करने के लिए प्रोत्‍साहित करें ताकि वे करार में उपभोक्‍ता के निजी डाटा को गलती से भी न छिपाएं और उस पर हस्‍ताक्षर करने का दबाव न डालें और उनसे अपने व्‍यापारिक मॉडलों के सम्‍बन्‍ध में पारदर्शिता लाने के लिए भी कहा जाए।  केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि इंटरनेट का खुलापन, पहचान की कमी और उपयोगकर्ताओं, विशेषकर प्रथम बार उपयोगकर्ताओं, की सुरक्षा के प्रति समझ का कम स्‍तर ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनके सम्‍बन्‍ध में केन्द्रित प्रयास किए जाने की आवश्‍यकता है।

केन्‍द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने अपने सम्‍बोधन में डिजिटल रूप से सक्षम समाज की बजाय डिजीटल रूप से सशक्त समाज पर ध्यान देने के लिए बल दिया। श्री प्रसाद ने कहा कि सरकार का केंद्रबिंदु डिजिटल शासन पर है और सर्विस डिलीवरी सिस्टम, सुशासन के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि जनहित संबंधी सभी सूचनाएं सार्वजनिक क्षेत्र में होनी चाहिएं।

इस अवसर पर राष्‍ट्रीय भवन संहिता का विमोचन किया गया। इस संहिता को तैयार करने में लगभग 100 विशेषज्ञों का 2 वर्षों से अधिक समय लगा। संहिता में नए/नवीन सामग्रियों और तकनीकों और प्री-फैब्रीकेटिड निर्माण तकनीकों के सम्‍बन्‍ध में प्रावधान हैं जो सन् 2022 तक सभी के लिए घर के उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए तीव्रतम निर्माण को बढ़ावा दे सकते हैं। इस संहिता में प्रशासनिक पहलू भी शामिल हैं, जिनमें एक ही स्‍थान पर और ऑनलाइन माध्‍यम से सभी सम्‍बन्धित एजेन्सियों से प्रक्रियाओं के एकीकृत अनुमोदन के आधार पर समयबद्ध रूप से भवन निर्माण का अनुमोदन देने के प्रावधान हैं, ताकि कारोबार करने की सुविधा को बढ़ावा दिया जा सके।

उपभोक्ता विवाद निवारण और उपभोक्ता शिक्षा, नई प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के संबंध में विभाग द्वारा कुछेक नई पहलों का शुभारम्भ किया गया है,  जिनमें – उपभोक्‍ता विवादों के प्रतितोष हेतु हिन्‍दी  पोर्टल तथा वैब-चैट; मामलों का पता लगाने के लिए कानफोनेट (उपभोक्‍ता मंचों की नेटवर्किंग के लिए एक परियोजना जिसमें मामलों की ऑन लाइन निगरानी के लिए देश के सभी उपभोक्‍ता मंचों को  जोड़ा जाएगा)  के लिए माबाईल एप; और  विधिक माप विज्ञान के मॉडलों का ऑनलाइन अनुमोदन; तथा स्‍वैच्छिक उपभोक्‍ता संगठनों की कुछ पहलें जिसमें उपभोक्‍ता सुरक्षा के सम्‍बन्‍ध में सर्वेक्षण की रिपोर्ट, नकली/घटिया उत्‍पादों का पता लगाने के लिए क्‍यू.आर.कोड एप और पांच राज्‍यों नामत: गुजरात, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, राजस्‍थान एवं तेलंगाना को उनकी उपभोक्‍ता-अनुकूल कार्रवाईयों के लिए पुरस्‍कृत किया जाना शामिल हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्‍य मंत्री श्री सी आर चौधरी ने कहा कि हाल ही में गए नकदी रहित अर्थव्‍यवस्‍था के प्रचार-प्रसार द्वारा सरकार ने डिजिटल बाधाओं को पार करने और डिजिटल इकनॉमिक ग्रिड द्वारा पेश की गई वृहत संभावनाओं को प्राप्‍त करने के लिए कई मिलियन भारतीयों के लिए नए अवसरों को खोला है। डिजिटल भुगतान को प्रोत्‍साहित करने की माननीय प्रधानमंत्री जी की पहल, देश को नकद लेन-देन से डिजिटल भुगतान समाधान की ओर ले जाने में सहायता करने के संबंध में हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों को मजबूत सम्‍बल प्रदान करेगी। उन्‍होंने परामर्श दिया कि डिजिटल वर्ल्‍ड में,  डाटा सुरक्षा, गोपनीयता, सुरक्षा और  शिकायत समाधान तन्‍त्र सहित वित्‍तीय प्रणालियों के सभी महत्‍वपूर्ण तत्‍वों पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए।

श्री हेम पाण्‍डे, सचिव, उपभोक्‍ता मामले विभाग ने तेजी से विस्‍तृत हो रहे ई-कॉमर्स क्षेत्र में उपभोक्‍ता संरक्षण का विस्‍तार करने के लिए विनियामक ढांचे में विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्‍लेख किया।  सरकार, एक नया उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक ला रही है जो विचार के अंतिम चरण में है और इसके अधिनियमित हो जाने के बाद संगत नियम एवं विनियम अधिसूचित किए जाएंगे जो अधिकारक्षेत्र, जवाबदेही की सीमा, अनुचित व्‍यापार व्‍यौहारों के खिलाफ कार्यकारी कार्रवाई के साथ-साथ वैकल्पिक विवाद समाधान जैसे मुद्दों को यथोचित रूप से संबोधित करेंगे।

श्रीमती रेखा, सदस्य, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने उल्लेख किया कि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने का एक अवसर है। उन्होंने उल्लेख किया कि इस दिवस के लिए चयनित विषय बिल्कुल संगत है चूंकि प्रधानमंत्री जी ने डिजीटल कनेक्टिविटी, सेवाओं, ई-गवर्नेंस और स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों का डिजीटलीकरण करने के दृष्टिकोण से जुलाई, 2015 में, डिजीटल भारत पहल का शुभारम्भ किया है। सुरक्षा में सेंध, प्राईवेसी डाटा सुरक्षा मुख्य क्षेत्र बन गए हैं जिनके संबंध में उपभोक्ता को बेहतर संरक्षण प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने ई-कॉमर्स और डिजीटल वित्तीय उत्पादों जैसे एटीएम कार्डों की क्लोनिंग, निधियों का इलैक्ट्रॉनिक रूप में हस्तांतरण और पैसों की अनाधिकृत निकासी से संबंधित अनेकों शिकायतें उपभोक्ता मंचों में प्राप्त होने का उल्लेख किया। उन्होंने आशा की कि प्रस्तावित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम संशोधन विधेयक के नए उपबंधों के साथ अनुचित व्यापार व्यौहारों और संविदाओं के अनुचित शर्तों एवं निबंधनों तथा डिजीटल धोखाधड़ी के अनेकों मामलों से प्रभावी रूप से निपटा जा सकेगा।

नॉसकॉम के अध्‍यक्ष श्री आर चंद्रशेखर ने विषय-वस्तु से संबंधित अपने सम्बोधन में हमारे चारों ओर की प्रत्येक वस्तु, उपभोक्ता व्यवहार और जीवनशैली इत्यादि पर डिजीटल प्रौद्योगिकी के प्रभाव का विवरण दिया। उन्होंने इंटरनेट पर प्रचलित नई डिजीटल प्रौद्योगिकी और उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ एवं अनुलब्धियों के महत्व, यदि इसे उपभोक्ता जानकारी और शिक्षा के लिए सकारात्मकता के साथ उपयोग किया जाए, के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया पर उत्पादों के संबंध में उपयोगकर्ता की टिप्पणी को सबसे बेहतर उपभोक्ता संरक्षण चैनल बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि डिजीटल प्रौद्योगिकी को उपभोक्ता जानकारी एवं शिक्षा के लाभों के रूप में परिवर्तित करना एक महत्वपूर्ण तथ्य है चूंकि एक जागरूक उपभोक्ता ही सबसे बेहतर तरीके से संरक्षित होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें डिजीटल क्षेत्र में सुरक्षा में सेंध से निपटने और इसे न्यूनतम करने के लिए ट्रेल एंड एरर विधि की बजाय बेहतर अंतर्राष्ट्रीय व्यवहारों का पता लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक उपभोक्ता घर पर बैठे हुए उत्पादों को ऑनलाइन खरीदने में सक्षम है उसी प्रकार वह उसी रीति में शिकायत दर्ज करने और समाधान प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए।

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