नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में मोदी-मंदिर बनाए जाने पर गुरुवार को अफसोस जताया। मोदी के दुख प्रकट करते ही ट्विटर पर प्रतिक्रियाओं का अंबार लग गया। लोगों ने सवाल उठाया कि यह मंदिर तो वर्ष 2006 से ही बन रहा था, इस पर मोदी इतनी देरी से दुख क्यों प्रकट कर रहे हैं? मोदी के दुख जताने के बाद गुरुवार को उसका उद्घाटन टाल दिया गया। उनके समर्थकों ने हालांकि मंदिर में मोदी की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की, जिसे कई समाचार चैनलों ने दिखाया।
जीवित नेता के मूर्ति निर्माण से मोदी भी मायावती की श्रेणी में आ गए हैं। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, “मेरे नाम से मंदिर बनाए जाने की खबर देखी। मैं दुखी हूं। यह हैरानी भरा और भारत की महान परंपरा के खिलाफ है। इस तरह मंदिर बनाना हमारी संस्कृति की सीख के अनुरूप नहीं है। लोगों को अपने संसाधनों का इस्तेमाल स्वच्छ भारत की दिशा में करना चाहिए।”
गौरतलब है कि बुधवार को गुजरात के राजकोट शहर के नजदीक मोदी के समर्थकों द्वारा उनके नाम से मंदिर बनाए जाने की खबर आई थी। गुरुवार को ट्विटर पर टिप्पणियों की बाढ़ आ गई है। उसमें कुछ लोगों ने यह सवाल उठाया है कि जब वर्ष 2006 से ही मंदिर अस्तित्व में है तो प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया इतनी देरी से क्यों आई है। एक पत्रकार दीपल त्रिवेदी ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे इसलिए यह अविश्वसनीय है कि वे इसके बारे में जानते ही नहीं थे।”
उन्होंने कहा है कि रमेश उद्धव ने उस मंदिर को चलाते हैं और उन्होंने मोदी की नई प्रतिमा स्थापित की है। उद्धव को अब मुंह बंद रखने के लिए कहा गया है। वह अब हतप्रभ हैं। ट्विटर पर टिप्पणियों में सवाल उठाया गया है कि देशभर में चार से ज्यादा मोदी मंदिर हैं। एक अंग्रेजी दैनिक के मुताबिक, इलाहाबाद के समीप कौशांबी जिले के एक सुदूरवर्ती गांव में एक मंदिर के साथ मोदी चालीसा भी अंकित है। इस मंदिर के पुजारी ब्रजेंद्र नारायण मिश्र का कहना है कि ‘मोदी की पूजा से देश का बेहतर भविष्य परिणाम के रूप में सामने आएगा।’
एक अन्य अंग्रेजी दैनिक ने खुलासा किया है कि यह मंदिर वास्तव में 300 वर्ष पुराना शिव मंदिर है, लेकिन अब उसका नाम ‘नमो-नमो मंदिर’ कर दिया गया है। मंदिर में सुबह-शाम मोदी की आरती और भजन गाया जाता है। लेखक चेतन भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री इस प्रतिक्रिया के लिए प्रशंसा के हकदार हैं। एक ट्वीट में कहा गया है कि मोदी के ही नाम पर मंदिर नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को समर्पित एक मंदिर तेलंगाना में समर्पित कार्यकर्ताओं ने बनवा रखा है।
एक न्यूज़ चैनल के मुताबिक, सोनिया मंदिर की प्रतिमा आंध्र प्रदेश से एक विधायक शंकर राव ने बनवाया। राव ने आरोप को खारिज किया और कहा कि सोनिया मंदिर पृथक तेलंगाना राज्य का गठन करने के लिए कांग्रेस अध्यक्षर के प्रति आभार जताने की राह है। इस मुद्दे पर सोनिया ने कभी एक शब्द भी नहीं कहा।
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