नई दिल्ली: केन्द्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन (हुपा), शहरी विकास एवं सूचना तथा प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज यहां प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) (शहरी) मिशन की दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री अमिताभ कांत, हुपा मंत्रालय में सचिव डॉ. नंदिता चटर्जी एवं राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश स्तर के मिशन निदेशालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री वेंकैया नायडू ने राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासकों से पीएमएवाई (शहरी) के विभिन्न संघटकों का व्यापक प्रचार सुनिश्चित करने एवं लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी में सुविधा देने के लिए ऋण मेलों का आयोजन करने का आग्रह किया। उन्होंने समन्वयात्मक पीपीपी मॉडलों के द्वारा साझेदारी में किफायती आवासों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक तरीके से निजी क्षेत्र को इसमें जोड़ने को कहा।
मंत्री महोदय ने कहा कि पीएमएवाई (शहरी) के कार्यान्वयन में दिशा-निर्देशों में संशोधन, नवीन पहलु तथा प्रक्रियागत सरलीकरण को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही मध्य आय वर्ग समूहों के लिए ऋण संबंधित सब्सिडी योजना (सीएलएसएस), आवासों के निर्माण की प्रगति की निगरानी करने के लिए भू-टैगिंग, इलेक्ट्रोनिक फंड प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) एवं नई निर्माण प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उप-मिशन जैसे कई नवोन्मेषण आरंभ किये गये हैं।
श्री नायडू ने संबंधित राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में मिशन को आगे बढ़ाने में विभिन्न हितधारकों द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की है और कहा कि कुछ राज्यों ने मिशन के तहत आवासों को मंजूरी देने के लिए प्रणालीगत तरीके से बहुत अच्छा कार्य किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अन्य राज्यों का प्रदर्शन बहुत संतोषजनक नहीं रहा है।
इस अवसर पर श्री नायडू ने प्रौद्योगिकी उप-मिशन, क्षमता निर्माण एवं सामाजिक लेखांकन पर तीन पुस्तिकाओं का विमोचन किया तथा तीन टीवी कमर्शियल भी लांच किया।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा में मांग सर्वे, सभी कार्य योजना (पीओए) एवं वार्षिक कार्यान्वयन योजना (एआईपी) के लिए आवास की स्थिति, परियोजनाओं की ग्राउंडिंग एवं प्रगति, एमआईएस एवं भू टैगिंग, प्रौद्योगिकी उप-मिशन एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय समूह के लिए सीएलएसएस पर चर्चा करने के लिए विभिन्न सत्रों को शामिल किया जाएगा।