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अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित सामान्य निकाय की विशेष बैठक ‘सबका साथ‘ को संबोधित करते हुएः सीएम

अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित सामान्य निकाय की विशेष बैठक ‘सबका साथ‘ को संबोधित करते हुएः सीएम
उत्तराखंड

देहरादून: हरिद्वार से देहरादून के लिए गैस पाइपलाइन को सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। देहरादून में वाहनों में सीएनजी का प्रयोग किया जाएगा। डोईवाला का चाण्डीपुल स्वीकृत कर दिया गया है। कालूवाला से रायपुर तक पुल निमार्ण का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। सूर्यधार में एक बड़ा जलाशय निर्मित किया जाएगा जिसके लिए 66 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। डोईवाला शुगर मिल का आधुनिकीकरण किया जाएगा। गन्ने की मिलों से बाइप्रोडक्ट उत्पादन की पहल की जाएगी ताकि मिल से जुड़े लोगो व किसानों को अधिकाधिक लाभ मिले। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऋषिकेश में अंडरग्राउन्ड केबलिग की जाएगी जिसके लिए 2000 करोड़ की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो चुकी है। श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का परिसर डोईवाला में खुले इस पर विचार किया जाएगा। सरकार देहरादून में आईटी पार्क तथा सांइस सिटी विकसित करना चाहती है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 01 जुलाई अन्र्तराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर भानियावाला किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा आयोजित विशेष निकाय की बैठक में प्रतिभाग करते हुए सरकार के उक्त निर्णयों से अवगत कराया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डा0 धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

उपस्थित काश्तकारों तथा सहकारिता समितियों के सदस्यों को अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जहां आज हम अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मना रहे है वही कल जीएसटी लागू होने से ऐतिहासिक शुरूआत हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जन-धन योजना, मुद्रा योजना, आधार द्वारा सभी को जोड़ने का मिशन जैसे आर्थिक सुदृढ़ीकरण हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अब पूरा देश एक क्लिक पर सबके सामने होगा। जिस दिन देश 100 प्रतिशत आधार से जुड़ जाएगा भारत डिजिटल हो जाएगा। इससे देश को मजबूती मिलेगी। यह एक ऐसा सूत्र व्यवस्था होगी जिसके द्वारा हर व्यक्ति स्क्रीन के सामने होगा। इस व्यवस्था से अन्तर्राष्ट्रीय षडयंत्रकारी गतिविधियों तथा आर्थिक अपराधो को नियंत्रित किया जा सकेगा। जीएसटी द्वारा पूरा देश, पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण, हिमालय से समुद्र तक एक सूत्र में बंध गया है। आज के बाद 17 करो तथा 23 प्रकार के सेस के स्थान पर केवल एक कर, एक बाजार और एक देश होगा। आर्थिक व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ने तथा भ्रष्टाचार समाप्त होने से 2022 तक देश के प्रत्येक व्यक्ति को आवास, पानी, बिजली, सड़क देना संभव हो पाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए दृढ़ निर्णय भारत का भविष्य निर्धारित करेंगे। आज खाद सस्ते दामों पर उपलब्ध है, यह सरकार की किसानों के प्रति सोच को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सहकारिता का अर्थ है एक सबके लिए तथा सब एक के लिए। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहकारिता के माध्यम से सशक्त किया जा सकता है। राज्य के सहकारी मंत्री द्वारा उत्तराखण्ड में सहकारिता के क्षेत्र को नए आयाम देने हेतु क्रांतिकारी कदम उठाये गये है। उन्होंने 9 समितियां बनाने का निर्णय लिया है। 769 सहकारी समितियों को आॅनलाइन किया जा रहा है। समितियों के सन्दर्भ में कलर कल्चर विकसित किया जा रहा है। शीघ्र ही 100 प्रतिशत कप्यूटरीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इन प्रयासों से सहकारी बैंको को लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की इस वर्ष की थीम है ‘‘सबका साथ’’। राज्य में 15 जुलाई तक सहकारिता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। पहली बार इसमें लाखों लोग भाग लेंगे। लगभग तीस लाख लोग मिस काॅल नम्बर 9759500500 के माध्यम से सहकारिता समिति के सदस्य बनेंगे। राज्य भर में 1 जुलाई से 10 जुलाई तक अभियान चलाकर सहकारिता सदस्य बनाये जाएंगे। सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमें सहकारिता को रोजगार से जोड़ना होगा। हमे सहकारिता समिति का नाम बदल कर बहुउद्देशीय सहकारिता समिति कर रहे है। इनके माध्यम से राज्य में जेनरिक दवाओं की दुकाने खोली जाएगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मार्गदर्शन में सहकारिता विभाग की एक नई पहचान बनी है। सहकारिता के माध्यम से पलायन को रोका जाएगा तथा रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। यदि प्रत्येक गांव सहकारिता से जुड़ जाएगा तो पलायन नियंत्रित होगा। राज्य सरकार दुग्ध उत्पादकों को 4 रूपये प्रति लीटर बोनस देगी। किसानों को मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख तक का ऋण उपलब्ध है। इस अवसर पर अध्यक्ष भानियावाला सहकारिता समिति श्री गोविन्द सिंह नेगी, उपाध्यक्ष फूल सिंह पाल आदि उपस्थित थे।

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