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स्वास्थ्य मंत्रालय ने सघन दस्त‍ नियंत्रण पखवाड़े (आईडीसीएफ) का शुभारंभ किया

देश-विदेशसेहत

नई दिल्ली: स्‍वास्‍थ्य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने अतिसार के कारण बच्‍चों की मौत की घटनायें को रोकने के सघन प्रयास के लिए सघन दस्‍त नियंत्रण पखवाड़े (आईडीसीएफ) का शुभारंभ किया। मंत्रालय ने बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर को दुनिया के स्‍वास्‍थ्‍य स्‍तर के समान लाने के लिए इसे राष्‍ट्रीय प्राथमिकता बना दिया है। मंत्रालय अपनी इस पहल के माध्‍यम से दस्‍त के नियत्रंण में निवेश को प्राथमिकता देने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों, राज्‍य सरकारों और अन्‍य fgddldlहितधारकों को दस्‍त के नियंत्रण में निवेश को वरीयता देगा। इसका लक्ष्‍य दस्‍त के सबसे सस्‍ते और सबसे प्रभावकारी उपचार मौखिक पुनर्जलीकरण साल्‍ट के मिश्रण (ओआरएस) घोल और जिंक टेबलेट का इस्‍तेमाल करने की जन जागरूकता पैदा करना है।

पखवाडे़ के दौरान गांव, जिला और राज्‍य स्‍तर पर स्‍वच्‍छता के लिए गहन समुदाय जागरूकता अभियान और ओआरएस एवं जींक थेरेपी का प्रचार किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत देशभर में 5 वर्ष से कम की आयु के लगभग 12 करोड़ बच्‍चों को शामिल किया जाएगा।

दस्‍त के कारण होने वाली लगभग सभी मौतों को मौखिक पुनर्जलीकरण साल्‍ट के मिश्रण (ओआरएस) और जिंक गोलियों के इस्‍तेमाल द्वारा शरीर में जल की कमी के उपचार के साथ-साथ बच्‍चों को भोजन में पर्याप्‍त पोषक तत्‍व देकर रोका जा सकता है। शुद्ध पेयजल, स्‍वच्‍छता, स्‍तनपान, समुचित पोषण और हाथ धोकर दस्‍तों से बचाव किया जा सकता है। आशा कार्यकर्त्‍ता  अपने गांवों में 5 वर्षों से कम आयु के बच्‍चों वाले घरों में ओआरएस के पैकट्स के वितरण करेंगी। स्‍वास्‍थ्‍य देख-रेख केंद्रों और गैर स्‍वास्‍थ्‍य देख-रेख केंद्रों जैसे विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर ओआरएस-जिंक कॉर्नर स्‍थापित किये जाएंगे। प्रथम पंक्ति की कार्यकर्त्‍ताएं द्वारा ओआरएस घोल तैयार करने विधि प्रदर्शन के साथ-साथ, खान-पान और स्वच्‍छता संबंधी परामर्श देंगी। इस गतिविधि को भारत सरकार के अन्‍य मंत्रालयों, विशेषकर शिक्षा, पंचायती राज संस्‍थान, महिला एवं बाल कल्‍याण, जल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय द्वारा प्रोत्‍साहित किया जाएगा।

भारत में पिछले दो दशकों में बच्‍चों की मृत्‍यु दर में काफी कमी आयी है। शिशु मृत्‍यु दर (आईएमआर) और 5 वर्षों से कम आयु के बच्‍चों की मृत्‍यु दर में लगातार गिरावट आयी है। इस अ‍वधि के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं और प्रतिरक्षण तक बच्‍चों की पहुंच बढ़ने से गिरावट आयी है। फिर भी एक आकलन के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 10.1 लाख बच्‍चों की मृत्‍यु होती है जिसमें दस्‍तों के कारण लगभग 1.1 लाख बच्‍चों की मृत्‍यु शामिल है।

इस बीमारी की रोकथाम के लिए पहले से ही क्षमता निर्माण सभी सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर बच्‍चों में दस्‍त की रोकथाम  के लिए कर्मचारियों के सेवा प्रावधान के साथ ही विटामिन ए की आपूर्ति, शीघ्र स्‍तनपान की शुरूआत, पहले 6 माह तक बच्‍चों को केवल स्‍तनपान, समुचित पोषण जैसे उपाय लागू किये गए हैं।

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