39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वन्य जीव तस्करी के सम्बन्ध में अधिकारियों की बैठक लेते हुए विभागीय मंत्री दिनेश अग्रवाल

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, खेल, विधि एवं न्याय विभाग मंत्री दिनेश अग्रवाल ने आज विधान सभा स्थित अपने कक्ष में वन्य जीव तस्करी व

एक साथ सात लेपर्ड की खालें बरामद होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों एक महत्पूवर्ण बैठक ली।
उन्होंने खाल पकड़े जाने के मामले को गम्भीरता से लिया और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए अधिकारियों को फटकार लगायी। उन्होंने अधिकारियों को तलब करते हुए पूछा कि क्या वजह है कि वन विभाग पशु तस्करी को पूर्णतय रोक लगाने में नाकाम हुआ। विभाग की सर्विलांस और विजिलेंस का गठन सिर्फ नाम के लिए नहीं किया गया है बल्कि वन्य जीवों की सुरक्षा पर पैनी नजर रखी जा सके इसलिए किया गया है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी राज्य सरकार से दी जाने वाली तमाम सुविधा और सहायता के बाद भी काम पर कम और ट्रांसफर-पोस्टिंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होने पर कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात भी कही। साथ ही उक्त मामले में दोषियों की जिम्मेदारी और कार्रवाई के निर्देश भी दिये।
श्री अग्रवाल ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी एंटी पोचिंग सेल अपना खूफिया तंत्र विकसित कर काम करें, वहीं डीएफओ या इससे बड़े स्तर के अधिकारी अपने क्षेत्रों के फोरेस्ट गेस्ट हाउसों में ठहरें। प्रत्येक अधिकारी को  90 रात्री व 120 दिन इन गेस्ट हाउस में ठहर कर पूरी रेंज और लोकल स्तर पर स्थिति की जानकारी जुटानी होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की सक्रियता बढ़ाकर ही वन्य जीव तस्करों के हौंसले पस्त किये जा सकते हैं। लाॅग रेंज पेट्रोलिंग टीम को वाइल्ड लाइफ के साथ ही अब टेरीटरी एरिया में भी जीपीएस सिस्टम से लैस होकर काम करना अनिवार्य होगा, जिससे कर्मियों के कार्यो की भी माॅनिटरिंग की जा सकेगी।
वन मंत्री ने कहा कि अब वन विभाग, स्टेट विजिलेंस, एलआईयू, एक्साइज विभाग संयुक्त टीम बनाकर तस्करी के विरूद्व अभियान चलायेंगे। ये टीम वनों में तस्करी के लिए सेंसटिव बैरियरोें पर सघन चैकिंग अभियान चलायेगी। जिसके लिए डीजी पुलिस व मुख्य सचिव स्तर पर पहले भी वार्ता की जा चुकि है, साथ ही डीएफओ और एसपी संयुक्त रूप से तस्करी के संदिग्धो के दूरभाष नम्बर को सर्विलंास करने के लिए अधिकृृत होंगे।
उन्होंने कहा कि पशु तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए आस पास के ग्रामीणों, विजेलंेस और एलआइयू के कर्मचारियों को वन्य जीव तस्करी को रोकने में सहायता करने या सूचना देने पर पुरस्कुत करने की भी बात कही। हर उस व्यक्ति को वन विभाग की ओर से पुरस्कृत किया जायेगा जो वन्य जीव तस्करी सम्बंधित सूचना विभाग के हेल्पलाइन नम्बर  9208008000 पर देगा।
श्री अग्रवाल ने बंदरो के आतंक को कम करने के लिए चलाये गये अभियान की भी समीक्षा की जिसमें बंदर बाड़ों का निर्माण तेजी से किये जाने की जानकारी अधिकारियों ने दी और बताया कि विभाग की टीम ने अकेले देहरादून से अब तक 1135 बंदरो के पकड़े जाने की जानकारी दी। मंत्री ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ये भी निर्देश दिया कि मानव जीव संघर्ष के तहत पीडि़तों को बंदरों के काटने पर लगाये जाने वाली एंटी रेबीज इंजेक्शन भी उपलब्ध कराये जायें।
बैठक में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड वीना शेखरी, सी.डब्ल्यू.एल.डब्ल्यू दिगविजय सिंह खाती, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल गंभीर सिंह नेगी, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व नीना ग्रेवाल, प्रभागीय वनाधिकारी पौड़ी गढ़वाल रमेशचन्द्र सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More