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उपराष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं को तेजी से लागू करने को कहा

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू से भेंट की और उन्हें अपने मंत्रालय के कार्यकलापों से अवगत कराया।

रक्षा मंत्री ने उपराष्ट्रपति को आंध्र प्रदेश सहित देश भर में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न रक्षा परियोजनाओं की दिशा में हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी।

उपराष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री को आंध्र प्रदेश में रक्षा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने में व्यक्तिगत रुचि लेने की सलाह दी। दरअसल, आंध्र प्रदेश में अनेक परियोजनाओं की आधारशिला श्री नायडू ने तब रखी थी, जब वह एक केन्द्रीय मंत्री थे। उन्होंने यह इच्छा जताई कि रक्षा मंत्री को परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आड़े आ रही बाधाओं को दूर करना चाहिए।

इस दौरान जिन परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया, उनमें कृष्णा जिले के निम्माकुरु में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की उन्नत नाइट विजन डिवाइस फैक्ट्री भी शामिल है। यह उम्मीद की जा रही है कि तकरीबन 300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह फैक्ट्री नाइट विजन डिवाइस की भावी जरूरतों को पूरा करेगी। जब इसकी आधारशिला रखी गई थी तो उस दौरान श्री नायडू के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे।

इस दौरान अनंतपुर जिले के पलासामुद्रम में बीईएल के रक्षा प्रणाली एकीकरण परिसर पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह अत्याधुनिक यूनिट वर्तमान में जारी मिसाइल कार्यक्रमों के साथ-साथ आगामी मिसाइल कार्यक्रमों के लिए भी मिसाइल एवं हथियार प्रणालियों के विनिर्माण की जरूरतों को पूरा करेगी। इसकी आधारशिला श्री नायडू और तत्कालीन रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली ने रखी थी।

विचाराधीन अन्य परियोजनाओं में नेल्लोर जिले के बोद्दुवरीपलेम में मिश्र धातु निगम लिमिटेड का नया एल्युमीनियम एलॉय उत्पादन संयंत्र, कृष्णा जिले के नागायालंका में मिसाइल परीक्षण यूनिट, विशाखापत्तनम के निकट रामबिली में नौसेना वैकल्पिक परिचालन आधार (एनएओबी) और विजयनगरम जिले के बोब्बिली में नैवल एयर स्टेशन शामिल हैं।

उपराष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री को इन परियोजनाओं पर काम जल्द से जल्द शुरू करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह इच्छा भी जताई कि रक्षा मंत्री को उन परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लानी चाहिए, जिनके लिए मंजूरियां पहले ही प्राप्त हो चुकी हैं।

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